झारखण्ड राज्य के गिरिडीह ज़िला के जमुआ प्रखंड से महेन्दर मंडल झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं, कि दिव्यांगों की परेशानियों का मुद्दा पंचायत स्तर पर नहीं रखी जाती हैं।दृष्टिबाधित होते हुए खुद को और अन्य दिव्यांगों को इस कारण किस किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।सरकार द्वारा कई योजनाएँ दिव्यांगों को सहयोग करने हेतु लागु हुए हैं परन्तु पंचायत स्तर पर उन योजनाओं का लाभ दिव्यांगों तक नहीं पहुंचाया जाता जिसके कारण वे सरकार की किसी भी योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं।जिसके कारण विकलांगो को शारीरिक एवं मानसिक दोनों ही तौर से परेशानियाँ का सामना करना पड़ता हैं।सरकार द्वारा लागु योजनाएँ सारे कार्यालय तक पहुँच तो जाती हैं परन्तु उन लाभों को प्राप्त करने हेतु बड़ी मसक्कत करनी पड़ती हैं। एक तो सरकारी अधिकारी दिव्यांगों का मान नहीं रखते दूसरी ओर योजनाओं की जानकारी लेने के लिए एवं योजनाओं से जुड़ने के लिए सरकारी दफ्तरों के कई बार चक्कर लगाने पड़ जाते हैं फिर भी काम नहीं बन पाता। सरकार को इस पर ध्यान देते हुए कुछ उपाय निकालना चाहिए। क्योंकि जब भी कोई दिव्यांग अधिकारी की पास अपनी समस्या को रखते हैं तो उन्हें कोई मान्य नहीं दिया जाता है। अतः हो सके तो सरकार को इन सारी योजनाओं को लाभकों के घर-घर तक पहुँचाने की सुविधा उपलब्ध कराने की पहल करनी चाहिए।