साल 2024 में राष्ट्रीय महिला आयोग को 25743 शिकायतें मिलीं जिसमें से 6,237 (लगभग 24%) घरेलू हिंसा से जुड़ी थीं. इसी रिपोर्ट के अनुसार 54% शिकायतें उत्तर प्रदेश से आईं, जो घरेलू हिंसा से जुड़ी शिकायतों में उत्तर प्रदेश की प्रमुखता को दिखाता है. उत्तर प्रदेश से 6,470 शिकायतें आई थीं, तमिलनाडु से 301 और बिहार से 584 शिकायतें दर्ज की गई थीं.

ज़िन्दगी के कुछ पलों में लड़को को भी रोने का मन करता है और ऐसे समय में रो लेना कितना ज़रूरी है। पर क्या हमारा समाज इतनी आसानी से लड़कों को रोने की आज़ादी दे दे सकता है ? क्या केबल रोने या न रोने से ही साबित होता है की वो इंसान कितने मज़बूत किरदार का मालिक है ? और क्या इसी एक वाक्य से हम बचपन में ही लिंग भेद का बीज बच्चो के अंदर ने दाल दे रहे है जो पड़े होते होते न जाने कितने और लोगो को अपनी चपेट में ले चूका होता है ! आप के हिसाब से अगर लड़के भी दिलका बोझ हल्का करने के लिए रोयें और दूसरों से नरम बर्ताव करे तो समाज में क्या क्या बदल सकता है ? इस सभी पहलुओं पर अपनी राय प्रतिक्रिया और सुझाव जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। और हां साथियों अगर आपके मन में आज के विषय से जुड़ा कोई सवाल हो तो वो भी जरूर रिकॉर्ड करें। हम आपके सवाल का जवाब तलाश कर आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे।

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के ग्राम स्वजना से रंजन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से वार्ड नंबर 9 की पंच मनिता देवी से हुई। मनिता कहती है कि महिला के जमीन होने पर उनका विकास होता है ,वो आगे बढ़ सकती है। बच्चों को अच्छे से पढ़ा सकती है। महिलाओं के नाम जमीन खरीदने से महिला आर्थिक रूप से मज़बूत हो रही है। घर का विकास होता है। जमीन मिलने से महिलाएँ खुश है। समाज में महिलाओं के नाम जमीन होना चाहिए।

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के स्वजना ग्राम से रंजन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से वार्ड नंबर 9 निवासी प्रीति कुमारी से हुई। प्रीति कहती है कि इनके गाँव की महिला रीता देवी को मायके में जमीन मिला था। वो बेला की रहने वाली है। वो स्वजना ग्राम में घर बनाया जमीन मिलने से उनके जीवन में बहुत परिवर्तन हुआ है। बच्चों की अच्छी परवरिश की ,उन्हें शिक्षा दिलवाया अब वे नौकरी भी कर रहे है

गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू आलू के फसल में लगने वाला झुलसा रोग के बारे में जानकारी दे रहे हैं ।

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के बनाडीह ग्राम से रंजन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से निकिता से हुई। निकिता कहती है कि जब से महिलाओं के नाम जमीन होने लगा है तब से महिला आत्मनिर्भर हो गयी है। महिला के नाम से जमीन होने पर महिला व्यापार करने लगी है और समाज में सम्मान पाने लगी है। जमीन में महिलाओं का अधिकार होना चाहिए इससे महिलाओं के जीवन में बदलाव आएगा

बिहार राज्य के जमुई ज़िला से रंजन मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि जब से महिलाओं को भूमि का अधिकार दिया जाना प्रारंभ हुआ है तब से महिलाओं के जीवन में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। पुरुष प्रधान समाज में पहले महिलाओं को जमीन अधिकार नहीं मिलता था पर अब महिलाओं को जमीन मिलने लगा है। इससे महिलाओं का सम्मान बढ़ रहा है। इससे महिलाएं समझ रही है कि अगर भूमि महिला के नाम होगा तो इन्हे भी जीने का अधिकार दिया जाएगा। महिलाएं विशेष परिस्थिति में ही उस भूमि को इधर उधर करती है अन्यथा वो कभी भी अपने भूमि के टुकड़े को हटाना नहीं चाहती है। घर की सारी जिम्मेदारी महिलाएं बखूबी निभाती थी और जब से जमीन का अधिकार मिलना शुरू हुआ है तब से महिलाएं और अच्छे से अपनी जिम्मेदारियाँ निभा रही है।

दोस्तों, गरीबी के खिलाफ भारत की लड़ाई में महिला भूमि अधिकार एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है। यह केवल संपत्ति का हस्तांतरण नहीं, बल्कि शक्ति का हस्तांतरण है। तब तक आप हमें बताइए कि , *---- क्या आपको लगता है कि महिलाओं के नाम जमीन होने से परिवार की आय बढ़ती है? अपना अनुभव बताएं। *---- आपके गाँव में महिलाओं को जमीन के कागज़ात मिलने से किस तरह के बदलाव आए हैं? *---- क्या आपके परिवार या समुदाय में ऐसी कोई महिला है, जिसकी ज़िंदगी जमीन मिलने के बाद बदली हो?

आपलोग हमें बताएं कि केवल परीक्षा में लाये हुए अच्छे नंबर ही एक अच्छा और सच्चा इंसान बनने का माप दंड कैसे हो सकता है? अक्सर देखा जाता है कि माता पिता अपने बच्चों के तुलना दूसरे बच्चों से करते है. क्या यह तुलना सही मायने में बच्चे को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करती है या उनके मन में नकारात्मक सोच का बीज बो देती है ? आपको क्या लगता है? इस पर आप अपनी राय, प्रतिक्रिया जरूर रिकॉर्ड करें। और हां साथियों अगर आज के विषय से जुड़ा आपके मन में किसी तरह का सवाल है तो अपने सवाल रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवालों का जवाब ढूंढ कर लाने की पूरी कोशिश करेंगे।

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