' नमस्कार गिधौर मोबाइल वानी से मैं रंगीत पांडे साथिन मोबाइल वानी में बचपन मनाओ बारसे जाओ " कार्यक्रम में बच्चों के साथ खेलों पर बातचीत की जा रही है । और यह भी आवश्यक है क्योंकि बच्चे पूरे दिन स्कूल में पढ़ते हैं , अगर बच्चों के साथ आनंद लेने के लिए कुछ नहीं है तो दिन की थकान के साथ खेल के मैदान में खेलते हैं । इसलिए उनका मन अभिभूत हो जाता है , वे अपना कोई भी गृहकार्य ठीक से पूरा नहीं कर पाते हैं , इसलिए बच्चों के मानसिक दबाव को कम करने के लिए उनके साथ समय बिताना बहुत महत्वपूर्ण है । और परिवार को उनके साथ इस तरह की गतिविधि करनी चाहिए ताकि वे कुछ समय के लिए मानसिक तनाव से दूर रहें क्योंकि दबाव में बच्चे कुछ नहीं सीखते हैं । जो शोध किया गया है , उसमें यह सामने आया है कि बच्चे जो कुछ भी सीखते हैं , जब तक उनका अपना दिमाग नहीं होता , जब तक वे अपना प्रयास नहीं करते , तब तक कोई भी उसे नहीं सिखा सकता । ऐसी गतिविधियाँ करें जिनमें खेल , मनोरंजन और शिक्षा शामिल हो ताकि बच्चे खेल में कुछ अच्छी चीजों को अवशोषित कर सकें और अपने तनाव को कम कर सकें । और यह बच्चों के भविष्य के लिए एक बहुत अच्छी प्रथा है , अगर माता - पिता इस तरह का अभ्यास करते हैं , तो बच्चों का भविष्य निश्चित रूप से उज्ज्वल होगा और वे कुछ भी अच्छी तरह से सीख और समझ सकेंगे ।

नमस्कार दोस्तों , मैं गिढौर मोबाइल वाणी का रंगीत पांडे हूँ , दोस्तों , मोबाइल वाणी में बचपन मानो बढ़ते जाओ कार्यक्रम चलाया जा रहा है और अब इसमें छोटे बच्चों को शामिल किया जा रहा है । अपनी जिम्मेदारियों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है और यह भी आवश्यक है कि आपके छोटे बच्चे आपकी छोटी - छोटी जरूरतों के लिए काम करें । यदि इलाज किया जाए तो यह कौशल न केवल उनके पास आएगा , बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा । आप देखिए , बच्चे स्कूल जाते हैं , वे स्कूल जाते समय अपने कपड़े ठीक से नहीं पहनते हैं । उन्हें इसे अपने दम पर करना होगा और माता - पिता को ऐसा करने के लिए प्रेरित करना होगा , न कि निजी स्कूलों की तरह जहां हमें एक बच्चे को तैयार करना होता है और उसे जूता पहनना होता है और उसे गिराना पड़ता है । अपना काम करते समय ऐसा होता है कि बच्चे की सीखने की क्षमता बढ़ती है , वे सीखते हैं और सीखने के साथ - साथ उनमें जिम्मेदारी की भावना नहीं होती है और उन्हें अपना काम ठीक से करने में सक्षम होना चाहिए । इसके अलावा उनके पास आने वाली स्वच्छता से जुड़ी चीजें भी उन्हें दी जानी चाहिए क्योंकि वे स्वच्छता से आती हैं , फिर उन्हें साबुन जहाँ धोने की प्रेरणा दें , फिर खाना खाने से पहले साबुन जहाँ धो लें । अपने बलों से बात करने के लिए प्रेरित करें , किस समय ध्यान करें , किस समय अपना दोपहर का भोजन पूरा करें , अगर आप उन्हें इन सभी चीजों के लिए जिम्मेदार महसूस कराते हैं , तो बच्चे निश्चित रूप से आगे बढ़ेंगे ।

जन्म के कुछ दिनों बाद से ही माता बच्चों को इशारों से हमेशा कुछ ना कुछ सीखने का प्रयास करती है और जो माता इन कार्यों को निरंतर करते रहती है वह बच्चा निश्चित रूप से खेल खेल के माध्यम से सीख जाता है और उसके ऊपर मानसिक दबाव भी नहीं पड़ता है क्योंकि मां जानती है कि बच्चों को किस वक्त सीखना चाहिए किसी वक्त उसे खिलाना चाहिए किसी वक्त से सुलाना चाहिए जो मां तेज चालाक होती है वह बच्चों को 5 वर्ष होते-होते काफी चीज सिखा देती है जो उसे आगे चलकर बहुत ही काम आता है

