माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद की जयंती है। मेजर ध्यानचंद को उनके अद्वितीय हॉकी कौशल और खेल के प्रति समर्पण के लिए याद किया जाता है। उन्होंने भारत को हॉकी में कई अंतरराष्ट्रीय जीत दिलाकर देश का गौरव बढ़ाया है। आज के दिन खेल के क्षेत्र में अहम योगदान देने वाले खिलाड़ियों को भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित करते हैं। बच्चों और युवाओं में खेल के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से,स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया जाता है। जगह - जगह खेल के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाता है। दोस्तों , खेल प्रतिस्पर्धा और मनोरंजन के दायरे से परे हैं। उनमें जीवन बदलने, चरित्र निर्माण करने और सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने की शक्ति है।आइए आज राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर हम प्रण करें कि हम खेलेंगे और लोगों को खेलने के लिए प्रेरित करेंगे। मोबाइल वाणी परिवार की तरफ से राष्ट्रीय खेल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

संचालन समिति की बैठक। जिलाधिकारी राकेश कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय के संवाद कक्ष में जिला खेल संचालन समिति की बैठक आहूत की गईं जिसमें श्रीकृष्ण सिंह स्टेडियम में स्थित मुख्यमंत्री खेल विकास योजना के अंतर्गत एकलव्य आवासीय फुटबॉल (बालक) प्रशिक्षण केंद्र के सफल संचालन का निर्णय लिया गया। डीएम ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जिला में खेल को बढ़ावा देने के लिए सरकार कटिबद्ध है। इसके तहत जिला मुख्यालय में एकलव्य आवासीय फुटबॉल (बालक) प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गई है। गाइडलाइंस के मुताबिक केंद्र का संचालन किया जाना है। प्रशिक्षण केंद्र से संबंधित सभी आवश्यक कार्य एवं संचिकाओं का संधारण नियमानुसार उपाधीक्षक शारीरिक शिक्षा करेंगे। उन्होंने केंद्र को हर संभव सहयोग किए जाने की बात कही। जिला शिक्षा पदाधिकारी कपिलदेव तिवारी , उपाधीक्षक शारीरिक शिक्षा आर. के. दीपक , भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता , विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता आदि संबंधित अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

