उत्तरप्रदेश राज्य के गाज़ियाबाद ज़िला से रवि ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि जो श्रमिक रोज़गार की तलाश में पलायन कर शहर आये थे वो बहुत समस्याओं का सामना कर रहे है। नौकरी मिलना मुश्किल हो गया है। इससे अच्छा तो गाँव ही वापस चले जाना बेहतर है
उत्तरप्रदेश राज्य के गाज़ियाबाद ज़िला से रवि ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम बताते है कि गाज़ियाबाद में स्थित कई कंपनी उन कर्मचारियों को काम से निकाल रहे है जिन्होंने कोरोना का टीका नहीं लिया है। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी ख़बर...
उत्तरप्रदेश राज्य के गाज़ियाबाद ज़िला से रवि ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि उन्होंने कई दिनों पूर्व टीका के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया था लेकिन उन्हें टीका नहीं लग पाया। जब भी जाते थे केंद्र तो टीका ही ख़त्म हो जाती थी। अब टीका लेने के लिए इंतज़ार करना ही इन्होने छोड़ दिया है। कई श्रमिकों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया था लेकिन कोरोना का टीका ही नहीं लग पाया
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उत्तरप्रदेश राज्य के ग़ाज़ियाबाद ज़िला से रवि ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि कोरोना काल में श्रमिकों को राशन कार्ड बनवाने में बहुत समस्या हो रही है। आवेदन के लिए जाने पर उन्हें समय आगे बढ़ा का बुलाया जाता है।राशन दुकानों से भी श्रमिकों को समय से राशन नहीं मिल पाता है। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी ख़बर..
उत्तरप्रदेश राज्य के ग़ाज़ियाबाद ज़िला से रवि की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से डीकी से हुई। डीकी बताते है कि कोरोना काल की बात कह कर उनका आधार कार्ड केंद्र में कोई काम नहीं हो रहा है। छह से सात बार केंद्र गए लेकिन कर्मचारी एक महीना के बाद आने को कह रहे है
उत्तरप्रदेश राज्य के ग़ाज़ियाबाद ज़िला से रवि ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि कोरोना काल में वृद्धा पेंशन सम्बंधित कार्य नहीं होने पर बहुत समस्या हो रही है
उत्तरप्रदेश राज्य के ग़ाज़ियाबाद ज़िला से रवि ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि आरटीओ ऑफिस में कोई काम समय से नहीं हो रहा है। ड्राइविंग लइसेंस के लिए भी बहुत समय लग रहा है
उत्तरप्रदेश राज्य के ग़ाज़ियाबाद से रवि ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि ईएसआई अस्पताल में अभी कोरोना काल में मरीज़ों का इलाज़ नहीं हो रहा है। कोरोना का बात कह कर मरीज़ों के इलाज़ करने से मना कर दे रहे है। वही आईएमटी मानेसर में लोकल डिस्पेंसरी में भी मरीज़ों का इलाज़ नहीं हो रहा न ही उन्हें दवाई मिल रही है। मरीज़ मज़बूरन निजी चिकित्सालय में इलाज करवा रहे है