मुफ्त शिक्षा व्यवस्था को भंग करने वाली सरकार महंगे शिक्षा का प्रसाद बांट रही है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के जमुई जिला के सोनो प्रखंड से रंजन मोबाइल वाणी के माध्यम से राधेश्याम ठाकुर से साक्षात्कार लिया है। जिसमें राधेश्याम ठाकुर ने बताया कि सिंचाई की सही सुविधा नहीं होने के कारण इस साल गेहूं की खेती नहीं हुई है। सिंचाई के लिए लोग बारिश के पानी पर निर्भर है। इसके साथ उन्होंने बताया की अब तो पीने के पानी का भी अभाव हो गया है। पहले बारिश अच्छी होती थी परन्तु अब बारिश कम हो रही है, क्यूंकि पेड़ पौधे काटे जा रहे है बाढ़ नहीं आ रहा है नदी के किनारे से बालू काटे जा रहे है। पर्यावरण जो की दूषित हो रहा है उसे सही करने के लिए पर्यावरण को संतुलित करने के लिए जरुरी है कि पेड़ पौधा लगाया जाये साथ में सोख्ता का निर्माण किया जाये।

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से डब्लू पंडित मोबाइल वाणी के माध्यम से श्रवण कुमार यादव बातचीत जिसमे उन्होंने जानकारी दी की जलवायु परिवर्तन असमय वर्षा,असमय गर्मी,असमय ठंड ये सब जलवायु परिवर्तन के अंदर आते हैं। इससे किसान बुरी तरह से जूझ रहे हैं। किसानो को बारिश कम होने से बहुत प्रभाव पड़ रहा है। भारत एक कृषि प्रधान देश हैं। यहाँ का अधिकांश भाग असिंचित हैं। सिचाई का व्यवस्था नहीं होने और समय से बारिश नही होने के कारण फसल लग नहीं पा रहा है। बिहार के कई जिले सूखा घोसित कर दिया गया है। यहाँ के लोग धान की रोपनी नहीं कर पाए। ये भी जलवायु परिवर्तन का प्रभाव है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के जमुई जिला के से निकिता कुमारी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि जलवायु परिवर्तन का असर पशु,पक्षी एवं मानव पर पड़ रहा है। कभी ठंड अधिक पड़ता है तो कभी गर्मी अधिक होती है। कहीं बारिश तो कहीं सूखा पड़ता है। पानी के की कमी से पेड़ सुख रहे हैं। बारिश नही होने से फसल प्रभावित हो रहे हैं। वहीं अधिक बारिश होने से घर,सड़क इत्यादि बर्बाद हो जाते हैं

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से हमारे श्रोता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बदलते मौसम के कारण बहुत सारी परेशानियाँ हो रही हैं। इसका दुस्प्र्भाव ना सिर्फ पेड़ पौधों पर बल्कि पशु पक्षियों पर भी पड़ रहा है। श्रोता ने बताया कि बहुत सारे पक्षी विलुप्त हो रहे हैं। किसानों के फसल खराब हो रहे हैं ,प्रदूषण बढ़ रहे हैं। पेड़ पौधे काटे जा रहे हैं जिसके कारण समय पर बारिश नहीं हो रहे हैं

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजन कुमार अपने विचार साझा करते हुए बताया की बदलते मौसम के कारण वर्षा कम हुई। जिससे खेती भी प्रभावित हुई। धान की रोपाई सही से नहीं हुई। क्योंकि पानी की व्यवस्था नहीं थी।जंगलों की बेतहाशा कटाई और नदियों के सूखने से जल संकट भी अब गहराने लगा है।सिंचाई की व्यवस्था भी नहीं है। जिसके कारण खेती अच्छी नहीं होती है। हमें इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए।अपने आस-पास हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए।जिससे की पर्यावरण में संतुलन बना रहे

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड के सिमरतल्ला से करुणा सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि सिमरतल्ला थाना क्षेत्र के गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।साथ ही ग्रामीणों को जानकारी नहीं है की प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ कैसे लिया जाये जिसके के अभाव में इन को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है और ग्रामीणों को कच्चे मकानों में रहना पड़ रहा है। ग्रामीणों को प्रखंड कार्यालय जाने में भी समय लगता है क्यूंकि वो काफी दूर है। अनुसूचित जाती और अनुसूचित जनजाति के लोगों में शिक्षा का घोर अभाव जिसके कारण सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी नहीं पहुँच पाती है। इस क्षेत्र के बहुत बड़े अल्पसंख्यक अनुसूचित जाती और जनजाति के लोगो को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं और आज भी मिट्टी के माकानों में रहना पड़ रहा है। सरकार दवरा तो कहा जा रहा है कि सभी को आवास योजना का लाभ दिया जायेगा परन्तु जमीनी हकीकत को देखा जाये तो ये बहुत बड़ी समस्या बानी हुई है।