जमुई डीएम राकेश कुमार जिले के झाझा प्रखंड अंतर्गत जुडपनिया और नरगंजो के नक्सल प्रभावित एवं दूरस्थ क्षेत्रों के महादलित तथा अनुसूचित जनजाति टोलों में लोगों के मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता एवं उनके समस्याओं के समाधान हेतु भ्रमण किया गया एवं ठुठरती ठंड को देखते हुए वृद्ध एवं लाचार व्यक्तियों के बीच कंबल का वितरण किया गया। मौके पर सिविल सर्जन जमुई, अनुमंडल पदाधिकारी जमुई, सभी संबंधित जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी झाझा अंचल अधिकारी उपस्थित रहे।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

गिद्धौर प्रखंड के पूर्वी गूगल दी पंचायत अंतर्गत पांडे टीका गांव में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है जिसके कारण ग्रामीण आज भी अंग्रेजों के शासन को याद कर रहे हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

Transcript Unavailable.

किताबों में यह पढ़ा जाता था कि जंगलों का राजा सिंह होता है लेकिन जमीनी हकीकत देखा जाए तो जंगलों की तराई में साहस और निदर्शा से जीवन यापन करने वाला आदिवासी समुदाय सही मायने में जंगल का राजा कहा जाए तो कोई बेमानी नहीं होगी क्योंकि जंगल के निकट रहकर वह जंगली जानवरों से आतंकवादियों से माओवादियों से वह मुकाबला करने के लिए तैयार रहता है क्योंकि वह बहुत ही साहसी और निडर होता है फिर भी सरकारों से पांच डिसमिल जमीन भी उपलब्ध नहीं कर पा रही है ताकि वह अच्छे ढंग से अपने परिवार के साथ रह सके। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी खबर सुनें

गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत कुंदर पंचायत के पहाड़पुर गांव निवासी आज भी खुले में शौच जाता है पहाड़पुर गांव महादलित ओला के लोग शौचालय से वंचित नजर आ रहे हैं पहाड़पुर गांव के महादलित परिवार दैनिक मजदूरी कर अपना परिवार पाल रहे हैं ऐसी स्थिति में महादलित समुदाय के लोग शौचालय का निर्माण करने में सक्षम नहीं है

आदिवासी समुदाय आज भी जंगलों पर निर्भर है

Transcript Unavailable.

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड के सिमरतल्ला से करुणा सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि सिमरतल्ला थाना क्षेत्र के गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।साथ ही ग्रामीणों को जानकारी नहीं है की प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ कैसे लिया जाये जिसके के अभाव में इन को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है और ग्रामीणों को कच्चे मकानों में रहना पड़ रहा है। ग्रामीणों को प्रखंड कार्यालय जाने में भी समय लगता है क्यूंकि वो काफी दूर है। अनुसूचित जाती और अनुसूचित जनजाति के लोगों में शिक्षा का घोर अभाव जिसके कारण सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी नहीं पहुँच पाती है। इस क्षेत्र के बहुत बड़े अल्पसंख्यक अनुसूचित जाती और जनजाति के लोगो को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं और आज भी मिट्टी के माकानों में रहना पड़ रहा है। सरकार दवरा तो कहा जा रहा है कि सभी को आवास योजना का लाभ दिया जायेगा परन्तु जमीनी हकीकत को देखा जाये तो ये बहुत बड़ी समस्या बानी हुई है।