किताबों में यह पढ़ा जाता था कि जंगलों का राजा सिंह होता है लेकिन जमीनी हकीकत देखा जाए तो जंगलों की तराई में साहस और निदर्शा से जीवन यापन करने वाला आदिवासी समुदाय सही मायने में जंगल का राजा कहा जाए तो कोई बेमानी नहीं होगी क्योंकि जंगल के निकट रहकर वह जंगली जानवरों से आतंकवादियों से माओवादियों से वह मुकाबला करने के लिए तैयार रहता है क्योंकि वह बहुत ही साहसी और निडर होता है फिर भी सरकारों से पांच डिसमिल जमीन भी उपलब्ध नहीं कर पा रही है ताकि वह अच्छे ढंग से अपने परिवार के साथ रह सके। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी खबर सुनें