आपने कभी सोचा है कि हम शिक्षा क्यों लेते हैं, इतिहास, गणित, भूगोल का अध्ययन करने की क्या आवश्यकता है, क्या आपने कभी सोचा है कि आप स्कूल और कॉलेज क्यों जाते हैं, आपका जवाब माता-पिता को भेजा जाएगा, शायद इसलिए कि उन्होंने भी परीक्षा उत्तीर्ण की है?विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।

बिहार राज्य के पूर्वी चम्पारण से राजेश ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बीआरएबीयू में स्नातक पहले वर्ष में दाखिले के लिए आवेदन की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो गई। पहले दिन पोर्टल 10 बजे की जगह दोपहर 12 बजे खुला। पहले दिन दो हजार छात्रों ने दाखिले के लिए ऑनलाइन फार्म भरे। पोर्टल पर 121 कॉलेजों के नाम दिये गये हैं, जिनमें छात्र आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल पर से कॉलेजों में चलने वाले सेल्फ फिनांस के कोर्स हटा दिये गये हैं। सरकार द्वारा इन कोर्स की सीट अनुमोदित नहीं थी। कई बड़े कॉलेज में सेल्फ फिनांस के कोर्स चल रहे थे। पहली बार बीआरएबीयू ने स्नातक में आवेदन के लिए एप लांच किया है। हालांकि, पहले दिन एप से आवेदन करने में दिक्कत आयी। आवेदन के लिए पोर्टल 15 मई तक खुला रहेगा। इसके बाद मेरिट लिस्ट जारी की जायेगी। मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद छात्रों का दाखिला शुरू होगा। जुलाई से पहले सेमेस्टर की कक्षा शुरू हो जायेगी। स्नातक में पिछले वर्ष 1 लाख 42 हजार छात्रों ने दाखिला लिया था।

स्थानीय रेलवे स्टेशन जीआरपी पुलिस स्टेशन में बाल स्वास्थ्य के पर्यवेक्षक अमित कुमार और उनके सहयोगी अभिषेक कुमार, किशनगंज अरारिया जिले के बच्चे गुजरात के सूरत में एक मदरसे जा रहे थे,सुगौली में चाइल्ड हेल्प लाइन मोतिहारी जाने वाली अवध एक्सप्रेस से उतार दिया गया।

अगर लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत की जाए तो सफलता आपके कदम चुमती है। इसे सही साबित किया है जिले के केसरिया प्रखंड के हुसैनी पंचायत वार्ड नंबर 12 निवासी अफजल अली ने। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर पूरे पूर्वी चंपारण जिले का नाम रौशन किया है। वह केसरिया परियोजना के आंगनबाड़ी सेविका शहनाज नूरी का पुत्र है। वहीं पिता अमजद अली सरकारी विद्यालय में शिक्षक के पद पर कार्यरत है। वहीं बेटे ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईपीएस बनने में सफलता हासिल की और माता पिता समेत पूरे जिले का नाम रौशन किया है। अफजल ने यूपीएससी की परीक्षा में 574 वां रैंक प्राप्त किया है। उनका आईपीएस में सेलेक्शन हुआ है। मंगलवार को संघ लोक सेवा आयोग की ओर से 2023 का रिजल्ट जारी किये जाने के बाद जैसे ही सूचना मिली, गांव के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी। अफजल के घर पर पहुंचकर बधाई देनेवाले लोगों का तांता लग गया। अफजल के पिता अमजद अली ने बताया कि अफजल भाई में अकेला है। उसकी तीन बहने हैं। अफजल गांव के सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर सैनिक स्कूल तक का सफर तय किया। नालंदा स्थित सैनिक स्कूल से वर्ष 2015 में दसवीं बोर्ड में 95 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण किया। वहीं वर्ष 2017 में 12 वीं की पढ़ाई 69 प्रतिशत अंक के पास किया। बीएचयू से जियोग्राफी से वर्ष 2021 में 75 प्रतिशत अंक के साथ ग्रेजुवेशन किया। स्नातक कंप्लीट कर वर्ष 2021 से यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। अफजल ने बताया कि लगातार दो प्रयासों में असफलता हांथ लगी, पर उसने हार नहीं मानी और जुनून के साथ तैयारी जारी रखी। तीसरी बार में उसे सफलता मिल हीं गई और आइपीएस बनकर नाम रौशन करेगा। वही अफजल ने बताया कि दूर दृष्टि व कठिन परिश्रम से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।

