झारखंड राज्य के लातेहार जिले में गरीबों के हित में चलाया गया राज्य की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री दाल भात योजना पिछले 18 दिनों से जिले में बंद पड़ा हुआ है। दाल भात केंद्र चलाने वाली महिला स्वयं सहायता समूह के महिलाओं ने बताया कि पिछले एक महीने से विभाग द्वारा पैसा व खाद्य सामग्री मिलना बंद होगया है।समुह द्वारा खुद पैसे जमाकर किसी प्रकार से 15 दिन 16 दिन तक केंद्र को चलाया गया। लेकिन पैसे व खाद्य सामग्री के अभाव में केंद्र को बंद कर दिया गया। जो अभी लगातार बंद पड़ी है। लातेहार जिले में 12 मुख्यमंत्री दाल भात योजना चलाया जा रहा है। सभी प्रखंडों में गरीबों के हित का ख्याल रखते हुए पांच रुपए में दाल भात खिलाया जाता है। जिला मुख्यालय में दाल भात योजना के चार केंद्र हैं।शहर के शदर अस्पताल के नजदीक रेड क्रॉस सोसाइटी के सामने दाल भात केंद्र योजना दूरदर्शिता के तहत तत्कालीन उपायुक्त राहुल पुरवार के कार्यकाल में बनाया गया था। क्योंकि इस स्थान पर बस स्टैंड व अस्पताल है। परंतु इस योजना को बंद हुए इतने दिन बीत जाने के बाद भी कोई सुध लेने वाला नहीं है। स्थानीय लोगों ने कहा कि लोकसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में बाहरी क्षेत्र से कई लोगों का आवागमन हो रहा है। अगर केंद्र खुल जाता है तो ऐसी स्थिति में गरीब तबके के लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी लोगों ने प्रशासन से तत्काल मुख्यमंत्री दाल भात योजना केंद्र को खुलवाने की मांग की है वहीं महिला स्वयं सहायता समूह के लोगों का कहना है की सामग्री खरीदारी करने के लिए अगर समूह के ही खाते में सीधे राशि मिलेगी, तो केंद्र चलाना आसान होगा। इस संबंध में वीडियो मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि इसकी जानकारी मुझे नहीं है। आप संबंधित विभाग से बात कर लीजिए। वैसे मैं एमओ एवं डीएसओ मैडम को जानकारी देते हैं। वहीं डीएसओ को कॉल किया गया परंतु उन्होंने कॉल नहीं उठाया। इस संबंध में पूछे जाने पर विधायक बैजनाथ राम ने कहा कि इस मामले की मुझे जानकारी नहीं है। इसको दिखवाते हैं।

''बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।

झारखण्ड राज्य के रांची जिला के बुढ़मू प्रखंड से प्रियंका टोप्पो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इनके इलाके में पानी और सड़क की समस्या है। पीएम आवास भी नही मिला है।

महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड सह अंचल सभागार कच्छ में सभी वार्ड सदस्यों का प्रारंभिक तीन दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत पंचायती राज विभाग के द्वारा की गई। मास्टर ट्रेनर सत्यानंद शुक्ला ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार का जन कल्याणकारी योजनाओं को चयन ग्राम सभा के माध्यम से कैसे करना है। राज्य एवं केंद्र के द्वारा चलाए जा रही गरीब मजदूर लोगों के लिए कल्याणकारी योजना उनके तक कैसे पहुंचना है, पंचायती राज विभाग द्वारा दिया गया अधिकार आप जनप्रतिनिधियों को कैसे प्रयोग करना है। इसके बारे में विस्तार पूर्वक मौजूद वार्ड सदस्यों को जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा कई और महत्वपूर्ण बिंदु पर जन प्रतिनिधियों को जानकारी आगे दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि प्रखंड अंतर्गत तीन चरणों में वार्ड सदस्यों का प्रशिक्षण कराया जा रहा है पहली पाली में चार पंचायत चेताग ,झाबर, मासियातू एवं रजवार पंचायत शामिल थी। दो अप्रैल से द्वितीय पालिका प्रशिक्षण पंचायत बालूमाथ धाधू, मारंगलोइया, बसिया के वार्ड सदस्यों का प्रशिक्षण शुरू की गई है। वार्ड सदस्यों के लिए पंचायती राज विभाग के द्वारा जरूरी कागजातों का किट, नास्ता एवं भोजन का व्यवस्था किया गया है। मौके पर ट्रेनर विनीता कुमारी 15 में वित्त आयोग की कंप्यूटर ऑपरेटर वकील उरांव सीएसओ के प्रतिनिधि अजीत राम, बालूमाथ पंचायत के उप मुखिया अमित कुमार, हिमांशु कुमार, राहुल कुमार, दीपक कुमार, रीना देवी सहित कई वार्ड सदस्य मौजूद रहे अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुनें

झारखंड राज्य के लातेहार जिला स्थित बरवाडीह के 25% ग्रीन कार्ड धारी के मई 2023 का राशन कई जनवितरण प्रणाली के डीलर दबाकर बैठे हुए हैं। उसका वितरण कार्ड धारी के बीच करने में वह विलंब कर रहे हैं उक्त कार्डधारी राशन वितरण की आस लगाए हुए हैं। विभागीय आदेश के बाद भी वैसे डीलर उन कार्डधारीयों को राशन वितरण करने में जल्दबाजी नहीं दिखा रहे हैं, बावजूद विभागीय अधिकारी वैसे डीलरों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार पूर्व से डिलरों के पास जो राशन बचा था, मई 2023 का उस राशन को कार्डधारीयों के बीच वितरण करने के लिए जन वितरण प्रणाली डीलरों को आदेश मिला था। लेकिन कई डीलर अब तक उस राशन को वितरण नहीं किए हैं। कब तक उक्त राशन का वितरण डीलर करेंगे, यह अपने आप में एक सवाल बन गया है। इधर प्रभारी एम ओ अरविंद कुमार रवि ने भी लगभग 25 प्रतिशत राशन डीलरों द्वारा वितरण नहीं किए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि उन डिलरों को शीघ्र उस राशन को कार्ड धारी के बीच वितरण करने का निर्देश दिया गया है। राशन वितरण में यदि और देरी की गई तो वैसे डीलरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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झारखण्ड राज्य के रांची जिला से जयबीर यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि योग्य दम्पति को विशेष सुविधा दी जाती है