दिल्ली के जंतर मंतर से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत नीता से हुई नीता बताती हैं हम आज 26 नवंबर 23 संविधान दिवस के मौके पर महिला हिंसा के खिलाफ आज हम अपनी मांगों को लेकर जंतर मंतर पर बैठे हुए हैं
दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत आशा वर्कर्स से हुई आशा वर्कर बताती है दिल्ली में 6500 टोटल आशा वर्कर है जो की 4 से 5000 आशा वर्कर रोज धन्यवाद आ रही है हम मुख्यमंत्री जी से मिलना चाहते हैं और उनके घर के पास जाकर बैठना चाहते हैं मगर दिल्ली पुलिस हमें इतनी दूर ही बिठा दिया है हम 28 अगस्त से बराबर धरने पर बैठे हुए हैं ऐसा लगता है कि हम भारत में नहीं कहीं ब्रिटिश हुकूमत में पैदा हुए हैं यहां पर इतना अत्याचार किया जा रहा है हमें टारगेट दिया जाता है क्या आप इस टारगेट पर काम करेंगे हमसे बदतमीजी की जाती है हम अस्पताल जाते हैं डॉक्टर हमारी नहीं मानता है हम गर्भवती महिलाओं को लेकर जाते हैं कोई अपना घर का पेशेंट नहीं लेकर जाते हैं हमें डिस्पेंसरी में लगा दिया जाता है डिस्पेंसरी के डॉक्टर और उसका स्टाफ हमारे साथ हमारा शोषण करता है जो के यह संविधान के खिलाफ है हम सभी आशा वर्कर इस धरने को खत्म नहीं करेंगे तब तक हमारा न्यूनतम वेतन नहीं मिलेगा और हमारे मुख्य मांगे पूरी नहीं होगी
दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी का माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत कुसुम पांडे आशा वर्कर से हुई उनके साथ और भी बहुत सारी आशा वर्कर है धरने पर आई हैं गाजीपुर से बहुत सारी आशा वर्कर रोज आती है धरने में 28 अगस्त से रोज चल रहा है धरना अपनी वेतन बढ़ाने के लिए आशा वर्कर केजरीवाल से मांग कर रही है कि न्यूनतम मजदूरी हमें दी जाए हमें अभी 30 से 35 रुपए मिलते हैं जो कि लगभग 2500 रुपए बैठते हैं महीने के क्योंकि वह हमारे लिए बहुत कम है अपने बच्चों का पालन पोषण भी नहीं कर पाते हैं
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श्रमिक वाणी के राजकुमार रोहिला जी बता रहें हैं कि 30 जुलाई 2023 को दिल्ली के जंतर मंतर में विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा
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कड़ी संख्या - 248 ; सारा जहाँ हमारा - मई दिवस पर पेरिस में भड़की हिंसा, पेंशन कानून के खिलाफ प्रदर्शन
एक मई यानी मजदूर दिवस पर फ्रांस में पेंशन कानून के विरोध में लोगों ने प्रदर्शन किया। बता दें कि राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों के सेवानिवृत्त की आयु 62 से बढ़ाकर 64 वर्ष किए जाने के हालिया कदम के बाद फ्रांस के लोग सड़क पर उतर आए। दरअसल एक मई पर कई देशों में मजदूरों के अधिकारों का जश्न मनाने के तौर पर मनाया जाता है और इस दिन रैलियां, मार्च तथा अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. कोविड-19 संबंधी पाबंदियां हटने के कारण इस साल इन रैलियों में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। अब रुख करते हैं अगली खबर की तरफ....जो....अमेरिका से है.... अमेरिका में रोजगार के नए अवसर मार्च में घटकर करीब दो साल के निचले स्तर पर आ गए। इसे ऊंची ब्याज दरों के समय श्रम बाजार में सुस्ती का संकेत माना जा रहा है। श्रम विभाग ने मंगलवार को मार्च, 2023 के रोजगार आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस महीने में नियोक्ताओं ने 96 लाख रिक्तियों की जानकारी दी। यह संख्या फरवरी के करीब एक करोड़ रोजगार से कम है। इसके अलावा यह अप्रैल 2021 के बाद से सबसे कम रोजगार का मासिक आंकड़ा भी है।
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