गुजरात राज्य के अहमदबावद जिला से राजेंद्र साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि वो बांधका मजदूर विकास संध में काम करते है और आज काफी साड़ी संख्या में मजदूर कलेक्टर ऑफिस के सामने सिर्फ इस्सलिये जमा हुवे है ताकि उन्हें उनका हक़ मिल सके। बताते है की यह सारे श्रमिक सरकार की शर्म विरोध नीतियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे है,उन्होने कहा की मजदूरों को उनका हक़ नहीं मिल रहा है। मजदूरों को महीने के पुरे तीस दिन काम नहीं मिलता,यदि कोई मजदूर ओवरटाइम करता है तोभी उन्हें ओवरटाइम का पैसा नहीं मिलता है साथ ही सरकार के द्वारा मजदूरों के लिए जो योजनाए बनाई गई है उनका भी लाभ नहीं मिलता है इस लिए ये सारे मजदूर आज धरना प्रदर्शन कर रहे है। अंत में उन्होंने यह भी कहा की यदि अब भी सरकार इन सारी समस्याओं पर ध्यान नहीं देता है तो हम भी मत्तदान नहीं करेंगे।
गुजरात राज्य के अहमदाबाद ज़िला से ऋषि की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से रमेश भाई से हुई। रमेश ने बताया कि अहमदाबाद में अलग अलग ट्रेड यूनियन,कई संगठन और मज़दूरों के लिए सेवा प्रदान करने वाले मज़दूर संगठन सब एकजुट होकर सरकार की मज़दूर विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं। देश में बेरोज़गारी बढ़ी हुई है,काम की तलाश करने में लोगों को बहुत परेशानी हो रही है,यह देश की सबसे बड़ी समस्या है। सरकार अगर 44 क़ानून को बदलकर चार कोड में तब्दील करेगी तो मज़दूरों को पहले से अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। अगर यह प्रदर्शन सफ़ल नहीं होगी और सरकार मज़दूरों की मांगों को पूरी नहीं करेगी तो आगे मज़दूरों द्वारा इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
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गुजरात राज्य के अहमदाबाद ज़िला से ऋषि की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से हीरा भाई से हुई। हीरा भाई ने बताया कि मज़दूरों को उनकी मज़दूरी के हिसाब से वेतन नहीं दिया जाता है। मज़दूरों के लिए जो भी अधिकार संविधान द्वारा प्राप्त है,उसे सरकार सही से मज़दूरों तक नहीं पहुँचाई जा रही हैं। सरकार द्वारा जो भी श्रमिकों के लिए क़ानून बनाई है , उसके ख़िलाफ़ मज़दूरों ने प्रदर्शन कर रखा है। हीरा भाई के अनुसार ,सरकार द्वारा जो भी मज़दूर विरोधी क़ानून बनाए गए है ,उससे कई मज़दूरों को बहुत नुकसान होगा।
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राजेंद्र साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि प्रवासी मजदुर काम करने के लिए अपने क्षेत्र को छोड़ कर आते हैं। राजेंद्र आजीविका व्यूरो में काम करते हैं जो प्रवासी मजदूरों के लिए काम करते हैं और प्रवासी मजदूरों गावों से शहरों में भारी संख्या में अहमदाबाद में काम करने के लिए आते हैं क्योंकि अहमदाबाद बहुत बड़ा रोजगार का एक केंद्र है। गावों में खेती बाड़ी का अभाव है इसलिए भी लोग अहमदाबाद आते हैं। गावों में मजदूरों की स्थिति देखे तो पढ़े लिखे युवकों के पास रोजगार नहीं है
अहमदाबाद से ऋषिकांत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से एक मजदुर साथी से बात चित कर रहे हैं जहाँ मजदुर ने बताया कि ठेकेदार ने काम कराने के बाद उन्हें पैसा नहीं दिए।
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गुजरात राज्य के अहमदाबाद ज़िला के नारोल शहर से हमारी एक श्रोता ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि एक हाईवे है जहा पर गतिरोधक नहीं होने के कारण हादसा बहुत होता हैं। कई बार प्रशासन का ध्यान इस समस्या की ओर आकृष्ट करने की कोशिश की गई परन्तु निज़ात अब तक नहीं मिला।