साथियों , कोरोना काल में बहुत से ऐसे परिवार हैं जिन्हें सरकार की उज्जवला योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. कई लोगों की शिकायत है कि उनके खाते में उज्जवला योजना की राशि नहीं आई, कुछ बतातें हैं कि उन्हें डीलर से सिलेंडर नहीं मिल रहा है. कई गरीब परिवार तो ऐसे हैं जो योजना के पंजीयन के लिए परेशान हैं. आखिर इस योजना का लाभ मिलेगा कैसे ? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

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बिहार राज्य के जमुई जिला के चकाई प्रखंड क्याजोरी पंचायत के बदिया गाँव से श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है कि, श्रोता पेशे से एक मजदुर है लॉक डाउन होने के वजह से इनको बहुत परेशानी हो गई है। राशन ना होने के वजह से इनको खाने पिने के बहुत परेशानी हो गई है

कोरोना महामारी के कारण बहुत से लोगो को अपनी नौकरी को छोड़ कर अपने राज्य वापस आना पड़ा. कई लोगो को उम्मीद थी कि उनके राज्य की सरकारें उनके लिए राहत सामग्री या वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएंगी और कई राज्यों कराया भी . फिर भी बहुत से लोगो को मदद नहीं मिल पाईं . आखिर बिहार सरकार द्वारा 1000 रु. किसे दिया जाएगा ? जानने के लिए क्लिक करें

बिहार राज्य के जमुई जिला चकई प्रखंड के चन्द्रमण्डी थाना के गाँव मेलानी से महावीर दास मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है कि, 1000 रूपए की सहायता राशि अभी तक इनको नहीं मिली है। लॉक डाउन में इनको बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बिहार राज्य के जमुई से श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है कि, इनके पास राशन कार्ड का पैसा अभी तक नहीं आया है। ये रोज कमाने खाने वाले लोगो में से है, लॉक डाउन में इनका काम बंद हो गया है। जिससे इनको बहुत परेशानी हो रही है

रोजी रोटी अभियान में दाबिल मुखिया मुरारी जी साक्षत्कार

सिकंदरा प्रखंड के पोहे पंचायत के मुखिया फुलेश्वर ठाकुर ने मोबाइल वाणी के अभियान में शामिल हुए

बिहार राज्य के जमुई जिला से मोहम्मद नईम मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि उन्होंने मनरेगा का जॉब कार्ड जमा कर दिया है लेकिन उन्हें अभी तक मनरेगा में जॉब नहीं मिला है। साथ ही सरकार द्वारा दी जाने वाली 1000 रुपये भी नहीं मिला और न ही सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को छात्रवृति की राशि मिली है अभी तक।

बिहार राज्य के नालंदा जिला के चकाई प्रखंड से पप्पू दस मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है कि, ये एक किसान है। खेती कर के ये अपना पेट पालते थे। लॉक डाउन होने के वजह से इनके पास कोई सुविधा नहीं है। इनका पास रोजगार की भी सुविधा नहीं है।