जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड से, अमित कुमार सबिता जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है, कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधि-व्यवस्था से जुड़ी समीक्षा बैठक में सख्त निर्देश दिए कि पुलिस पर पथराव की घटनाओं तथा सांप्रदायिक घटनाओं से संबंधित मामलों को अपराध अनुसंधान विभाग सीआईडी अपने नियंत्रण में लेकर तुरंत मुकदमा दर्ज करे। तत्काल गिरफ्तारी के बाद प्राथमिकता के आधार पर ऐसे मामलों में ट्रायल कराया जाए। तीन जनवरी को पुन: समीक्षा बैठक होगी। मुख्यमंत्री ने पुलिस महकमे के आला अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो अराजक तत्व छापेमारी पर गए पुलिस कर्मियों पर हमला करते हैैं, उन पर सख्त कार्रवाई कीजिए। तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर उसका फॉलोअप कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज उत्पीडऩ व दहेज हत्या से जुड़े मामले का थानावार ब्योरा जुटाया जाए। देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध में बिहार का 29 वां स्थान है । अगर दहेज से जुड़े मामले कम हो जाए देश भर में बिहार की स्थिति आदर्श हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अपराध की घटनाओं की थानावार समीक्षा हो। विशेष रूप से दहेज हत्या एवं महिला अपराध की घटनाओं पर नजर रहे। सांप्रदायिक घटनाओं का विश्लेषण करें। उससे प्रभावित थानों एवं इलाकों की पहचान कर समुचित कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए। अपर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय स्पीडी ट्रायल से जुड़े सभी बिंदुओं की मॉनीटरिंग करेंगे। समीक्षा बैठक में डीजीपी पीके ठाकुर, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, एडीजी पुलिस मुख्यालय एसके सिंघल, एडीजी विधि-व्यवस्था आलोक राज. आईजी स्पेशल ब्रांच जेएस गंगवार व मुख्यालय पारसनाथ सहित अन्य लोग मौजूद थे।

जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड से, अमित कुमार सबिता जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है, कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2018 की तिथि घोषित कर दी है। परीक्षा 21 से 28 फरवरी 2018 तक आयोजित की जाएगी। 25 फरवरी को रविवार होने से उस दिन परीक्षा नहीं होगी। मार्च के आरंभ तमें होली होने की वजह से इस बार परीक्षा फरवरी महीने में ही आयोजित की जा रही है।बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि परीक्षा हर दिन दो पालियों में आयोजित होगी। अंग्रेजी, गणित, मातृभाषा, द्वितीय भारतीय भाषा विषय की परीक्षा प्रथम पाली में सुबह 9.30 बजे से 12.45 तक और द्वितीय पाली 2 बजे से 5.15 तक ली जायेगी। वहीं सामाजिक विज्ञान, विज्ञान की परीक्षा प्रथम पाली में सुबह 9.30 से 12.15 तक ली जायेगी। द्वितीय पाली दो बजे से 4.45 तक ली जायेगी। इंटर की तर्ज पर मैट्रिक परीक्षा का प्रैक्टिकल पेपर भी थ्योरी पेपर के पहले ही होगा। प्रैक्टिकल की परीक्षा 22 से 24 जनवरी तक तक आयोजित होगी। इस बार प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान होम सेंटर नहीं होगा। मैट्रिक परीक्षा की तिथि घोषित की दी गयी है। परीक्षा फरवरी माह के अंत मे ली जायेगी। होली होने की वजह से परीक्षा हर बार से पहले ली जा रही है। फरवरी में परीक्षा पहले होने से रिजल्ट भी जल्द ही आ जाएगा।

राज्य बिहार के जमुई जिला,प्रखंड सिकंदरा से ज्योति जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रही है, कि कई अभिभावक ऐसे भी होते है जो परीक्षाओं के दौरान अच्छे परिणाम लाने के लिए अपने बच्चो पर दबाव डालते है। बच्चों पर अपने माता-पिता के उम्मीदों पर खरे उतरने का दबाव भी होता है, साथ ही अपने दोस्तों से बिछड़ने का डर भी लगा रहता है। परीक्षा की तैयारियों के समय बच्चे अपनी ख्वाहिशों को तिलांजलि दे देते है, और साथ-ही वे टेलीविजन और सेलफोन से भी दूर हो जाते है। बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों के लिए भी यह इम्तिहान जीवन के किसी बड़े इम्तिहान से कम नहीं होता है। परिणाम स्वरूप वह अपने बच्चो पर अनचाहा दबाव डालते है, जो उनपर अप्रत्यक्ष रूप से नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए अभिभावक अपने बच्चों को बतायें की जीवन की सफलता इस परीक्षा पर निर्भर नहीं करता है। वे अपने बच्चो को समझाकर पढ़ने के लिए कहें।

