Transcript Unavailable.

दिल्ली एन.सी.आर के उद्योग विहार से राम करण की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से अजय जी से हुई। बातचीत के दौरान अजय जी ने बताया कि वो रोज़गार की तलाश में उद्योग विहार आए हैं। काम की तलाश के दौरान रास्ते में ऑटो में कुछ लोग आए और उन्हें लुटने लगे। साथ ही उनके साथ मारपीट भी की गई।

दिल्ली एन.सी.आर के उद्योग विहार से नन्द किशोर की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से राकेश कुमार से हुई। बातचीत के दौरान राकेश कुमार ने बताया कि उनके गांव के तरफ से जो सड़क गुजरती हैं ,वो सड़क की स्थिति बेहद ख़राब हैं। लोगों को आने जाने में बहुत दिक्कतें आती हैं। धूल मिट्टी आयदिन उड़ती हैं। आसपास के लोग अपने घर से पानी ले कर सड़क पर छिड़कते हैं ताकि धूल से कुछ घंटे तक निज़ात मिल सके पर एक डेढ़ घंटे बाद सड़क की वही धूल भरी स्थिति हो जाती हैं । इस समस्या को लेकर कई ग्रामीण धरने पर बैठे थे परन्तु प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं हुआ। मुखिया भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। धरने पर बैठ कर भी कोई समाधान नहीं हो रहा। जब तक सड़क की स्थिति में सुधार नहीं आएगी तब तक धूल से निज़ात नहीं मिल सकता।

दिल्ली एन.सी.आर के उद्योग विहार से चाँद राम साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि उद्योग विहार स्थित 245 नंबर की कंपनी में वो कार्य करते हैं। साल 1992 में उन्होंने यह कंपनी ज्वाइन की थी। कंपनी पहले पी.एफ का पैसा काटती थी लेकिन साल 2015 के नवंबर महीना से कंपनी पी.एफ काटना बंद कर दी हैं । उन्होंने यह समस्या की शिकायत क़रीब तीन बार कर चुके हैं लेकिन अब तक इस पर कोई कारवाही नहीं की गई।

Comments


जी आपको बताना चाहेंगे कि PF office मे जो शिकायत आपने की है, उसी के संदर्भ मे एक RTI Application लगा के जवाब मांग लीजिए कि आपकी शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई है।
Download | Get Embed Code

July 29, 2019, 12:06 p.m. | Tags: int-PAJ   industrial work   workplace entitlements  

दिल्ली एन.सी.आर के उद्योग विहार से नन्द किशोर साझा मंच के माध्यम से बताते है कि वे अभी उद्योग विहार स्थित अर्जुन ऑटो में उपस्थित है एवं वहां के श्रमिकों से बात-चीत करते हुए । श्रमिक बताते है कि कंपनी में कोई समय फिक्स नहीं किया जाता है, कभी 9 घंटे तो कभी 10 घंटे काम करवाते है। कम्पनी जितना काम करवाती है उस हिसाब से वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है। इन्हे मासिक 9000 रुपए वेतन दिया जाता है। साथ ही वे बताते है कि कम्पनी जितना टाइम बोले उतना ही टाइम आना / जाना होता है और जो भी कम्पनी के आदेश का पालन नहीं करता है उसे कम्पनी से निकाल दिया जाता है। इन समस्याओ से परेशान होकर श्रमिक काम पर जाने से इंकार कर रहे है।

Comments


दिल्ली एन.सी.आर के उद्योग विहार से नन्द किशोर साझा मंच के माध्यम से बताते है कि वे अभी उद्योग विहार स्थित अर्जुन ऑटो में उपस्थित है एवं वहाँ के श्रमिकों से बात-चीत करते हुए बताते है कि कंपनी में कोई समय फिक्स नहीं किया जाता है, कभी 9 घंटे तो कभी 10 घंटे काम करवाते है। कम्पनी जितना काम करवाती है उस हिसाब से वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है। इन्हे मासिक 9000 रुपए वेतन दिया जाता है। साथ ही वे बताते है कि कम्पनी जितना टाइम बोले उतने ही में टाइम आना-जाना होता है और जो भी कम्पनी के आदेश का पालन नहीं करता है उसे कम्पनी से निकाल दिया जाता है। इन समस्याओ से परेशान होकर श्रमिक काम पर जाने से इंकार कर रहे है।
Download | Get Embed Code

May 10, 2019, 11:36 a.m. | Tags: int-PAJ   labour   wages  

दिल्ली एनसीआर के उद्योग विहार से अनिल कुमार साझा मंच के माध्यम से बताते है, कि वे उद्योग विहार, फेज-1, प्लाट नंबर-153 के कम्पनी में काम करते है। वे बताते है कि कम्पनी के द्वारा इनकी भर्ती ली गयी थी। लेकिन ठेकेदार के अंडर में काम करवाया जाता था। साथ ही वे कहते है कि काम करवाने के बाद अब कम्पनी पैसे नहीं दे रही है। कम्पनी का कहना है की तुम लोगो का पैसा ठेकेदार लेकर भाग गया है।

