Transcript Unavailable.
झारखंड राज्य के हजारीबाग जिला बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि मोबाइल वाणी में आज सुबह 5:30 am यानी 03/04/2020 को मोबाइल वाणी पर एक खबर प्रसारित किया गया। जिसमें यह कहा कि कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन हो जाने के बाद गांव में गरीब,असहाय, विधवा, दिव्यांग समेत अन्य कोई नागरिक भूखा रहना पड़ रहा है। साथी ही यह भी कहा गया कि पंचायत समिति सदस्य ने जे एस एल पी एस समूह को खाद्यान्न उपलब्ध करवाने के लिए पत्र लिखकर पंचायत स्तर पर दाल भात योजना केंद्र खोलने के लिए वीडियो के माध्यम से उपायुक्त को भी पत्र लिखा।जिसमें जी एस एल पी एस आजीविका सखी मंडलों के द्वारा भोजन मुहैया करवाने की मांग रखी गई। इस खबर को JSLPS एवं झारखंड सरकार ग्रामीण विकास विभाग के कई वरीय पदाधिकारियों एवं कई व्हाट्सएप्प ग्रुपों में फॉरवर्ड कर सुनाया गया जिसका व्यापक असर पड़ा और आज मुख्यमंत्री दीदी किचन भोजनालय का विधिवत उद्घाटन हो गया पंचायत समिति सदस्य महेंद्र कुमार सहित अन्य नागरिको ने मोबाइल वाणी टीम को धन्यवाद दिया है।
विष्णुगढ़ प्रखंड के चानो तेरा चेडरा समेत अन्य ग्राम पंचायतों में मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष के तहत 37 निर्बल असहाय दिव्यांग गरीबों, के बीच अनाज वितरण बीते दिन किया गया जिसमें 10 किलोग्राम चावल एक किलोग्राम नमक वितरण किया साथ ही करोना वायरस से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखा गया लॉक डाउन मे कोई भूखा न रहे जिसके पास राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है। वैसे लोगों को चिन्हित करके अनाज वितरण किया गया मौके पर चानो पंचायत के मुखिया पार्वती देवी पंचायत समिति सदस्य यूसुफ अंसारी वार्ड सदस्य जगन्नाथ महतो द्वारिक महतो चेडरा गणपति चौक के युवकों ने साबुन, बिस्कुट आलू समेत अन्य सामग्री वितरण किये। मौके पर शेखर सुमन दिलीप अनिल रवानी, मुन्ना पांडेय समेत कई लोग मौजूद थे।
झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरा विश्व त्राहिमाम है वहीं विष्णुगढ़ बगोदर बरकठा समेत अन्य प्रखंडों में इसकी जांच के लिए समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रवासी श्रमिकों का पूरा भीड़ लग गया है ऐसे कई श्रमिक कई दूसरे राज्यों से आये हुए हैं भूखे प्यासे लाइन में लगाकर सेनेटाइज जांच के लिए लंबी कतार लगाए हुए हैं विष्णुगढ़ प्रखंड के प्रशासन ने व्हाट्सएप्प नंबर जारी किए हैं ताकि कहीं भी किसी तरह के संदिग्ध अवस्था में मिलने वाले श्रमिक परिजन सीधे प्रशासन को संपर्क कर उनसे लाभ मिल सके आज भी कई श्रमिक दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं वहीं कई ऐसे श्रमिक बिना जांच करवाये घर वापस आ गये है स्थानीय जनप्रतिनिधि समाजसेवियों ने सूची जारी कर पंचायत स्तर पर करोना वायरस की जाँच के लिए स्थानीय प्रशासन से मांग किये हैं। निषेधाज्ञा का पूरा पालन किया जा रहा है मोबाइल वाणी संवाददाता, राजेश्वर महतो, हजारीबाग विष्णुगढ़ की रिपोर्ट
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो ने झारखंड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पलायन एक बड़ी समस्या बन चुका है। झारखण्ड प्रदेश के हज़ारीबाग,गिरिडीह ,बोकारो ज़िला समेत अन्य ज़िलों में पलायन की समस्या बहुत ज़्यादा है। खास कर हज़ारीबाग ज़िला के बिष्णुगढ़ ,टाटीझरिया प्रखंड , गिरिडीह ज़िला के बगोदर व डुमरी प्रखंड और बोकारो ज़िला के नावाडीह प्रक्षेत्र में कई लोग रोज़गार की तलाश में महानगरों की तरफ पलायन करते है। पलायन को रोकने के लिए सबसे पहले श्रम विभाग में निबंधन करने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि पंचायत व प्रखंड स्तर पर सभी मज़दूरों का पंजीकरण करवा कर महानगरों की तरफ अगर पलायन भी होती है तो आकस्मिक घटना होने पर परिजनों को उतनी परेशानी नहीं होगी। परिजनों को सम्बंधित दस्तावेज़ों को इकठ्ठा करने में दिक्कतें नहीं होगी और श्रम प्रवासी अधिनियम के तहत उन्हें योजना का लाभ भी मिल जाएगा।
