जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड से विजय कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि आज के युवा पीढ़ी नशे में डूब रही है। आजकल नशा यानी शराब पीना फैशन बनता जा रहा है।आज देश का भविष्य कहे जाने वाले मासूम बच्चे नशे की गर्त में डूबते जा रहे है।सरकारी नीतियां लोगों की जिंदगी पर बहुत असर डाल रही हैं, केंद्र और प्रदेश सरकार नशा मुक्ति को लेकर विज्ञापन एवं एन.जी.ओ पर करोड़ो की योजनाओं को चलाकर जन-जाग्रति फैला रही है, लेकिन जिस युवा पीढ़ी के बल पर भारत विकास के पथ पर प्रगतिशील होने का दवा कर रही है,उसी युवा पीढ़ी पर नशे की सेंध लग रही है, जो दिन प्रतिदिन अपना पैर पसार रही है और कुछ युवा की गिरफ्त में आ रहे है। जो काफी चिंता का विषय है। युवाओं में नशा इस तरह से हावी हो गया है कि नशा अब मौज-मस्ती का नहीं बल्कि आज की युवा पीढ़ी के लिए आवश्यक बन गया है।युयुवाओं में नशाखोरी की प्रवृत्ति और शराब पीने की लत नया चलन बनता जा रहा है।आर्थिक सहयोग और विकास संगठन ओईसीडी ने एक ताजा रिपोर्ट में पश्चिमी देशों के युवाओं में इस बढ़ते चलन पर चिंता जताई है।
जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड से, विजय कुमार सिंह जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि, आज आधुनिकता का युग है। आज माध्यम वर्ग के लोग हो या निम्न वर्ग के, सभी आज स्मार्ट फ़ोन स्तेमाल कर रहे है। हर हाथ में फ़ोन ने अपनी जगह बना ली है। बच्चे अपने से बड़े लोगो का फ़ोन लेकर गाने एवं वीडियो देखना आरंभ करते है, और धीरे-धीरे वे वीडियो गेम्स में अपनी जगह बना लेते है, जिससे बच्चो को स्मार्ट फ़ोन की आदत लग जाती है। अक्सर यह देखा जाता है कि, दिनभर वीडियोगेम से चिपके रहने वाले बच्चों में सामान्य बच्चों की अपेक्षा चिड़चिड़ापन व गुस्सैल प्रवृत्ति अधिक पाई जाती है। माँ-बाप अपने बच्चो को वीडियोगेम थमा देते हैं, जो उनके स्वभाव को ओर अधिक उग्र हो जाता हैं, साथ ही कई बिमारियों की चपेट में भी आ जाते है। बच्चो की पढ़ाई-लिखाई अपनी जगह है, लेकिन आज के इस दौर में उसकी अहमियत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए माँ-बाप अपने बच्चो को स्मार्ट फ़ोन कम मात्रा में उपयोग करने दे।
बिहार राज्य के जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड से मोबाइल वाणी रिपोर्टर विजय कुमार सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था के कारण अब मरीज निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। अक्सर देखा जाता है कि कई बार मरीज के परिजन, मरीजों को लेकर सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराते हैं लेकिन डॉक्टरों की उदासीनता के कारण वे मरीजों को लेकर निजी अस्पताल में चले जाते हैं। बात यही तक ख़त्म नहीं होती है बल्कि कई बार डॉक्टरों और परिजनों के बीच झड़प भी हो जाती है। इसके बाद डॉक्टर और कर्मी हड़ताल पर भी चले जाते हैं जिससे स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह बाधित हो जाती है और इसका खामियाज़ा मरीजों को भुगतना पड़ता है। राज्य सरकार इन समस्याओं के समाधान करने में अब तक बिफल रही है। अत: सरकार को इन समस्याओं पर ध्यान देने की जरुरत है।
बिहार राज्य, जिला जमुई के प्रखंड सिकंदरा से विजय कुमार सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि राज्य के सभी जिलों के सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत लाभान्वित होने वाले सभी पेंशनधारी ,पिछले कई महीनों से पेंशन की राशि नहीं मिलने से परेशान हैं। उन्होंने बताया कि कई बार बुजुर्गों से आधार कार्ड और बैंक का पास बुक का फोटो कॉपी लेकर सत्यापित करने की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। इस समस्या को लेकर पंचायत के मुखिया एवं प्रखंड के अधिकारी तक गुहार लगाई गई है लेकिन अभी तक इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। प्रखंड विकास पदाधिकारी सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। साथ ही वृद्धा पेंशन की राशि काफी कम है बावजूद इसके राशि नहीं मिल रही है। जिस कारण बुजुर्गों में मायूसी देखि जा रही है।
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विजय कुमार , बिहार के जमुई जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि यहाँ के युवापीढ़ी बेरोजगारी की समस्या से परेशान हो कर रोजगार के तलाश में राज्य से बाहर जाने मजबूर हैं। राज्य में बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न होने के पीछे मुख्य वजह यह है कि सरकार द्वारा सेवानिवृत कर्मचारियों को पुनः संविदा पर भर्ती किया जाना ।साथ ही वर्तमान में ज्यादातर युवा बेरोजगारी की वजह से गलत रास्ते पर जा रहे है, क्यूँकि जीविकापार्जन के लिए सबको ही पैसों की जरुरत होती है।अत: सरकार को राज्य में व्याप्त बेरोजगारी की समस्या पर जल्द ध्यान देना चाहिए जिससे यहाँ के युवापीढ़ी गलत रास्ते पर ना जाये और लोगों को बेरोजगारी की समस्या से निजात मिल सके।
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