झारखंड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि किसानों के लिए एकमात्र धान अधिप्राप्ति केंद्र अचलजामु में खुला हुआ हैं। यह केंद्र प्रखंड मुख्यालय से महज़ दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अब तक धान अधिप्राप्ति केंद्र में किसानों से बीस टन से ज़्यादा धान ख़रीदा जा चुका है। लेकिन अब भी ऐसे कई किसान हैं जो धान बेचने के लिए एसएमएस का इंतज़ार कर रहे है। राजेश्वर महतो ने बताया कि बिष्णुगढ़ में एक केंद्र भी खोला गया था जिसकी शुरुआत 31 दिसंबर से हो चुकी थी। परन्तु किसानों को अपना धान ,केंद्र तक पहुँचाने में बहुत परेशानी हो रही थी। किसानों को गाड़ी भाड़ा लगा कर अपना धान केंद्र तक पहुँचाना पड़ रहा हैं। यहाँ तक कि कागज़ी लेट-लतीफ़ी के कारण अधिकतर किसान , दस से बारह रूपए प्रति किलों की दर से धान ,बिचौलियों के हाथों बेचने के लिए विवश है।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बिष्णुगढ़ प्रखंड क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था काफी दयनीय हो गई है जिस कारण शिक्षा व्यवस्था में दोहरीनिति देखने को मिलती है। देखा जाता है कि गरीब परिवार के बच्चे सरकारी विद्यालय में पढ़ने को मजबूर हैं तो वहीँ आईएस,बीडीओ,डीसी हाई रैंक के पदाधिकारी अपने बच्चे को एक अच्छे विद्यालय में दाख़िला करवाते हैं। इस तरह की दोहरी निति की वजह से ही झारखण्ड की शिक्षा व्यवस्था मे एकरूपता की कमी नजर आती है। अतः सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकार द्वारा एक ऐसी निति व्यवस्था बनाई जाए जिसमे सरकारी एवं प्राईवेट विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे एक साथ मिलकर पढ़ाई कर सकें। क्योंकि शिक्षा सभी के लिए एक मूल जरुरी चीज है और इसमें दोहरी निति नहीं की जानी चाहिए।

झारखण्ड राज्य के जिला हज़ारीबाग बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताते हैं कि उन्हें महिला उत्पीड़न के बारे में पहले सामान्य जानकारी थी लेकिन अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से महिला उत्पीड़न की विस्तृत और अच्छी जानकारी मिली है।अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया कि महिला उत्पीड़न सिर्फ छुना ही नहीं बल्कि गलत तरीके से बातचीत करना ,गलत चीज़ों को दिखाना भी महिला उत्पीड़न के दायरे में आता है साथ ही कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया कि स्कूल प्रबंधन समिति ,पंचायत समिति इन सारी मुद्दों पर हमारी मदद कर सकती है। अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से इन सारी चीज़ों की जानकारी मिली।

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झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बिष्णुगढ़ प्रखंड स्थित बनासो चौक ,7 मिल चौक ,नरकी चौक ,अखाड़ा चौक , नवादा ,भेलवारा ,चौथा ,हॉस्पिटल चौक समेत प्रखंड के कई ऐसे बसस्टैंड मौज़ूद हैं जहाँ यात्रियों की भीड़ लगी रहती हैं।इन इलाकों पर यात्रियों को शौच के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।ऐसे इलाकों में यात्रियों के लिए शौचालय की व्यवस्था करना बेहद जरूरी है।लोगों ने वर्त्तमान सरकार से उम्मीदें बांध रखी थी कि अगर ऐसे भीड़भाड़ इलाकों में सुलभ शौचालय की व्यवस्था की जाएगी तो यात्रियों को काफी सुविधा प्रदान होगी। लेकिन प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं हुई। हालांकि ज़िला प्रशासन द्वारा कई पंचायतों को आधिकारिक तौर पर ओ.डी.एफ घोषित कर दिया गया है लेकिन हक़ीकत यह है कि बिष्णुगढ़ के जनता ऐसे सार्वजनिक क्षेत्रों में शौचालय के लिए अब भी तरस रहे हैं।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अफ्रीका के सिएरा लियोन से झारखंड के 22 मजदूरों की वतन वापसी हुई। रोजगार की तलाश में सभी मजदूर अफ्रीका गए थे। सिएरा लियोन में बीमार पड़ने से क्षेत्र के तीन लोगों की मौत हो चुकी है, वहां सही इलाज नहीं हो पाता है।इस बात की जानकारी प्रवासी ग्रुप के एडमिन सिकंदर अली व हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को दिए। विदेश मंत्रालय के पहल पर मज़दूरों का वतन वापसी हुआ।

