समान शिक्षा को लेकर बेटा और बेटी दोनों की महत्वपूर्ण योगदान है अगर दोनों महत्वपूर्ण शिक्षा को समझे तो दोनों में सर्वांगीण विकास होंगे जिससे हमारा देश सर्वोच्च स्थान प्राप्त करेगा ‌

2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

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सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

इस साल बिहार में दो नए मेडिकल कॉलेज समस्तीपुर और छपरा में पढ़ाई शुरू होगी। दोनों को 2024-25 सत्र से नेशनल मेडिकल बोर्ड से मान्यता मिलने की पूरी संभावना है। नीट में चयनित विद्यार्थियों का दोनों मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के साथ ही जुलाई से पढ़ाई शुरू होगी। दोनों में 100-100 विद्यार्थियों का नामांकन होगा। यानी इस साल राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल नामांकन 1770 से बढ़ कर 1970 हो जाएगा।बिहार स्वास्थ्य विभाग के अनुसार समस्तीपुर और छपरा मेडिकल कॉलेज का काम अंतिम चरण में है। माना जा रहा है कि मार्च तक दोनों मेडिकल कॉलेज बन कर तैयार हो जाएंगे। समस्तीपुर मेडिकल कॉलेज में ओपीडी और इमरजेंसी सेवा तो 21 जनवरी से शुरू भी हो रहा है। दोनों मेडिकल कॉलेजों में आवश्यक प्रयोगशाला के लिए उपकरण सहित अन्य सामान की खरीदारी की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। नेशनल मेडिकल कमिशन से अनुमति लेने के लिए विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। दोनों मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो जाएंगे, वहां के प्राचार्य की ओर से एनएमसी को पत्र लिखकर 100-100 सीटों पर नामांकन की अनुमति ली जाएगी।

बेटा और बेटी दोनों को समान शिक्षा देना चाहिए जिससे दोनों में सर्वांगीण विकास होंगे जिससे समुदाय को जीने की समुचित साधन के बारे में जानकारी मिलेंगे और लोग बेहद तरीके से जीवन यापन कर पाएंगे।

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हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।

कल्याणपुर प्रखंड के खरसंड पश्चिमी पंचायत के उत्क्रमित, मध्य विद्यालय मोड़वारा व खरसंड विधालय में शिक्षा संवाद कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार को किया गया। जिसका नेतृत्व सीओ कमलेश कुमार व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राज़ कुमार यादव के नेतृत्व में किया गया।इस दौरान मनरेगा पीओ महेश कुमार भी मौजूद रहे ।शिक्षा संवाद कार्यक्रम में सीओ कमलेश कुमार ने बच्चो को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे अपने ध्यान नहीं देंगे तब तक शिक्षा में गुणवत्ता नहीं आ सकता है। माता-पिता को बच्चों पर विशेष रूप से खुद ध्यान देना चाहिए। वही विद्यालय समय से आने और समय से घर लौटे इसका विशेष ध्यान रखें।वही समय से नहीं आने पर बच्चों को खुद स्कूल पहुंचा दे। मौके पर एचएम जनप्रतिनिधि ,ग्रामीण मौजूद थे।