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जिला गिरिडीह,प्रखंड जमुआ ,ग्राम पंचायत धरमपुर के पाराखारो ग्राम से नवल किशोर पाठक जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की ग्राम पंचायत धरमपुर में एक-एक हजार रूपये लेकर गलत लाभुको का राशन कार्ड बनाया जा रहा है। जिसमे कई ऐसे लोगो का नाम राशन कार्ड सूचि में मिला जो इसके हकदार नहीं है।वैसे लोगो को भी राशन कार्ड दिया गया है जो सरकार के यहाँ से सेवानिर्वित हो करके रिटारयमेंट के बाद 50 लाख रुपया लेकर अच्छी खासी पेंसन प्राप्त कर रहे हैं। यही नहीं एक एक परिवार के चार पांच लोगो को भी कार्ड दिया गया है। कुछ मामलो में ऐसा भी देखा गया है कि जिन महिलाओ का विवाह आज से दस-बीस साल पहले हो चूका है और वो बाहर रह रही हैं वैसे लोगो को भी कार्ड दिया गया है। उनके कार्ड देने में उनके सगे संबंधी जो इस कार्ड से जुड़े हुए है इस काम में उनका हाथ प्रतीत होता है अत: प्रसाशन से निवेदन है की इस गंभीर मामले पर ध्यान दे।
जिला गिरिडीह प्रखंड जमुआ से दीपक कुमार पाठक मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि कहा जाता है की गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः,गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः लेकिन आज झारखण्ड में पारा शिक्षको के साथ अन्याय हो रहा है उन्हें बर्खास्त करने का फरमान जारी किया जा रहा है।16-17 वर्षो से पारा शिक्षको द्वारा शिक्षा की ज्योति जलाने की कोशिश में हैं। सोचने वाली बात यह कि आज वही पारा शिक्षक आंदोलन करने पर को मजबूर हैं। वे कहते हैं कि पूर्व में भी पारा शिक्षको के आंदोलन के सरकार ने पारा शिक्षको की मांग का समर्थन कर उनकी मांगो को पूर्ण करने की बात कही थी,लेकिन सरकार अपने वादे से मुकर गयी। गौरतलब है कि जब सरकारी अधिकारियों को अपना पैसा बढ़ाना रहता है,तो वे मनमाने ढंग से बढ़ा लेती है, जबकि वो पैसा भी आम जनता का ही रहता है।इसलिए पारा शिक्षको की हार यानि आम जनता की हार है। अख़बार एवम अन्य समाचार चैनल में पढ़ने और सुनने को मिलता है कि जब क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है ,तो उसके लिए परीक्षा लिया जाता है और उसमे टॉपर 70 नम्बर लेकर आये । अतः वे कहते हैं कि अगर क्रिकेट बोर्ड चलाने के लिए परीक्षा की आवश्यकता होती है , तो इतने बड़े राज्य चलाने के लिए क्या किसी तरह की परीक्षा की आवश्यकता नहीं है ? यह सबके लिए एक विचारणीय प्रश्न है साथ ही इसके लिए आम जनता को जागना होगा। हर विभाग में भरस्टाचार भरा पड़ा है सरकार तानाशाह की तरह कार्य कर रही है।
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जिला गिरिडीह के जमुआ प्रखंड के पाराखारो गांव से नवल किशोर पाठक मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाहते है कि धरमपुर पंचायत में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत ऐसे लोगो को कार्ड दिया गया है जिनके पास मोटी-मोटी पेंशन की राशि आती है या फिर जो सरकारी नौकरी कर पचीस से तीस हजार वेतन कमाते है।बेरोजगार और कही से कुछ उपार्जन नहीं करने वालो को कार्ड का वितरण नहीं किया गया है क्योकि उन्होंने मुखिया और सम्बंधित लोगो को रिश्वत नहीं दिया है।यह एक जाँच का विषय है और हाल ही में यह भी देखा गया है कि गिरिडीह जिले में एक रैकेट चल रहा है जिसमे एक हजार रूपये लेकर खाद्य सुरक्षा का कार्ड बनाया जा रहा है,अतः इनका कहना है की इसपर उचित जाँच की जाये।
