बिहार के पिछड़े जिलों ने विकास योजनाओं में ‘आकांक्षी’ छलांग लगाई है। शानदार काम की बदौलत कई क्षेत्रों में देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। विभिन्न राज्यों के जिले निर्धारित मानकों पर बिहार के इन जिलों से पीछे रह गए हैं। खासकर कृषि और जल संसाधन के अलावा स्वास्थ्य और पोषण पर बिहार ने बेहतर काम किया है। इन क्षेत्रों में बिहार के जिलों को देश में पहला स्थान मिला है। यही नहीं ओवरऑल प्रदर्शन में बिहार के दो जिले टॉप पांच राज्यों में शामिल हैं। नीति आयोग ने देश के पिछड़े 112 आकांक्षी जिलों की अप्रैल के लिए चैंपियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिंग जारी की है। देश के पांच सर्वश्रेष्ठ आकांक्षी जिलों में गया को दूसरा स्थान मिला है, जबकि जमुई तीसरे स्थान पर है। वहीं, इन जिलों में कृषि और जल संसाधन के क्षेत्र में काम करने में गया का देश में सर्वेोच्च स्थान रहा है। जबकि स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में जमुई प्रथम स्थान पर है। उल्लेखनीय है कि देश के आकांक्षी जिलों में विकास के पैमाने पर प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए नीति आयोग हर महीने की रिपोर्ट कार्ड जारी करता है और अव्वल आने वाले जिलों को एक से तीन करोड़ तक अतिरिक्त राशि दी जाती है।

बिहार राज्य के जिला पूर्वी चम्पारण के पीपराकोठी प्रखंड से राजेश मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि पिछले पांच वर्ष से सदर अस्पताल परिसर बरसात के समय दो से ढाई फीट पानी में डूबा रहता है। जिससे मरीज से लेकर डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों की परेशानी बढ़ जाती है। साथ ही गंदे पानी के जमाव से संक्रामक बीमारी का भी खतरा बना रहता है।फिर से जलजमाव होने का है अंदेशा, नहीं दिख रही तैयारी मॉनसून का काउंटडाउन शुरू हो गया है। कभी भी बारिश शुरू हो सकती है। लेकिन सदर अस्पताल में जलजमाव के निदान के लिए कोई तैयारी नहीं दिख रही। अभी तक पानी की निकासी के लिए न तो नाला की सफाई की गयी है और न ही नया नाला निर्माण की योजना पर काम शुरू किया गया है।

 कल्याणपुर प्रखंड के कैथवलिया में 20 जून से विराट रामायण मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। विराट रामायण मंदिर की लंबाई 1080 फीट व चौड़ाई 540 फीट है। जबकि अयोध्या में बन रहे मंदिर से भी ऊंचा होगा। मंदिर का क्षेत्रफल 3.67 लाख वर्ग फीट होगा। सबसे ऊं चा शिखर 270 फीट का होगा। इसके बाद 198 फीट का एक,180 फीट का चार, 135 फीट का एक, 108 फीट का पांच शिखर होंगे। मंदिर की लंबाई 1080 फीट व चौड़ाई 540 फुट होगी। मंदिर में देवी-देवताओं के कुल 22 मंदिर होंगे। मंदिर में साढ़े दस सौ टन स्टील से 3102 पिलरों का निर्माण होगा। पाइलिंग कार्य में 15 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट की भी खपत होगी। मंदिर निर्माण के लिए अभी 120 एकड़ जमीन उपलब्ध है। पांच साल बाद शुरू हुआ काम कंबोडिया सरकार की आपत्ति के कारण विराट रामायण मंदिर का काम बीते पांच वर्षों से शुरू नहीं हो सका था। कंबोडिया सरकार ने मंदिर के पहले नाम विराट अंकोरवाट मंदिर के नाम पर वर्ष 2012 में आपत्ति जतायी थी। आपत्ति के बाद महावीर मंदिर न्यास ने मंदिर का नाम विराट रामायण मंदिर कर दिया।

शहर के नगर भवन में लगे डिजनीलैंड में छह बदमाशों ने मिलकर युवक की चाकू गोद हत्या कर दी। घटना रात साढ़े ग्यारह बजे की है।मृतक का नाम ओम कुमार है जो मुफस्सिल थाने के थरघटवा गांव का रहने वाला है। वह अपने नाना सुरेन्द्र सहनी के यहां बेलबनवा मोहल्ले में रहकर इंटर में पढ़ता था।

मधुबन पुलिस ने वाहन जांच के दौरान पुरन्दर वाजितपुर से जाली नोट की खेप के साथ तीन धंधेबाजों को गिरफ्तार किया है। सौ व दो सौ के 13 हजार आठ सौ रुपये नोट है। पकड़े गये धंधेबाजों में राजेपुर थाना क्षेत्र के सिमराहा के नीरज कुमार,धनंजय कुमार व शिवहर जिले के विशुनपुर किशदेव गांव के अरुण कुमार सिंह शामिल है।