सामूहिक प्रयास से ही पक्षियों का संरक्षण संभव : डीडीसी। राजकीय पक्षी महोत्सव: जन जागरूकता के लिए दौड़ा जमुई। राजकीय पक्षी महोत्सव से जन- जन को जोड़ने के लिए जिला प्रशासन और वन विभाग ने संयुक्त रूप से जमुई में मैराथन दौड़ का आयोजन किया। उप विकास आयुक्त सुमित कुमार ने मंगलवार की सुबह में बरहट प्रखंड के कटौना मोड़ से झंडी दिखाकर दौड़ में शामिल धावकों को रवाना किया। बिहार , पश्चिम बंगाल और झारखंड राज्य के दर्जनों युवा और युवतियों ने मैराथन दौड़ में हिस्सा लिया और जमुई जिला समेत पूरे प्रदेश के नागरिकों को पर्यावरण संतुलन के साथ पक्षियों के संवर्धन और संरक्षण का संदेश दिया। मैराथन दौड़ का समापन 10 वें किलोमीटर पर गिद्धौर के समीप भौराटांड़ में किया गया। पश्चिम चंपारण के आफताब अंसारी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया वहीं पटना निवासी विकास कुमार राय ने दूसरे स्थान पर कब्जा जमाया। पटना के ही पृथ्वी कुमार को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। वन प्रमंडल पदाधिकारी तेजस जायसवाल ने आफताब अंसारी को प्रथम पुरस्कार के रूप में ट्रॉफी और 25 हजार रुपए , विकास कुमार राय को द्वितीय पुरस्कार के लिए ट्रॉफी और 15 हजार रुपए तथा पृथ्वी कुमार को तृतीय पुरस्कार के लिए ट्रॉफी और 10 हजार रुपए दिए जाने की घोषणा की। देश की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व कर रही बेटियों ने भी 10 किलोमीटर की दौड़ लगाई। निर्णायक मंडल ने सांत्वना पुरस्कार के रूप में छपरा निवासी अंजली कुमारी को प्रथम स्थान के लिए मेडल और 15 हजार रुपए , रांची निवासी संघ मित्रा मेहता को द्वितीय स्थान के लिए 10 हजार रुपए और मधुबनी निवासी सोनी कुमारी को तृतीय स्थान के लिए 05 हजार रूपए दिए जाने का ऐलान किया। सभी सफल प्रतिभागियों को नामित राशि का भुगतान आरटीजीएस के जरिए किया जाएगा। मैराथन दौड़ उल्लास के वातावरण में संपन्न हो गया। उप विकास आयुक्त ने इस अवसर पर कहा कि सामूहिक प्रयास से ही पक्षियों का संवर्धन और संरक्षण संभव है। उन्होंने जनमानस से गुजारिश करते हुए कहा कि पक्षियों के संरक्षण के लिए घर के छत या ईद-गिर्द बर्तन में जल रखें ताकि वे उड़ान के साथ वहां आकर अपनी प्यास बुझा सकें और लंबी उम्र तक जीवित रह सकें। डीडीसी ने कहा कि जैव विविधता सतत विकास से जुड़ी कई चुनौतियों का जबाव प्रस्तुत करती है। हमें जैव विविधता को विलुप्त होने से बचाने और संरक्षित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए। प्रकृति के लगातार दोहन से पर्यावरण का संतुलन प्रभावित हो रहा है। जिसका दुष्परिणाम हमें अनेक प्राकृतिक आपदा के रूप में देखने को मिल रहा है। जैव विविधता को संरक्षित रखने के लिए हमें प्राकृतिक संसाधन पेड़-पौधे और जीव-जंतुओं के साथ-साथ पशु-पक्षियों की अस्तित्व बनाए रखने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करना होगा। उन्होंने मैराथन दौड़ के आयोजन के लिए वन विभाग की जमकर तारीफ की और धावकों को बधाई दिया। वन प्रमंडल पदाधिकारी ने कहा कि जमुई जिला जैव विविधता से परिपूर्ण है। यहां चारों तरफ हरियाली , घने जंगल , झरने , नदी , पहाड़ देखने को मिलते हैं। हमें इसकी मनमोहक प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखना है। इसके लिए आने वाली युवा पीढ़ी को संकलिप्त होना होगा। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को पर्यावरण की रक्षा के लिए आगे बढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि हम सभी प्रकृति के प्राणी हैं , जैव विविधता पर ही हमारा जीवन संभव है। स्वस्थ और जीवंत पारिस्थितिक तंत्र से ही मानव को रोटी , कपड़ा , भोजन , पानी , हवा और दवा के साथ-साथ आश्रय और ऊर्जा भी मिलती है। उन्होंने कहा कि जैव विविधता को संरक्षित रखने के लिए हमें प्रकृति के प्रति संवेदनशील होना अनिवार्य है। इसलिए हमें मिट्टी , पानी , हवा , नदियां , जंगल की संरक्षण करने की जरूरत है। हम सबको मिलकर इसे बचाने का प्रयास करना होगा। साथ ही इसे संतुलित बनाए रखने के लिए पक्षियों का संवर्धन एवं उसका संरक्षण करना होगा। डीएफओ ने जिलावासियों को पक्षी के प्रति सजग और सचेत रहने का संदेश दिया। एसडीएम अभय कुमार तिवारी , एसडीपीओ सतीश सुमन , जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी आर. के. दीपक , वन क्षेत्र पदाधिकारी रवि कुमार समेत कई विभागीय अधिकारी , कर्मी , समाजसेवी , गणमान्य नागरिक मैराथन दौड़ के साक्ष्य बने। राज्य उद्घोषक डॉ. निरंजन कुमार ने नपे-तुले अंदाज में कार्यक्रम का मंच संचालन किया और खूब तालियां बटोरी। उधर जमुई सदर प्रखंड के बीडीओ श्री श्रीनिवास ने भी मैराथन दौड़ में हिस्सा लिया। तेज दौड़ लगाकर उन्होंने भी गंतव्य को छुआ। अनुमंडल पदाधिकारी ने उन्हें मेडल देकर सम्मानित किया।

13 फरवरी 2024 को बिहार राज्य के पश्चिम महोत्सव में आप भाग लेकर प्राइस जीत सकते हैं

यह भावनाओं के आहत होने का दौर है पता नहीं चलता कब किसकी कौन सी भावना आहत हो जाए। इन खिलाड़ियों के ऐसा करने के पीछे का कारण एक बाहुबली नेता के सहयोगी का एक खेल संघ के अध्यक्ष पद पर चुना जाना। इससे पहले वह नेता ही बीते दशक भर से इस संघ को चला रहा था, उस पर नाबालिगों के यौन शौषण के आरोप हैं, पुलिस इसकी जांच कर रही है लेकिन इस जांच के क्या नतीजे होंगे उसको क्या सजा मिलेगी यह सब सरकार की मर्जी पर निर्भर करता है । *------दोस्तों आपको क्या लगता है क्या हमारे देश के पहलवान जो यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं वे अपनी जगह पर ठीक हैं या उनमें कुछ है जो उन्हें गलत साबित करता है, उन्हें किसी के हाथ का खिलौना बनाता है। हो सकता है कि आप इन दोनों में से किसी एक विचार से सहमत हों। वह विचार चाहे जो भी हो उसे कहिए, बोलिए, हमें बताइए, क्योंकि एक महान लोकतंत्र के लिए लोगों का बोलना ज़रूरी है

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