Comments


आपको बताना चाहेंगे कि कानून के मुताबिक ये कंपनी की जिम्मेदारी बनती है कि वो श्रमिकों के वेतन का भुगतान करें क्योंकि मुख्य नियोक्ता कंपनी ही है ,वही सबसे ज़्यादा लाभ कमा रही है लेकिन जैसा की आपने बताया कि ठेकेदार के अंडर काम करवाया गया है तो इस सम्बन्ध में श्रम कार्यालय में एक अर्ज़ी दे सकते है।
Download | Get Embed Code

May 9, 2019, 12:02 p.m. | Tags: int-PAJ  

हमारे एक श्रोता अनिल कुमार साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि वो उद्योग विहार स्थित 153 नंबर की कंपनी सरगम में ठेकेदारी में कार्य करते हैं। कंपनी द्वारा सारी सुविधा जैसे पी.एफ,ईएसआई आदि दी जाती थी। लेकिन ठेकेदार 20 लोगों का वेतन ले कर फ़रार हो गया। कंपनी से वेतन संबंधी पूछताछ करने पर ,कंपनी इधर उधर की बातें बोलता हैं।

Comments


अगर कोई ठेकेदार श्रमिक को वेतन नहीं देता हैं तो श्रमिक प्रतिनिधि के माध्यम से या खुद से श्रम कार्यालय में शिकायत करें।शिकायत करने के बाद समझौता प्रक्रिया शुरू होती हैं जिसमें ठेकेदार और श्रमिक के बीच समझौता करवाने की कोशिश की जाती हैं।यह समझौता प्रक्रिया 45 दिनों के अंदर ख़त्म हो जानी चाहिए। अगर इन 45 दिनों के अंदर समझौता नहीं होता हैं तो श्रमिक को प्रतिनिधि के माध्यम से या खुद से श्रम न्यायालय में अर्ज़ी लगानी चाहिए ताकि सबूतों व गवाहों के आधार पर मामलें का निबटान किया जा सके। क्योंकि अक्सर ऐसा देखा जाता हैं कि 45 दिन बीतने के बाद मामला श्रम न्यायालय में पड़ा रह जाता हैं। इसलिए 2013 में यह प्रावधान किया गया कि 45 दिनों के अंदर श्रम कार्यालय को समझौते की प्रक्रिया को ख़त्म करना ज़रूरी हैं। 45 दिनों के बाद श्रम कार्यालयों की ज़िम्मेदारी हैं कि वो मामले को श्रम न्यायालय में ट्रांसफर कर दे। लेकिन अक्सर ऐसा होता नहीं हैं। इसलिए श्रमिक 45 दिनों का इंतज़ार खुद करें, जितने तारीखें श्रम कार्यालय में लगती हैं वहाँ पर जाए और 45 दिनों के बाद में खुद या किसी यूनियन के प्रतिनिधि के माध्यम से श्रम न्यायालय में अपनी अर्ज़ी दाख़िल करें।
Download | Get Embed Code

May 9, 2019, 10:51 a.m. | Tags: int-PAJ   industrial work   wages  

दिल्ली एन.सी.आर के उद्योग विहार से रफ़ी की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद नाकुल से हुई। बातचीत के दौरान मोहम्मद नाकुल जी ने बताया कि वो 10 साल से सर्पिक कंपनी में कार्य कर रहे हैं। इस कंपनी में लगभग 300 लोग कार्यरत हैं। उनके और बाकी कुछ कामगारों का पी.एफ का पैसा तो कट रहा हैं परन्तु वो मिलता नहीं हैं। उनको वेतन पर्चा मिलता हैं लेकिन उनको पी.एफ व यु.ए.एन नंबर नहीं मिला हैं। इसके साथ ही मोहम्मद नाकुल जी कहते हैं कि अगर मतदान आधार कार्ड के इस्तेमाल से होता तो प्रवासी श्रमिकों को समस्या नहीं होती।

Comments


कंपनी ने आपको पीएफ नंबर नहीं दिया है, तो सबसे पहले आप सभी श्रमिकों को काम शुरू करते समय ही इसकी मांग करनी चाहिए थी, लेकिन अभी भी देर नहीं हुई है आप कंपनी से पीएफ नंबर मांगें और अपना यूएएन एक्टिव करने के बाद चेक करें कि आपका पीएफ जमा भी हो रहा है या नहीं, अगर कंपनी किसी भी तरह से सहियोग नहीं करती है तो आप सभी पीएफ दफ्तर में कंपनी की बेनियमियों के बारे में सूचना दे सकते हैं। पीएफ विभाग ऐसी कंपनियों को नोटिस भेज कर कार्रवाई करता है।
Download | Get Embed Code

May 7, 2019, 12:05 p.m. | Tags: int-PAJ  

हरियाणा गुड़गावां से सुनील कुमार साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि वे रिचा ग्लोबल 215 उद्योग बिहार में काम करते हैं। जहाँ मजदूरों के साथ शोषण किया जाता है। साथ ही उन्हें वेतन भी समय पर नहीं दिया जाता है।

Comments


Transcript Unavailable.
Download | Get Embed Code

April 15, 2019, 4:43 p.m. | Tags: int-PAJ  

भंडारे का आयोजन