जिला गिरिडीह,प्रखण्ड जमुआ से नवल किशोर पाठक जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है की लड़कियों की कम उम्र में विवाह करना उचित नहीं है इससे लड़की और उसके होने वाले सम्भावित बच्चो पर बहुत दुष्प्रभाव पड़ता है ।बहुत सारी सार्वजनिक स्थानों पर इसकी चर्चा होती है,लेकिन फिर भी शिक्षा की कमी और कुछ समाजिक मान्यताओं के कारण ऐसा होता है।अभी जागरूकता ही फैलाना इसका एक मात्र उपाय है।
जिला-गिरिडीह,थाना-जमुआ, पोस्ट-बाटी,ग्राम-बाटी से शिवचरण कुमार वर्मा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि गिरिडीह जिला स्वास्थ समिति सदर अस्पताल परिसर से ममता वाहन को लेकर एक चिट्ठी निकाला गया है, जिसमे लिखा गया है, जिला समिति बैठक में लिए गए निर्णय तथा प्रोसोडिंग ज्ञापन-436 टी.एच.एस. दिनाँक 02-05-2016 के अनुसार किसी भी सरकारी स्वास्थ कर्मी नियमित अनुबंध डी.टी.पी सहिया तथा उनके निकटम रिश्तेदारो का ममता वाहन अनुबंध नही किया जायेगा, वे कहते है कि सहिया किसी तरह से लोन लेकर ममता वाहन निकाली थी और अब बोला जा रहा है इसका उपयोग नही किया जायेगा, क्या भारत में ऐसा नियम है कि जिसकी पत्नी काम कर रही है उसका पति काम नही कर सकता या फिर जिसका पति काम कर रहा है उसकी पत्नी वह काम नही कर सकती। और अगर ऐसा है तो इस नियम को पुरे देश में लागु किया जाये, इसलिए वे झारखण्ड सरकार से माँग कर रहे है कि इस विषय पर विचार कर सभी सहिया के पति और उनके रिश्तेदारो के निजी वाहन को ममता वाहन के लिए अनुबंध किया जाये और साथ ही ममता वाहन का किराया भी बढ़ाया जाये, दोस्तों अगर आप भी ऐसी कोई समस्या/जानकारी मोबाइल वाणी के साथ बाँटना चाहते हैं ,तो मिस्ड कॉल जरूर करें हमारे निःशुल्क नंबर -08800097458 पर।
जिला-गिरिडीह,थाना-जमुआ, पोस्ट-बाटी,ग्राम-बाटी से शिवचरण कुमार वर्मा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि झारखंड के जितने भी विधायक,एम.पी,एम.एल.ए है वे अपना वेतन एवं भत्ता दोगुना कर लिए है परंतु यहाँ जो भी अनुबंध या सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में कार्यरत है,जैसे सहिया कार्यकर्त्ता ,उनका प्रोत्साहन राशि मात्र 300 है और वे सिर्फ प्रसव जाँच में ही 36-48 घंटे तक अपना समय व्यतीत करते है और उन्हें सिर्फ 200-300 रु मिलते है पर यहाँ के विधायक,एम.पी, एम.एल.ए के वेतन दोगुना कर दिए गये है जो की बहुत ही हास्यप्रद है।इससे यह प्रतीत होता है कि सरकार यहाँ के जनता से खिलवाड़ कर रहे है । सरकार दोगुना वेतन से ऐश-मौज करेंगे और जनता, कर्मचारी गण भीख मांगेंगे,यह सरकार का नीति है,इसलिए इन्होंने मुख्य सचिव राजवाला वर्मा जी से आग्रह करते हुए कहते है कि सहिया कार्यकर्ताओ का प्रोत्साहन राशि या मानदेय में वृद्धि की जाये ताकि उन्हें अपने घर-परिवार एवं बाल-बच्चे को पढ़ाने-लिखाने में किसी भी तरह का कोई कठिनाई न हो साथ ही रात में सेवा देने वाली ममता वाहन का किराया भी घटा दिया गया है,जो बहुत ही हास्यप्रद है। इस पर मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए कि एम.पी, एम.एल.ए का वेतन घटा दिया जाये और उस पैसो से विकास का काम किया जाये,पर यहाँ के एम.पी, एम.एल.ए कुछ काम नहीं करते है सिर्फ चुनाव जीतते है और अपने वेतन बढ़ाने के लिए अनसन और आंदोलन करते है लेकिन जनता के प्रति कुछ नहीं करते है।
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July 12, 2016, 6:01 p.m. | Location: 10: JH, East Singhbhum, Jamshedpur | Tags: irrigation int-CP discussion governance MNREGA int-DT dova-death | Category: Govt Schemes->MNREGA->Grievance