शिक्षा विभाग के निर्देश के आलोक में प्रखंड क्षेत्र के उच्च माध्यमिक विद्यालय छापरा बहार दक्षिण में अभिभावक संगोष्ठी और दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया।इस अवसर पर प्रतिभाशाली छात्रों को पुरस्कृत किया गया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुसार मंगलवार को यू. एस. एम./एस. कर दहेज शिक्षक अभिभावक सेमिनार वार्षिक मूल्यांकन प्रगति पत्रक समारोह द्वारा उर्दू में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के दौरान छठी, छठी और आठवीं कक्षा के छात्रों को स्वर्ण, रजत और क्रॉस पदक से सम्मानित किया गया। तीसरे स्थान पर आने के लिए अब्दुल कुद्दुत खान को रजत पदक और चटवा में पहले स्थान पर रहने के लिए सीता खान को स्वर्ण पदक और तीसरे स्थान पर रहने के लिए खुशी कुमारी को रजत पदक से सम्मानित किया गया।

मिशन दक्ष अभियान में शामिल बच्चे जिनमें अपेक्षित सुधार नहीं हुआ तथा जो वार्षिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण रह गये, उनके लिए राज्य के सरकारी स्कूलों में विशेष कक्षाओं का संचालन सोमवार से शुरू हुआ। ये कक्षाएं 14 मई तक चलेंगी। इन विशेष कक्षाओं में बच्चों को हिन्दी, अंग्रेजी और गणित पढ़ाया जाएगा। विशेष कक्षाओं की मॉनिटरिंग बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से की जाएगी। मालूम हो कि पढ़ाई में कमजोर कक्षा तीन से आठ तक के 35 लाख बच्चों को मिशन दक्ष अभियान में शामिल किया गया था। इसकी शुरुआत एक दिसंबर 2023 में हुई थी। अब इसकी आगे की कड़ी में विशेष कक्षाएं चलायी जा रही हैं। विशेष कक्षाओं में पांचवीं और आठवीं के उन उत्तीर्ण बच्चों को भी शामिल किया जाएगा, जिनका चयन मिशन दक्ष अभियान में किया गया था। इन बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करते हुए विशेष कक्षा में शामिल किया जाएगा। बीईपी के पदाधिकारी बताते हैं कि सभी जिलों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गयी है कि उनके यहां कितने बच्चों को विशेष कक्षा में शामिल किया गया है। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि गर्मी की छुट्टी के दिनों में भी प्रतिदिन दस से 12 बजे तक इन बच्चों की विशेष कक्षाएं ली जाएंगी। 15 मई को फिर ऐसे बच्चों का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसमें देखा जाएगा कि उनमें क्या प्रगति हुई है।

बनो नई सोच ,बुनो हिंसा मुक्त रिश्ते की आज की कड़ी में हम सुनेंगे महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और हिंसा के बारे में।

इंटर की परीक्षा में साइंस विषय से जिला में साइंस टॉपर बना नीरज कुमार अपने पिता के आकस्मिक निधन के बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारा और अपनी पढ़ाई को जारी रखा। आज उसके टॉपर बनने पर पूरे गांववासी हर्षित है। ढाका प्रखंड अंतर्गत गड़हिया गांव निवासी रामजीवन दूबे के पुत्र नीरज कुमार को 500 में से 473 अंक प्राप्त हुआ है। मैथ में उसे 100 में 100, केमेस्ट्री में 97, फिजिक्स में 88, हिन्दी में 98 व अंग्रेजी में 90 अंक मिला है। वह एम एस कॉलेज, मोतिहारी का छात्र है। उसने इंटरमीडिएट परीक्षा की तैयारी मोतिहारी में रहकर की। मैट्रिक की परीक्षा श्री सर्वजीत सिंह उच्च माध्यमिक विद्यालय भंडार से पास की थी, जबकि प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से ही प्राप्त की। नीरज ने बताया कि उसके पिता किसान थे। छह माह पूर्व उनके पिता का आकस्मिक निधन हो गया, जिसके कारण वह पूरी तरह से टूट गया था लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए पूरी लगन व मेहनत से परीक्षा की तैयारी की। वह रेगुलर क्लास करता था तथा करीब आठ से दस घंटे तक पढा़ई करता था। मां सीमा देवी गृहिणी है। वे दो भाइयों में बड़े है।