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झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला के जमुआ प्रखंड से शिव चरण कुमार वर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि जमुआ प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सरकार द्वारा निःशुल्क 108 नंबर एम्बुलेंस की सुविधा दी गई है। ताकि मरीजों को आपत्कालीन स्थिति में दूर दराज से अस्पताल आने में कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े। लेकिन एम्बुलेंस के रख रखाव एवं चलाने के लिए जो भी स्टाफ, ड्राइवर और ईएमपी को नियुक्त किया गया है उनके द्वारा मरीजों के परिजनों से जबरन पैसा वसुला जाता है। साथ ही अस्पताल में जो भी सिक्यूरटी गार्ड रहते हैं वे भी दलाली कर लोगों से अपने कार्य का पैसा माँगते हैं। इस तरह से आए दिन अस्पताल में दलाली का कार्य किया जाता है। अतः झारखंड सरकार के मुख्य सचिव एवं जमुआ विकास पदाधिकारी से यह निवेदन करते हैं कि जल्द से जल्द अस्पताल की जाँच कर त्वरित कार्रवाई किया जाए।

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झारखण्ड राज्य के जिला गिरिडीह,प्रखंड जमुआ से शिव चरण कुमार वर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गिरिडीह जिला में ममता वाहन जिले भर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की दृष्टि से बहाल किया गया था। यह सेवा जन उपयोगी एवं गरीबों के लिए निर्धारित की गई थी लेकिन गिरिडीह जिले में बहुत लम्बे समय से ममता वाहन सेवा बंद पड़ी है जिससे गरीब परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक बात गौर करने वाली है कि इतने लम्बे समय से ममता वाहन की सेवा बंद रहने के बावजूद प्रशासन मूकदर्शक बनी हुई है। अत: शिव चरण कुमार ने झारखण्ड सरकार से ममता वाहन सेवा पर पुनः त्वरित करवाई कराई जाने की मांग की है ,जिससे लाभार्थियों को ममता वाहन सेवा का लाभ मिल सके।

झारखण्ड राज्य के गिरिडीह ज़िला के जमुआ प्रखंड से शिव चरण मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि पूरे देश में "बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ " के तहत कार्य चालू हैं। हर जगह इससे सम्बंधित पोस्टर लगे दिखते हैं परन्तु आज भी देश में दहेज़ के नाम पर बेटियों को प्रताड़ित किया जा रहा हैं। इनके विवाह के ख़र्चे का अनुमान लगा कर कई बार जन्म होने से पहले ही बेटियों को मार दिया जाता है । सरकार को इसके तहत लोगों में जागरूकता लाना चाहिए। ताकि हर एक व्यक्ति व परिवार बेटियों का आदर करें। उन्हें पढ़ा-लिखा कर उनका भविष्य साकार करें।वही दहेज लेने वालों पर सख़्त कार्यवाही करनी चाहिए। ताकि समाज में बदलाव आए।

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झारखण्ड राज्य के गिरिडीह ज़िला के जमुआ प्रखंड से महेन्दर मंडल झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं, कि दिव्यांगों की परेशानियों का मुद्दा पंचायत स्तर पर नहीं रखी जाती हैं।दृष्टिबाधित होते हुए खुद को और अन्य दिव्यांगों को इस कारण किस किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।सरकार द्वारा कई योजनाएँ दिव्यांगों को सहयोग करने हेतु लागु हुए हैं परन्तु पंचायत स्तर पर उन योजनाओं का लाभ दिव्यांगों तक नहीं पहुंचाया जाता जिसके कारण वे सरकार की किसी भी योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं।जिसके कारण विकलांगो को शारीरिक एवं मानसिक दोनों ही तौर से परेशानियाँ का सामना करना पड़ता हैं।सरकार द्वारा लागु योजनाएँ सारे कार्यालय तक पहुँच तो जाती हैं परन्तु उन लाभों को प्राप्त करने हेतु बड़ी मसक्कत करनी पड़ती हैं। एक तो सरकारी अधिकारी दिव्यांगों का मान नहीं रखते दूसरी ओर योजनाओं की जानकारी लेने के लिए एवं योजनाओं से जुड़ने के लिए सरकारी दफ्तरों के कई बार चक्कर लगाने पड़ जाते हैं फिर भी काम नहीं बन पाता। सरकार को इस पर ध्यान देते हुए कुछ उपाय निकालना चाहिए। क्योंकि जब भी कोई दिव्यांग अधिकारी की पास अपनी समस्या को रखते हैं तो उन्हें कोई मान्य नहीं दिया जाता है। अतः हो सके तो सरकार को इन सारी योजनाओं को लाभकों के घर-घर तक पहुँचाने की सुविधा उपलब्ध कराने की पहल करनी चाहिए।