झारखण्ड राज्य के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो, झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि देश के विकास में श्रमिक वर्ग एहम भूमिका निभाते हैं। श्रमिक वर्ग ही विकसित होती देश की रीढ़ कहलाती है। मज़दूरों को भी ध्यान में रखते हुए सरकार कई जनकल्याणकारी योजनाएँ चला रही हैं परन्तु कई मज़दूर इसका उचित लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। कारण हैं पर्याप्त जानकारी का अभाव। मज़दूरों को पर्याप्त जानकारी नहीं रहती हैं इस कारण वे लाभ पाने से वंचित रह जाते हैं। वर्त्तमान में सरकार के अधिकारी जो प्रखंड स्तर पर मज़दूरों के हित में काम कर रहे हैं वो लोग अपने कार्य को लेकर गंभीर नहीं हैं। गंभीरता नहीं रहने के कारण श्रमिकों को सरकारी योजनाओं के बारे में समय पर मालूम नहीं पड़ पता है। फ़लस्वरूप वो लाभ पाने से वंचित रह जाते हैं। सबसे ज़्यादा परेशानी उन श्रमिकों को होती हैं,जो अपने क्षेत्र से दूर ,दूसरे प्रदेश में जा कर मज़दूरी करते हैं। अगर किसी कारण प्रवासी मज़दूरों के साथ अनहोनी घटना घट जाती हैं, तो उनके परिजन मूल दस्तावेज़ों को प्राप्त करने के लिए प्रखंड कार्यालय के चक्कर काटते रह जाते हैं। सरकार को मज़दूरों के हित में योजनाएँ केवल लागू करने के बजाय प्रखंड से पंचायत स्तर तक योजनाओं से जुड़ी महत्त्वपुर्ण जानकारी पहुँचानी चाहिए ताकि कोई भी श्रमिक लाभ प्राप्त करने से वंचित न रह सके।

झारखंड प्रदेश के हजारीबाग जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड से उचाना गांव मैं एक नींबू का झाड़ लगाए थे। एक बार फल दिया उसके बाद फल नहीं देने लगा तो राजेश्वर महतो ने मोबाइल वाणी में सुना और अपनी समस्या को रिकॉर्डिंग भी करवाया और सुनने के बाद जैसा मोबाइल वाणी में बताया गया उसके अनुसार कार्य किये तो अब नींबू फल दे रहा है।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बिष्णुगढ़ अखाड़ा चौक स्थित डाकघर में पदास्थापित पोस्ट मास्टर प्रतिदिन विलम्ब से कार्यालय पहुँचते हैं। पोस्टमास्टर के इस रवैये से कर्मी व ग्राहक दोनों वाकिफ़ हैं और ग्राहक प्रतिदिन परेशान रहते हैं। कार्यालय ज़ल्दी खुल जाने के बावज़ूद पोस्टमास्टर के विलम्ब के चलते ग्राहक अपने कार्य करवाने के लिए कतार में खड़े रहकर इंतज़ार करते रहते हैं । पोस्टमास्टर अपनी मर्ज़ी से कार्यालय में आते जाते हैं। कार्यालय के बाकि कर्मियों से पूछताछ करने पर ज़वाब में कुछ नहीं मिलता है । पोस्टमास्टर द्वारा हो रही मनमर्ज़ी की शिकायत कई बार हज़ारीबाग के प्रधान कार्यालय के डाक अधीक्षक के पास की गई है परन्तु इसका सकारात्मक असर पोस्टमास्टर के रवैये पर अब तक नहीं दिखा है। अब भी पोस्टमास्टर की मनमर्ज़ी डाकघर कार्यालय में देखने मिल रहा है ।

झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि विष्णुगढ़ प्रखंड के गोविंदपुर,नरखि,खरकी,मड़मो,सिरय,चलजामो,भेलवारा,गाल्होबार,अलपितो,कुसुम्भा समेत अन्य पंचायतों में कम वर्षा होने के कारण धान के बिछड़े वाला खेत में दरार पड़ चूका हैं। यह देखकर किसान बहुत मायूस हो गए हैं। साथ ही मक्का, मूंगफली,पिचकी,उरद आदि खरीफ फैसले इस तपती धूप के कारण झुलस गए है। इस अवस्था में जिन किसानों के पास जल स्रोत की सुविधा है वो अपने फसलों का पटवन कर रहे है परन्तु जिनके पास जल की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है वो बहुत चिंतित हैं। किसान बताते है की अभी तक हर छोटे बड़े कुवे,तालाबों में पानी भरा रहता था पर इस बार बहुत मुश्किल हो रहा है। बताते है बीज के दाम बढ़ चुके है और बीज बोन के बाद वर्षा भी नहीं हो पा रहा है जिससे उन्हें बहुत नुक्सान हो रहा हैं।