झारखण्ड राज्य के जिला रांची डोरंडा से रूपा देवी अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताती हैं कि अब मेरी बारी कार्यक्रम में बाल विवाह पर की गयी चर्चा बहुत अच्छी लगी और इसका असर रूपा देवी की सोच पर भी हुआ। रूपा देवी बताती हैं कि आठवीं और नवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी होते ही किशोर-किशोरियों की बाल विवाह कर दी जाती है। अब मेरी बारी कार्यक्रम में कॉउंसलिंग के माध्यम से समझाया गया कि लड़कियों की कमाई से ज्यादा जरुरी उनकी पढ़ाई होती है यह जानकारी रूपा देवी की सोच में बदलाव लेकर आया।लड़कियों को जितना ज्यादा हो सके पढ़ाना चाहिए ताकि पढ़-लिख कर वह घर सँभालने या नौकरी करने में सक्षम हो सके । रूपा देवी बताती हैं कि अब से वह भी अपनी बेटियों को जितना हो सकेगा पढ़ायेंगी।
झारखण्ड राज्य के जिला रांची से नीतू कुमारी अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताती हैं कि अब मेरी बारी कार्यक्रम में किशोर किशोरियों से सम्बंधित बहुत सी जानकारियाँ दी गयी। अब मेरी बारी कार्यक्रम के अंतर्गत प्रस्तुत कड़ी में युवा मैत्री केंद्र की दी गयी जानकारी का असर नीतू कुमारी पर पड़ा। नीतू कुमारी बताती हैं कि पहले उन्हें युवा मैत्री केंद्र की जानकारी नहीं थी लेकिन अब मेरी बारी कार्यक्रम में बताया गया कि युवा मैत्री केंद्र कैसे और किसके लिए काम करती है और इसकी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी । अब मेरी बारी कार्यक्रम की कड़ी में सुरभि की कहानी बहुत अच्छी लगी।कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया कि युवा मैत्री केंद्र एक ऐसी जगह है जहाँ किशोर-किशोरियों अपने स्वास्थ्य ,विकास और गोपनीय बातों को लेकर खुल कर चर्चा कर सकते हैं। साथ ही युवा मैत्री केंद्र से बहुत सी जानकारियाँ भी ले सकते हैं।
झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला ,प्रखंड चूरचू ग्राम चरही से मिथिलेश कुमार झारखण्ड मोबाइल वाणी कार्यक्रम के माध्यम से बताते हैं कि अब मेरी बारी कार्यक्रम से किशोर-किशोरियों के साथ-साथ युवाओं को भी अलग-अलग विषयों पर बहुत अच्छी जानकारी मिली है। लोगों में यह सोच पहले से है कि गर्भनिरोधक का इस्तेमाल खासकर बच्चों में अंतर रखने के लिए किया जाता है और इसका इस्तेमाल करने से कई बार परिवार आगे नहीं बढ़ पाता है । इससे कई तरह की संक्रामक बिमारियों के होने का भी खतरा होता है। मिथिलेश कुमार बताते हैं कि उन्हें इस विषय पर पहले से जानकारी तो थी पर अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से कंडोम का इस्तेमाल किस तरह से यौन संक्रमण से बचाता है ,इसकी विस्तार पूर्वक जानकारी मिली। साथ ही उन्हें पहले यह जानकारी थी कि कंडोम एक परिवार नियोजन का सरल माध्यम है। लेकिन अब मेरी बारी कार्यक्रम को सुनने के बाद उनकी सोच में बदलाव आया कि पति-पत्नी दोनों को ही कई तरह की संक्रमक बिमारियों से बचाया जा सकता है और पति-पत्नी दोनों के लिए सुरक्षित भी है।
झारखंड राज्य के ज़िला हज़ारीबाग से रीना देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि हमारे समाज में आज भी महिलाओं के लिए बहुत सारे कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं,ताकि महिलाएँ जागरूक और सशक्त बन सकें। इसी तरह मोबाइल वाणी पर चलाए जा रहे कार्यक्रम अब मेरी बारी में किशोर-किशोरियों और महिलाओं के लिए कई जरुरी जानकारी दी गई। जिसका असर रीना देवी के जीवन में देखने को मिला।रीना देवी ने बताया कि अक्सर बच्चों में अंतर रखने के लिए पारम्परिक तरीकों पर ज़ोर दिया जाता है,जिससे कभी-कभी अनचाहा गर्भ भी ठहर जाता है । पर जब वो अब मेरी बारी कार्यक्रम सुनी तो बच्चों के बीच अंतर रखने के अलग-अलग तरीकों की जानकारी प्राप्त हुई ,जो काफी सराहनीय है।
झारखण्ड राज्य के जिला हज़ारीबाग बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताते हैं कि उन्हें महिला उत्पीड़न के बारे में पहले सामान्य जानकारी थी लेकिन अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से महिला उत्पीड़न की विस्तृत और अच्छी जानकारी मिली है।अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया कि महिला उत्पीड़न सिर्फ छुना ही नहीं बल्कि गलत तरीके से बातचीत करना ,गलत चीज़ों को दिखाना भी महिला उत्पीड़न के दायरे में आता है साथ ही कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया कि स्कूल प्रबंधन समिति ,पंचायत समिति इन सारी मुद्दों पर हमारी मदद कर सकती है। अब मेरी बारी कार्यक्रम के माध्यम से इन सारी चीज़ों की जानकारी मिली।
ऑडियो पर ज़ल्दी से क्लिक कर सुनें अब मेरी अभियान के पिछली कड़ी में पूछें गए सवाल के सही ज़वाब देने वाले श्रोताओं के नाम....
अब मेरी बारी अभियान की इस तेरहवीं कड़ी में बात की जा रही उन पलों के बारें में जिसमें किशोर-किशोरियों ने खुल कर स्वास्थ,शिक्षा,पोषण व बाल विवाह जैसे मुद्दों पर बात की एवं इन मुद्दों को समझ कर इनसे निबटने के प्रयास भी शुरू कर दिए हैं ....अब मेरी बारी अभियान के खुशनुमा पलों को सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर....
अब मेरी बारी अभियान के तेरहवीं कड़ी में साझा किया जाएगा बीतें लम्हों के बारें में जिसमें किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य,शिक्षा ,पोषण,बाल विवाह जैसे विषयों एवं अधिकारों के प्रति जारूकता की बातें बताई गई हैं।
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के इचाक प्रखंड से टेकनारायण प्रसाद खुश्वाहा ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बाल विवाह होने से शारारिक व मानसिक तनाव ज़्यादा होता हैं। लड़कियाँ शारीरिक व मानसिक रूप से कमज़ोर होती हैं और जब समय से पहले गर्भधारण करलेती हैं तो शिशु के सेहत पर भी बुरा असर पड़ता हैं। जच्चा व बच्चा दोनों ही शारारिक बिमारियों से ग्रसित रहते हैं। इसलिए स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए बाल विवाह नहीं करवानी चाहिए।
टिपि-टिप दीदी बता रही हैं कि बाल विवाह होने से सेहत पर बुरा असर पड़ता हैं ...कम उम्र में शादी करने से क्या नुकसान होता हैं इसकी जानकारी सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर...