प्रिंस कुमार, उम्र 18 वर्ष, पिन कोड 811305
प्रिंस कुमार, उम्र 18 वर्ष, पिन कोड 811305
भगवन पाठक, उम्र 60 वर्ष, पिन कोड 811305
भगवन पाठक, उम्र 60 वर्ष, पिन कोड 811305
रितिक कुमार, उम्र 25 वर्ष, पिन कोड 811305
संजय तिवारी, उम्र 56 वर्ष, पिन कोड 811305
संजय तिवारी, उम्र 56 वर्ष, पिन कोड 811305
कुछ महीने पहले की बात है, सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून बनाया है, जिससे उन्हें राजनीति और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा, सवाल उठता है कि क्या कानून बना देने भर से महिलाओं को उनका हक अधिकार, बेहतर स्वास्थय, शिक्षा सेवाएं मिलने लगेंगी क्या? *----- शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक अवसरों तक महिलाओं की पहुंच में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं *----- महिलाओं को जागरूक नागरिक बनाने में शिक्षा की क्या भूमिका है? *----- महिलाओं को कानूनी साक्षरता और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कैसे किया जा सकता है"
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 2021 की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में आर्थिक समानता में महिलाओं की संख्या 58 फीसदी है। लेकिन पुरुषों के बराबर आने में उन्हें अभी सदियां लग जाएंगी। 156 देशों में हुए इस अध्ययन में महिला आर्थिक असमानता में भारत का स्थान 151 है। यानी महिलाओं को आर्थिक आजादी और अचल संपत्ति का हक देने के मामले में एक तरह से हम दुनिया में सबसे नीचे आते हैं। दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के जीवन का बड़ा समय इन अधिकारों को हासिल करने में जाता है, अगर यह उन्हें सहजता से मिल जाए तो उनका जीवन किस तरह आसान हो सकता है? *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों तक पहुंच में सुधार के लिए कौन- कौन से संसाधन और सहायता की आवश्यकता हैं?
बिहार राज्य के गिद्धौर जिला से आशुतोष पांडेय की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से नुनेश्वर यादव से हुई। नुनेश्वर यादव यह बताना चाहते है कि हमारी संस्कृति पहले के मुकबाले बदल गया है। पढ़ाई - लिखाई बहुत कम हो रही है। लोगों का खाना - पीना भी बदल गया है। लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। महिला के साथ कई घटनाएं घटती है। पहले अगर इस तरह की घटना होती थी तो पंचायत के द्वारा फैसला कर दिया जाता था। इसमें सुधार पूर्ण रूप से तभी होगा जब समाज जागरूक होगा। महिला को जमीन पर अधिकार नहीं दिया जाता है।