पीपराकोठी पुलिस ने गुप्त सूचना के अधार पर छापामारी कर वाटगंज में छुपाकर रखे चोरी की चार बाइकों के साथ एक को गिरफ्तार किया। जिसे पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया। थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि वाहन जांच के दौरान मिली सूचना पर वाटगंज में छपेमारी की गई। जहां से चारों बाइक को जब्त की गई। वहीं पुलिस को देख भाग रहे बाइक चोर को खदेड़कर पकड़ा गया।गिरफ्तार बाइक चोर उक्त गांव का कमलेश चौधरी बताया जाता है। जिससे गहन पुछताछ के बाद जेल भेज दिया गया।

महामहिम राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर आज सोमवार को पीपराकोठी के कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को संबोधित करेंगे। वे कृषि विज्ञान केंद्र के अटल सभागार में किसान-लाभार्थी सम्मेलन कार्यक्रम में भाग लेंगे। केविके प्रमुख डा. अरबिंद कुमार सिंह ने बताया कि महामहिम जिले के सभी क्षेत्रों से आए किसानों व लाभार्थियों को संबोधित करेंगे। वहीं तकनिकपूर्ण कृषि के क्षेत्र में चलाये जा रहे सभी योजनाओं की जानकारी लेंगे। बताया कि महामहिम का सम्बोधन 10 बजे होगा। किसान-लाभार्थी सम्मेलन से संबंधित सभी तैयारी कर ली गई है। कार्यक्रम को पूर्व केंद्रीय मंत्री सह मोतिहारी सांसद राधामोहन सिंह भी संबोधित करेंगे।

पीपराकोठी में सूबे के महामहिम राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकार स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित किसान लाभार्थी सम्मेलन में भाग लेने के लिए एक दिवसीय दौरे पर सोमवार को पीपराकोठी पहुंचेंगे। दौरे को लेकर रविवार को स्थानीय सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया। सांसद श्री सिंह ने बताया कि इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल द्वारा पशु प्रजनन केंद्र के अंदर भ्रूण प्रत्यारोपण विधि प्रयोशाला व रेलवे के सीआरसी फंड से संचालित बम्बू प्रदर्शनी व प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन करेंगे।  के दौरे को लेकर तैयारी को दुरूस्त करने का निर्देश दिया।

भूजल के अंधाधुंध दोहन से पृथ्वी की धुरी हिल गई है। इस कारण वर्ष 1993 और 2010 के बीच पृथ्वी करीब 80 सेंटीमीटर (31.5 इंच) पूर्व की ओर झुक गई है। इतना ही नहीं, भूजल निकासी के कारण बड़े पैमाने पर समुद्र के स्तर में वृद्धि भी देखी गई है। जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित नए अध्ययन से यह खुलासा हुआ है। इसके अनुसार, भूजल की कमी तथा इसके परिणामस्वरूप हुए समुद्र के स्तर में वृद्धि के कारण पृथ्वी का ध्रुव 4.36 सेंटीमीटर प्रति वर्ष की गति से 64.16 पूर्व की ओर खिसक गया है। आमतौर पर ध्रुवीय बर्फ की चादरों और पर्वतीय ग्लेशियरों के पिघलने को जलवायु परिवर्तन से जुड़े समुद्र के स्तर में वृद्धि के मुख्य कारण के रूप में समझा गया है। लेकिन अध्ययन से साफ है कि सिंचाई के कारण भूजल की कमी ने भी समुद्र स्तर बढ़ाने में योगदान दिया है। जलवायु मॉडल के आधार पर, वैज्ञानिकों ने पहले अनुमान लगाया था कि मनुष्य ने 2,150 गीगा टन भूजल निकाला गया, जो समुद्र स्तर में छह मिलीमीटर से अधिक वृद्धि के बराबर है। नासा के जेट प्रोपल्शन लैब के वैज्ञानिक सुरेंद्र अधिकारी ने कहा, भूजल का स्थान इस बात के लिए मायने रखता है कि यह ध्रुवीय बहाव को कितना बदल सकता है।

सूबे में प्री मानसून सीजन के बाद अब मानसून सीजन में भी बादलों की दगाबाजी जारी है। एक जून से 15 जून तक जारी बारिश के आंकड़ों के अनुसार राज्य भर में मानक से 83 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। इस अवधि में सूबे में 57.2 मिमी बारिश होनी थी लेकिन मात्र 9.2 मिमी बारिश हुई। राज्य के नौ जिलों में बारिश की किल्लत शत प्रतिशत तक पहुंच गई है। यहां बारिश का आंकड़ा शून्य रहा है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार अरवल, औरंगाबाद, बेगूसराय, भभुआ, पूर्वी चंपारण, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, सारण, सीवान और वैशाली में सौ फीसदी कम बारिश हुई है। वहीं बक्सर, गोपालगंज, जमुई, नवादा, रोहतास, समस्तीपुर और पश्चिमी चंपारण में 99 प्रतिशत बारिश की कमी है, जबकि भोजपुर में 98 प्रतिशत और मुंगेर में 96 प्रतिशत कम बारिश हुई है। राज्य भर में एक मात्र अररिया जिला है, जहां बारिश की किल्लत का प्रतिशत 50 से कम है। अररिया में 44 प्रतिशत कम बारिश हुई है। पिछले एक हफ्ते में बारिश की गतिविधियों पर नजर डालें तो राज्य भर में नौ जून से 15 जून के बीच 28.5 मिमी बारिश होनी थी, लेकिन मात्र 9.1 मिमी बारिश हुई जो सामान्य से 68 प्रतिशत कम है।