शर्म नहीं ,सम्मान है हिंदी ही हमारा अभिमान है आज का दिन ख़ास है। आज ही के दिन यानि 14 सितम्बर 1949 को भारत की संविधान सभा द्वारा हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्ज़ा मिला और इसी के सम्मान में साल 1953 से प्रतिवर्ष हिंदी दिवस आधिकारिक रूप से मनाया जाता आ रहा है। हिंदी दिवस मानाने का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा का महत्व को उजागर करना और हर क्षेत्र में हिंदी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देना है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 2021 की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में आर्थिक समानता में महिलाओं की संख्या 58 फीसदी है। लेकिन पुरुषों के बराबर आने में उन्हें अभी सदियां लग जाएंगी। 156 देशों में हुए इस अध्ययन में महिला आर्थिक असमानता में भारत का स्थान 151 है। यानी महिलाओं को आर्थिक आजादी और अचल संपत्ति का हक देने के मामले में एक तरह से हम दुनिया में सबसे नीचे आते हैं। दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के जीवन का बड़ा समय इन अधिकारों को हासिल करने में जाता है, अगर यह उन्हें सहजता से मिल जाए तो उनका जीवन किस तरह आसान हो सकता है? *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों तक पहुंच में सुधार के लिए कौन- कौन से संसाधन और सहायता की आवश्यकता हैं?
माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.
जमुई सिकन्दरा प्रखंड के शिवनाथी पोखर स्थित बाबा धर्मदास के प्रांगण में गुरुबार को नवयुबक नाई समाज संघ की बैठक आयोजित की गई ! वही बैठक की अध्यक्षता लोहंडा गाँव निवासी अशोक प्रसाद ने की। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
बिहार राज्य के जिला जमुई से नरेंद्र कुमार की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कुंदन कुमार से हुई। कुंदन यह बताना चाहते है कि महिलाओं को भी शिक्षित होना चाहिए , चाहे लड़का हो या लड़की हो सभी का शिक्षित होना बहुत जरुरी है। महिलाओं को भी अधिकार मिलना चाहिए और महिलाओं के नाम से भी जमीन रजिस्ट्री होना चाहिए। । भूमि में हिस्सा पाकर उसमे खेती बारी करके अच्छा मुनाफा जा सकता है और अपने बच्चो की अच्छी परवरिश कर सकती है।अशिक्षा के कारण ग्रामीण क्षेत्र की महिला जागरूक नहीं हो पाती है। महिलाओं को शिक्षित होना चाहिए तभी वो आगे बढ़ पाएंगी
बिहार राज्य के जिला जमुई से नरेंद्र कुमार की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कलावती से हुई। कलावती यह बताना चाहती है कि महिलाओं को भी शिक्षित किया जाना चाहिए, महिलाओं को अच्छी तरह से शिक्षित किया जाना चाहिए। महिलाओं को भी भूमि में हिस्सा मिलना चाहिए, महिलाओं के नाम से भी भूमि रजिस्ट्री होना चाहिए। भूमि में हिस्सा पाकर उसमे खेती बारी करके अच्छा मुनाफा जा सकता है और अपने बच्चो की अच्छी परवरिश की जा सकती है
बिहार राज्य के जमुई ज़िला से नरेंद्र कुमार की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अनीता देवी से हुई। अनीता कहती है कि महिला शिक्षित होगी तब ही हर कार्यों को लेकर वो जानकारी रखेगी । महिलाओं को भी अधिकार मिलना चाहिए। पुरुषों और महिलाओं को एक नज़र से देखना चाहिए। महिला हर कार्य करने में सक्षम है। उन्हें भी बोलने का अधिकार है। बहुत महिला पढ़ी लिखी नहीं रहती है इसीलिए उन्हें कोई भी कार्य करने में बाधा आती है
बिहार राज्य के जिला जमुई से नरेंद्र कुमार की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अनीता देवी से हुई। अनीता देवी यह बताना चाहती है कि महिला अगर पढ़ी लिखी रहेगी तभी जागरूक हो पाएंगी। भूमि पर खेती बारी के लिए आधा हिस्सा मिलना चाहिए। महिला और पुरुष दोनों को बराबर का हिस्सा मिलना चाहिए। शिक्षा के आभाव के कारण महिला ग्रामीण क्षेत्र की महिलायें पिछड़ी रह जाती है
बिहार राज्य के जिला जमुई से नरेंद्र कुमार की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से बनो देवी से हुई। बनो देवी यह बताना चाहती है कि महिलाओं को भी शिक्षित होना चाहिए। पैतृक संपत्ति में भी महिलाओं का अधिकार होना चाहिए। महिलाओं को भी पुरुष के बराबर हक़ मिलना चाहिए और भूमि में हिस्सा मिलना चाहिए , तभी वो अपने बच्चो को अच्छे से पढ़ा पाएंगी। महिलाओं के नाम से भी जमीन रजिस्ट्री होना चाहिए
बिहार राज्य के जिला जमुई से नरेंद्र कुमार की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से निर्जला देवी से हुई। निर्जला देवी यह बताना चाहती है कि महिलाओं के नाम से भी जमीन होना चाहिए। महिलाओं को भी पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं को भी किसान का दर्जा दिया जाना चाहिए और उन्हें भी किसान के बराबर हक़ मिलना चाहिए।