कई स्थानों पर छठ घाटों की सफाई की जा रही है। ताकि छठ भक्तों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सुनिए इस कहानी को जो बच्चों को प्रेरित करती है दूसरों की मदद करके को लेकर |ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

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हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है।सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

गर्मी की धमक के साथ शहर में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। लेकिन अभी तक नगर निगम की ओर से शहर में फॉगिंग नहीं की जा रही है। जिससे शहर वासियों की परेशानी बढ़ गयी है। नगर निगम के पास है दो फॉगिंग मशीन: मोतिहारी नगर निगम के पास दो फॉगिंग मशीन है। लेकिन इनका संचालन नहीं हो रहा। दोनों मशीनें कार्यालय की ही शोभा बढ़ा रही है। मच्छरों का बढ़ा प्रकोप: शहर में मच्छरों का प्रकोप अचानक बढ़ गया है। शाम होते ही लोगों का घरों में रहना मुश्किल हो जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नाले की नियमित उड़ाही नहीं होने के कारण गंदे पानी का जमाव होने से मच्छरों की संख्या में इजाफा हुआ है। लोगों ने नगर निगम प्रशासन से तुरंत शहर में फॉगिंग कराने की मांग की है। नगर आयुक्त सौरभ सुमन यादव ने बताया कि जल्द ही वार्डवार रोस्टर के अनुसार फॉगिंग कराया जाएगा। ताकि शहरवासियों को मच्छर से निजात मिल सके।

ढाका नगर परिषद क्षेत्र में अधिकांश नाली जर्जर व क्षतिग्रस्त हो चुका है। इस जर्जर व क्षतिग्रस्त नाली से पानी का निकासी नहीं हो पा रहा है। पानी निकासी नहीं होने से नाली का पानी ओभरफ्लो होकर सड़क पर बहता रहता है। कई ऐसे पुराने नाली है जो मिट्टी में जमींदोज हो चुके है। इससे यह पता हीं नहीं चलता है कि यहां पर नाली भी नहीं है। कई ऐसे भी नाली भी है जिनका अतिक्रमण कर उसे मिट्टी में मिला दिया गया है। सबसे बुरा हाल तो ढाका मोतिहारी पथ में सड़क किनारे बने नाली का है, जिससे पानी का निकासी बंद है। जगह जगह नाली क्षतिग्रस्त है। उसमें कचरे भरे रहने के कारण पानी का निकासी नहीं हो पाता है। नाली निर्माण पर ढाका में करोड़ों खर्च हो चुके है लेकिन इससे नगरवासियों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है। वार्ड न. 9 व 12 में नाली का पानी हमेशा सड़क पर बहता रहता है, जिससे लोगों के खाली पड़े जमीन में जलजमाव होने से काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

बिहार राज्य के जिला चम्पारण से हमारे श्रोता यह बताना चाहती है कि उनको शौचालय का सुविधा नहीं मिला है

मेरा नाम ब्रजेश कुमार है , मैं जुकियारी पंचायत और पूर्वी चंपारण का निवासी हूं और मेरी पंचायत में सड़क की बहुत सारी समस्या, शौचालय की समस्या और गरीब परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।

आवास का पैसा नहीं मिला है। अभी मेरा शादी नहीं है अभी रोड और का नाला भी नही है गिराने के लिए और इंदिरावास भी नहीं मिला है । हरियाली की समस्या यह है कि हमें पानी गिराने के लिए भी नहीं मिला है । बहुत गरीब लोग हैं ।

नमस्कार सुगौली से अमलालम खान विशेष रिपोर्ट सुगौली ब्लॉक श्यामपुर में एक उन्नत माध्यमिक प्लस टू स्कूल है और इसमें शिक्षण की प्रणाली अन्य स्कूलों से अलग है । स्कूल में शिक्षकों के आराम करने और बच्चों के नीचे से ऊपर तक धामपोड़ी में समय बिताने का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है , जबकि स्कूल ऊपर से नीचे तक गंदगी से भरा होता है और शौचालय तक पहुंच नहीं होती है । दो सफाईकर्मी काम कर रहे हैं । विद्यालय परिसर के छात्रों के लिए अभी तक पीने के पानी की सुविधा नहीं है । विद्यालय के सामने का परिसर कचरे से भरा हुआ है और विद्यालय की खिड़की के टूटे हुए कांच के टुकड़े चारों ओर बिखरे हुए हैं । स्कूल के रखरखाव और पेंटिंग के लिए धन के बाद भी , केवल स्कूल के सामने के हिस्से और निचली मंजिल के कुछ हिस्सों को चित्रित किया गया है । कक्षा 1 से 12 तक के लिए कुल दस शिक्षकों की नियुक्ति की गई है , जिसमें इंटर के लिए एक शिक्षक भी शामिल है । गुरुवार को स्कूल की स्थिति को देखते हुए ऐसा लगा कि स्कूल की इमारत केवल सरकार के लिए है । खर्च करने के लिए केवल पैसा है , स्कूल में शिक्षा , सफाई , अनुशासन दूर नहीं है , लगभग तीन महीने पहले मिडिल स्कूल परिसर में लाखों रुपये से बना शौचालय पूरी तरह से ढह गया है । न्यायाधिकरण में कोई पाइप नहीं है , शौचालय की दवा है । उम्मीदवारों की टाइल्स टूटी हुई हैं , स्कूल भवन की खिड़कियां टूटी हुई हैं , कुल दो सौ छियासठ छात्र नामांकित हैं , जिनमें कक्षा एक से आठ तक के एक सौ इकासी छात्र और कक्षा नौ से बारह तक के एक सौ पाँच छात्र शामिल हैं , जिनमें से स्कूल को पूरा करना मुश्किल है ।