बिष्णुगढ़ प्रखंड के बेड़ा हरियारा रमुआ खरना विष्णुगढ़ एवं अन्य गांव के दर्जन से अधिक लोगों को 31 जनवरी को कुत्ता ने काट लिया था जिससे क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था हैरत की बात यह थी कि विष्णुगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते दो महीनों से एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं था तथा घायलों को सिर्फ टेटनस का इंजेक्शन लगाकर घर वापस भेज दिया गया था हजारीबाग सदर सिविल सर्जन को जानकारी दिया गया कई घायलों के परिजनों ने बाहर के मेडिकल स्टोर से एंटीरैबीज दवा खरीद कर इंजेक्शन लिया दवा की अनुपलब्धता की खबर को मोबाइल वाणी में प्रसारित कर कई पदाधिकारियों स्थानीय जनप्रतिनिधियों को फॉरवर्ड कर सुनाया गया जिसका व्यापक असर पड़ा और 2 दिन बाद एंटी रेबीज का वैक्सीन का दवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध हुआ यह रहा मोबाइलवाणी मीडिया खबर का असर
झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि विष्णुगढ़ प्रखंड अंतर्गत बनासो गोमिया मार्ग एमडीआर 74 जमुनिया नदी पर बने पुल बनकर बीते 4 वर्षों से तैयार था लेकिन एप्रोच पथ के अभाव में कई बार दुर्घटना हो चुकी थी और कई लोगों ने अपनी जान गवा चुके थे रैयत अपने जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर मामला फंसा हुआ था कई बार रैयत भू अर्जन पदाधिकारियों के पास चक्कर लगाए दूसरी तरफ पहुंच पथ जोड़ने के लिए झारखंड विकास मोर्चा अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव एवं जेवीएम के वरीय नेता चंद्रनाथ भाई पटेल अपने समर्थकों के साथ जल सत्याग्रह एवं प्रखंड मुख्यालय में आमरण अनशन तथा धरना प्रदर्शन कर एप्रोच पथ जोड़ने की मांग को उठाए इस खबर को मोबाइल वाणी के माध्यम से कई बार संबंधित विभाग के पदाधिकारियों सांसद प्रतिनिधियों विधायक एवं अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों को फॉरवर्ड कर सुनाया गया एवं अन्य प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने जगह दिए जिसका व्यापक असर पड़ा और बीते सप्ताह से रुक-रुक कर तेज हुई अभी कार्य युद्ध स्तर से चल रहा है संवेदक संजय कंस्ट्रक्शन के कर्मी ने बताया कि एक महीना के अंदर सारी कार्य पूरी हो जाएगी पुल के दोनों किनारे मिट्टी भरा गया है रोलर से मिट्टी दबाया जा रहा है हल्की वाहनों का परिचालन शुरू हो चुका है ये हुई मोबाइल वाणी मीडिया खबर का असर
झारखण्ड राज्य के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बिष्णुगढ़ प्रखंड के क्षेत्र के अधिकांशतः सुदूरवर्ती क्षेत्र में लोगों के स्वास्थ को बेहतर बनाए रखने के लिए बनवाया गया स्वास्थ्य केन्द्र आज धूल कर्ण खाता नजर आ रहा है। सरकार द्वारा करोड़ो रूपए की लागत से खर्च कर चिकित्सालय तो बनवाया गया है। लेकिन डॉक्टर के अभाव के कारण चिकित्सालय वीरान पड़ा हुआ है। जब गाँव में कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो मजबूरन ग्रामवासियों को ईलाज के लिए उसे गाँव से कोसों दूर प्रखंड मुख्यालय में स्थित एकलव्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाना पड़ता है। यदि किसी को मलेरिया,बुखार,खासी,जुकाम,दुर्घटना या कोई बड़ी बिमारियों हो जाए तो लोगों को जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ता है। दूसरी ओर संसाधन के अभाव में प्रखंड मुख्यालय के अस्पताल में ज्यादातर मरीजों को सदर अस्पताल रैफर कर दिया जाता है। जहाँ डॉक्टर के ना रहने के कारण ईलाज के अभाव में मरीज की जान भी चली जाती है। क्षेत्र में देखा जाए तो कई वर्षों से डीटीसी का छिड़काव भी नहीं किया गया है। इस तरह की कई लचर व्यवस्था का सामना गाँव वालो को करना पड़ता है। दूसरी ओर बच्चों के लिए सरकार द्वारा प्रत्येक पंचायत स्तर पर आँगनबाड़ी केंद्र खोला गया है जहाँ छोटी-मोटी बिमारियों का इलाज निःशुल्क किया जा सके। लेकिन इस प्रखंड में यह देखने को मिलता है कि केवल नाम मात्र एक एएनएम दीदी आँगनबाड़ी केन्द्र में पहुँच कर सिर्फ बच्चों का टीकाकरण करने का ही कार्य करती हैं। अतः सरकार से ग्रामीणों का यह मांग है कि इस पर जल्द से जल्द जाँच कर व्यवस्था को सुचारू रूप से सही किया जाए।