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झारखण्ड राज्य के कोडरमा ज़िला से केदार यादव ,झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि मरकच्चो प्रखंड अंतर्गत डगमाहा पंचायत में चार किलोमीटर परसाबाद ग्राम से डुमरगढ़ा लाइन होटल तक सड़क बहुत ही बुरी तरह से निर्माण किया गया है। सड़क की जर्जर स्थिति से ग्रामीण परेशान है। आवागमन में बहुत समस्या होती है

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झारखण्ड राज्य के कोडरमा ज़िला से प्रयाग यादव , झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि कोडरमा ज़िला में लोगों को 12 वर्ष के ऊपर के बच्चों का होने वाले कोरोना टीकाकरण की जानकारी नहीं है। न ही 18 वर्ष के नीचे के बच्चों को अब तक टीका देने का कार्य हुआ है। यह जानकारी मोबाइल वाणी द्वारा ही अभी मिल रही है। कोडरमा जिला में संस्थाएँ अच्छे से काम नहीं कर रही है। वहां के लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जाए

जिला कोडरमा से केदार यादव जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि जिला कोडरमा,प्रखंड मरकच्चो,पंचायत डगरनवा में कुल नौ गावँ है जिसमे नाबार्ड प्रायोजित राज्य समेकित परियोजना के अन्तर्गत जनजागरण केंद्र के द्वारा फलदार वृक्षा रोपण का कार्य 2014-15 के 20-21 तक किया जाना था।इन गांवो में 500 बाड़ी परिवार के साथ और 50 परिवार निवास करते है कुल क्षेत्र 500 एकड़ है जो की मुख्य पथ से जुड़ी सात किलोमीटर पर है।लोगो का कहना है की इन क्षेत्रो में लगाए गए वृक्षारोपण कार्य में जांच करने की जरुरत है। इस कार्य में नाबार्ड के द्वारा पैसे का घपला किया जा रहा है।इनके द्वारा कही पेड़ लगाए गए है तो कही नहीं लगाए है, और जो पेड़ लगे है वे मर गए है।लगाए गए पेड़ पौधों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और ना ही उसकी देख रेख की जा रही है।इन सब कार्य पर जो पैसे खर्च किये जा रहे है वे आदिवासी विकास के नाम पर। माननीय मुख्य मंत्री व कोडरमा जिला के डीसी से आग्रह है कि वे इसकी जाँच पड़ताल करें जिससे अतिशीघ्र पैसे को बचाया जाये और गैर आदिवासियों के साथ जनजागरण केंद्र के द्वारा किये गए धोखे में राहत मिले।

झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिले से केदार यादव ने जानकारी दी की कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है पहले गांव में मलेरिया को एकाही कहा करते थे फिर बाद में लोगो में जागरुकता आयी और लोगो को मलेरिया के विषय में जानकरी हुई की मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिय होता है।पहले कुनैन नामक दवा मलेरिया के मरीजों को दी जाती थी।अब तो मलेरिया से बचने के लिए बहुत ही बेहतर इलाज संभव है।

झारखण्ड राज्य के कोडरमा से केदार यादव जी ने बताया की मलेरिया मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है और ये मच्छर गंदगी से पनपते हैं।गन्दी नालियों,गड्ढों में जमा पानी में मादा एनोफिलीज मच्छर पनपते है और इनके काटने से मलेरिया होता है. इसलिए अपने घर और घर का आस-पास के क्षेत्रो को साफ़ रखें और मलेरिया से बचे रहें।इन्होने बताया की मलेरिया के मच्छर ज्यादा तर गांव में पनपते है।जहा पशुओं को रखा जाता है या नदी तालाबों में पनपते हैं।इसलिए अपने पशुओं को रखने की जगह को साफ़रखें और नदी तालाबों को भी गन्दा न करें।

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