Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

चतरा जिला से पवन सागर ने झारखण्ड मोबाइल वाणी पर एक गीत प्रस्तुत किया है

चतरा जिले से नामधारी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की विगत दो माह से विभिन्न गावो में पेयजल की आपूर्ति हेतु जो डीप बोरिंग का कार्य हुआ है वह बिलकुल ख़राब है पंचायत की जलसहिया भी इस समस्या से अवगत है साथ ही हरिजन बस्ती में एक चापाकल भी है जिसे बनवाने के लिए जलसहिया और मुखिया को कहा गया हैपर उनका ध्यान कही और है इस समस्या पर नहीं अत:इन कारवाई की जाए जो जनता की समस्याओ को जानते हुए इसे ठीक नहीं कर रहे है.

जिला चतरा से सुबोध कुमार पाठक झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से एक कविता प्रस्तुत किये।

चतरा से सबिता बनर्जी मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला हिंसा को कैसे रोक जाए उसकी जानकारी दे रही है। वो बताती है कि हमें सबसे पहले उनलोगो की पहचान करनी बहोत जरुरी है जो लोगो इस तरह की हिंसाए करते है। आम तौर पर लोगो का यह मन्ना है कि पुरुष वर्ग ही महिलाओ पर हिंसा करते है मगर ये कहना बिलकुल गलत होगा। आज देखा जाता है कि घर की कई महिलाए भी गरेलू हिंसा को अंजाम देती है। इस हिंसा में घर की ननद,सास भी सामिल होती है।कई बार ऐसा भी होता है कि घर की जो बहु होती है वो अपने बूढी सास पर भी हिंसा करती है।ऐसे हालत में घरेलु हिंसा को रोकने के लिए सबसे पहले क्या करना चाहिए उसकी जानकारी ये दे रही है। सबसे पहले कानून में जो हिंसाओ को रोकने के लिए समाधान बताया गया है उसे लोगो को बताना। उन तक इसकी पूरी जानकारी पहुचना। क्युकी आज के तारीख में लोगो के पास इसकी जानकारी ही नही है। दूसरी बात ये बता रही है कि इन सभी की जानकारी ही देना ही काफी नही है बल्कि जो कानून में उल्लेखित सुविधाए है उसका क्य्रन्वयन भी सही तरीके से हो। क्युकी बहोत बार कानून में बहोत सारी बाते तो लिखी होती है मगर जब हम उसके वास्तविक जीवन में इस्तमाल करने जाते है तब पता चलता है कि हम कानून के दरवाजे पर तो पहुच गये है मगर इसकी कार्यवाही होने में वर्षो समय लग जाती है। और लोग पालिक और कोट के चक्कर लगा लगा के थक जाते है मगर उनको इंसाफ नही मिलता है। इसिलए एक तो जो जन सामान्य है उनको जागरूक कर के और दूसरा इसमें जो क़ानूनी सुविधा पहुचने वाले लोग है,खासकर के पुलिस प्रशाशन,न्यायपालिका से जुड़े जो लोग है उनको भी संवेदन शील बनाने की जरुरत है। तीसरी बात यह है कि इस हिंसा को रोक कैसे जाए तो इसके होने से पूर्व एक उपाय है। अगर किसी के साथ यह हिंसा हो रहा है और वह इस से निजत पाना चाहती है तो उस इन्सान को परामर्शी सेवा का उपयोग करना चाहिए। यह एक बड़ा माध्यम है जिससे लोग ऐसी हिंसाओ से निजत पा सकते है। लेकिन इसमें जो परामर्शी सेवा देने वाले लोग है उनको बहोत सहजता से लोगो को सभी बाते समझनी की आवश्यकता है।जो भी परामर्शी सेवा के सदस्य हो वो दोनो ही इन्सान जो हिंसा कर रहा है और जिसके साथ हिंसा हो रहा है उन्हें आमने सामने बिठा कर उनसे बात करे और दोनो तथ्य को सही तरीके से सुने।इसके बाद उन दोनो ही पक्षो को एक सही और उचित सलाह दे।जरुरत पड़ने पर पुलिस की सहायता भी ले। पुलिस के पास ऐसा अधिकार है कि वो ऐसे मामले को सुने और उसका निदान भी करे। इन्होने चेतना केंद्र के साथ ऐसे बहोत से मामले को देखा भी और उनके समस्या का समाधान भी किया है। हाल ही की एक घटना को बता रही है और साथ ही साथ कह रही है की परामर्शी सेवा का उपयोग लोगो जरुर करे। यही एक जरिया है जिससे लोगो गरेलू हिंसा से निजत पा सकते है।

Transcript Unavailable.

चतरा: आमना खातुन चतरा ज़िले के सिमरिया प्रखंड की रहने वाली हैं और वे एक वार्ड सदस्य हैं और वे अपने क्षेत्र में महिलाओं के साथ हो रही किसी भी प्रकार के हिंसा के खिलाफ आवाज उठती हैं और पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाती हैं.

अनिता यादव,चतरा जिले के चतरा प्रखंड से झारखंड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाह रही है की कैसे पंचायत प्रतिनिधि के साथ घरेलू हिंसा होती है वह ये बताना चाहती है और उनका कहना है की जब वो मुख्या बनी तो उसे कही आने जाने नही दिया गया तथा उनका सारा काम उनके पति करते थे और इस क्रेआ से जुड़े और इस प्रसिक्षण के द्वारा इतने जागरूक हुए की वह अब अपने कार्य करने मे सक्षम है और वह अब कही भी आ जा सकती है.

चतरा जिले के चतरा प्रखंड से अनीता यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बता रही है कि ये चतरा पंचायत के गंधारिया प्रखंड की मुखिया है। ये बता रही है कि कैसे पंचायत प्रतिनिधि के साथ भी घरेलू हिंसा होती है। जब अनीता जी मुखिया बनी उस वक्त इनके साथ भी हिंसा हुआ। इनको घर के बहार आने जाने के लिया घरवाले मन करने लगे। इनके अस्थान पर इनके पति काम करते थे और अपना कब्ज़ा जमाते थे हर काम पर। अंत में ये क्रिया से जुड़ी और इनको जब ट्रेनिंग मिला फिर जा कर इनमे हौसला आया और आज ये अपने कामो को स्वयं ही देख रही है।