गुजरात राज्य के अहमदाबाद ज़िला से हेमलता ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से सभी श्रमिकों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाइयाँ दे रही है। श्रमिक गणतंत्र दिवस की महत्वता के बारे में अच्छे से जानकारी रखे

हमारे एक श्रोता रविंद्र सिंह साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि वे आज मजदुर यूनियन संघ में साझा मंच मोबाइल वाणी की बैठक की गयी ,जहाँ मजदूरों के हितों पर चर्चा की गई।

हमारे एक श्रोता साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि वे आज साझा मंच मोबाइल वाणी की बैठक की गयी ,जो उन्हें बहुत अच्छी लगी ।

हमारे एक श्रोता अहमदाबाद से साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि वे आज साझा मंच मोबाइल वाणी की बैठक में उन्हें बहुत सी जानकारी दी गयी और वो उन्हें बहुत अच्छी लगी ।

गुजरात राज्य के अहमदबावद जिला से गणेश साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से पूछ रहे है कि यदि कंपनी में काम करने के तहत तबियत ख़राब हों जाई और छुट्टी से वापस आने के बाद यदि कंपनी वापस काम में नहीं रखे तो ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए।

Comments


Transcript Unavailable.
Download | Get Embed Code

Jan. 31, 2020, 11:49 a.m. | Tags: int-PAJ   industrial work   AAJ-B  

Transcript Unavailable.

अहमदाबाद से बजेन्द्र सिंह ने साझा मंच के माध्यम से कहते हैं कि डॉक्टर चर्चा कार्यक्रम सुनकर बहुत अच्छा लगता है।

गुजरात राज्य के अहमदाबाद ज़िला से हेमलता ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि नारोल स्थित गारमेंट फैक्टरियों में जो भी महिला श्रमिक कार्य करती है ,उन्हें कटींग मास्टर गन्दी निगाहों से देखते है। ऐसा देखा जाता है कि जो भी नई कम उम्र की सुन्दर महिला कार्य पर आती है उन्हें बड़े स्तर के कटिंग मास्टर द्वारा छेड़ा जाता है। महिलाएँ ऐसे में बहुत ही असहज महसूस करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में ही महिलाओं के साथ यौन हिंसा की घटनाएँ नहीं होती बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी ऐसी तमाम घटनाएँ देखने को मिलती है। इसलिए महिलाएँ आत्मविश्वास के साथ ऐसी घटनाओं का डट कर सामना करें।

गुजरात राज्य के अहमदाबाद ज़िला के लक्ष्मीनगर से ऋषि की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रमिक से हुई। श्रमिक ने बताया कि क़रीब बीस साल पहले वो काम की तलाश में उत्तरप्रदेश,झाँसी से अहमदाबाद आये थे।उस वक़्त मज़दूरों को 40 रूपए मज़दूरी मिलती थी। अब वो कारीगर बन कर 800 रूपए प्रतिदिन की मज़दूरी कमा रहे हैं। पहले जहाँ उन्हें महीनें में 1200 रूपए से जीवन बसर करना पड़ता था वही अब उन्हें प्रतिमाह 24,000 रूपए मिल जाते हैं। मज़दूर हिम्मत के साथ मेहनत करते रहे,सफलता ज़रूर हासिल होगी। आज कल काम मिलना मुश्किल हो गया है तथा रहने में भी उन्हें समस्या आती हैं इसलिए सभी श्रमिक कुछ हुनर सीख कर अपना व्यापार करें।

हमारी एक श्रोता हेमलता साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि महिलाएं जब गर्भवती हो जाती हैं उनके बच्चे हो जाने के बाद महिलाओं को काम नहीं मिलता है।जिस कारन उन्हें आर्थिक समस्याओं से गुजरना पड़ता है और उनकी खुद कमाने की क्षमता भी नष्ट हो जाती है।