राज्य बिहार के जमुई जिला, प्रखंड सिकंदरा से ज्योति कुमारी जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रही है कि हमारे जीवन में दोस्त की भूमिका बहुत अनमोल होता है, जिसे हम शब्दों में शायद ही बंया कर सकते है । हमारे दोस्त हर परस्थिति में हमारे साथ रहते है। हम अपने दोस्तों से सभी बातें साझा कर सकते है वे हमे अपने जीवन में कभी अकेलापन महसूस होने नहीं देते है। हमारे जीवन में दोस्तों की एक अहम भूमिका होती है, अतः हमे अपने जीवन में दोस्त के महत्व को समझना चाहिए और इस अटूट रिश्ते को कभी टूटने या कमजोर होने नहीं होने देना चाहिए।

जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत पोहै ग्राम से, नरेंद्र कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है, कि जमुई के समाहरणालय स्थित संवाद कक्ष में जिलाधिकारी डॉ. कौशल किशोर ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक आहूत की गयी। बैठक में जिलाधिकारी डॉ. कौशल किशोर ने बैठक में तंबाकू निषेध कानून समेत कई महत्वपूर्ण बिंदुओं की विस्तार की समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिया। इस बैठक में स्वास्थ्य पदाधिकारी, स्वास्थ्य कर्मी एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

बिहार राज्य के जमुई जिले के अन्तर्गत प्रखंड सिकंदरा से, ज्योति कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि पर्यावरण को बचाना हमारा कर्तव्य है। पर्यावरण का अर्थ होता है, हमारे चारों ओर का वातावरण। इसी से मनुष्य द्वारा साँस लिया जाता है और इसके अंतर्गत वायु,जल,धरती और ध्वनि आदि से युक्त पूरा प्राकृतिक वातावरण आ जाता है। हमे जीवन देने वाला पर्यावरण आज पूरी तरह से प्रदूषित होता जा रहा है, और इसका सबसे बड़ा कारण है लोगो द्वारा प्राकृतिक की अनदेखी करना। वही बिना नियम कानून के अधिक से अधिक कल-कारखाने लगाए जा रहे है। जिससे निकलने वाली रासायनिक कचड़ा,अनेक प्रकार के विषैले गैस पर्यवरण को दूषित कर रहे है। इसलिए प्रदूषण को ख़त्म करने के लिए हरियाली को बढ़ावा देने की आवश्यक्ता है, साथ ही इस प्रदुषण को बढ़ावा देने वाली चीजों की रोकथाम करनी चाहिए।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

बिहार राज्य के जमुई जिला के सिकंदरा प्रखंड से विजय कुमार सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि कृषि विभाग के लापरवाही के कारण रवि फसलों के बुआई का अधिकांश समय बीत चूका है, लेकिन विभाग की ओर से अभी तक किसानो को बीज मुहैया नहीं कराइ गई है।कृषि विभाग द्वारा जो बाते की जाती है, उससे साफ जाहिर होता है कि विभाग किसानों के हिट में बहुत कुछ करना चाहती हैं।इसमें शीर्ष अधिकारी भी बराबर के दोषी होते हैं चूँकि अगर गौर किया जाये तो प्रदेश सरकार द्वारा कृषि का तीसरा रोडमैप जारी किया गया लेकिन अभी तक पहले कृषि रोडमैप से ही किसानों को कोई लाभ नहीं मिला है।कृषि विभाग के इस रवैये से किसान परेशान हैं।

जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड से, विजय कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि, समाज में फ़ैल रहे दहेज़ प्रथा एवं बाल विवाह को खत्मकर एक नए समाज का निर्माण करे। भारतीय समाज में कई परम्पराएँ जीवित है। आधुनिकता का दम भरने वाला ये समाज परम्पराओं के साथ इस कदर चिपका हुआ है कि, मानों ये समाज की आवश्यक अंग है। आज कहने को हम 21 वीं सदी में है, लेकिन आज इतने शिक्षित समाज में भी दहेज़ प्रथा एवं बाल विवाह विकराल समस्या बन चुकी है। कई प्रकार की सामाजिक बुराइयाँ समाज से समाप्त हो चुकी है, लेकिन कुछ वर्षो से दहेज़ प्रथा एवं बाल विवाह की जड़े काफी गहरी होती जा रही है। 21 वीं सदी में बिहार में बाल विवाह का औसत 40 फीसदी है, साथ ही दहेज़ की औसत इससे भी अधिक है। दहेज़ के लिए सिर्फ वर-पक्ष ही नहीं बल्कि कन्या-पक्ष वाले भी बराबर रूप से जिम्मेदार होते है, क्यूंकि दोनों पक्ष के लोग दहेज़ लेने और देने में अपना शान समझते है।