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दिल्ली एनसीआर के उद्योगविहार से हमारे एक श्रोता ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उन्हें अब मैं बोलूँगी कार्यक्रम बहुत अच्छा लगता हैं। उनके अनुसार महिला श्रमिक सामाजिक सुरक्षा के अभाव में हैं इसलिए उनके साथ अत्याचार होता हैं। सरकार को महिलाओं के विषय में करना चाहिए।
दिल्ली उद्योग विहार से दिलीप साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उद्योग विहार मेंबीस साल से भी पुराने कर्मचारी कंपनियों में काम करते हैं लेकिन कम्पनी मालिक श्रमिकों को बिना कोई सुचना दिए कम्पनी से निकाल देते हैं। बीस साल काम करने के बाद ऐसे में श्रमिक कहाँ जाये। सरकार ने श्रमिकों के लिए इन समस्याओं के लिए कोई प्रावधान क्यों नहीं निकाला ?
दिल्ली एन.सी.आर के उद्योग विहार से नन्द किशोर ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उद्योग विहार से लेकर मानेसर में कई ऐसी एक्सपोर्ट गारमेंट हाउस की कम्पनियाँ हैं जो भारी मात्रा में रोज़गार प्रदान करती थी । बड़ी संख्या मज़दूर यहाँ कार्य करते थे।लेकिन अब देखा जा रहा हैं कि बड़े उद्योग से लेकर छोटे उद्योग में श्रमिकों की छटनी की जा रही हैं। श्रमिकों के हालात चिंताजनक हैं।कई मज़दूर रोज़गार की तलाश में भटक रहे हैं।कई ऐसी भी कंपनी हैं जिसमें ताले लग चुके हैं। जहाँ हज़ारों की संख्या में कार्य होते थे वहाँ अब केवल कुछ ही श्रमिक रह गए हैं। कुछ श्रमिक कहते हैं कि वो कई वर्षों से कंपनी में कार्य करते आ रहे हैं। जो श्रमिक छोटे यूनिट में कार्य करते थे वो लोगों की भी हालात बेहद ख़राब हैं।उन श्रमिकों को पीस रेट पर भी काम मिलना मुश्किल हो गया हैं।बेरोज़गारी के कारण अब श्रमिक अपने स्थानीय क्षेत्र पर लौटने को मज़बूर हो गए हैं।
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उद्योग बिहार में अतिक्रमण
दिल्ली के ग्रग्राम रोड से नन्दकिशों ने मोबाइलवाणी के माध्यम से बताया कि कापसहेड़ा में नगर निगम की टीम द्वारा सड़क पर लग रहे अतिक्रमण जो भी रोड में छोटे दूकान लगते थे वो नगर निगम के माधयम से मुक्त क्र दिए गया है जब इसका सुचना लोगो को मिला की नगर निगम कमिटी की गाडी आई हुई है तो लोगों ने अफरा तफरी का माहौल बना दिया और पतली गलियों में भागते हुवे नज़र आये जहा गलियां भी जाम हो गई। लोगों को शाम में जहा बहुत भभीड़ भाड़ वाला जगह नज़र आता था वही शाम में अत्तिकर्मण के मुक्त क्र देने के बाद बिलकुल खली नज़र आ रहा था साथ हीउन्होंने कहा की ये आखिर कबतक चलेगा सड़क में दूकान लगाने से सड़क तो जैसे दीखता ही नहीं है तथा ये रोज का काम हो गया है की एक बार M.C.D वाला गाडी आता है तथा दूकान वगैरा सभी को उठा के ले जाता है, कहना है की शायद वह जगह को मुक्त रखने के लिए अब कोई कठिन कार्यवाही करनी पड़ेगी नहीं तो हमेशा की तरह कभी भी शांति का महोपुल नहीं बन पाएगा।
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आपने कई वर्षों की सेवा के बाद काम से बर्खास्त होने की शिकायत की है। यह कई तरह से कानून के खिलाफ है। सबसे पहले, एक लंबे समय तक सेवारत कार्यकर्ता को मुआवजा दिया जाना चाहिए यदि वे दिखा सकते हैं कि उन्होंने लंबे समय तक काम किया है; न्यूनतम 3 महीने का वेतन या बदले में नोटिस। दूसरा, ग्रेच्युटी लंबे समय से काम करने वाले श्रमिकों को भुगतान किए जाने के कारण है, प्रति वर्ष वेतन के 15 दिनों की दर से। तीसरा, क्या आपने पीएफ की सदस्यता ली है, यदि हां, तो आपको इसे वापस लेने से भी लाभ होना चाहिए। हमें उम्मीद है कि आपके पास यह दिखाने के लिए सबूत हैं कि आपने लंबे समय तक काम पूरा किया है? यहां तक कि अगर आपको पीएफ के लिए सदस्यता नहीं दी गई है, तो आपको ग्रेच्युटी के लिए प्रयास करना चाहिए। अपने सहकर्मियों के साथ, नियोक्ता को अपनी सेवा के विवरण के साथ एक पत्र लिखना शुरू करें।
Sept. 6, 2019, 9:42 p.m. | Tags: govt entitlements int-PAJ wages workplace entitlements