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जिला परिषद अध्यक्ष जांयस बेसरा और प्रमुख बिमला नीपू सोरेन ने संयुक्त रूप से शनिवार को आत्मा परिसर में 65 किसानों के बीच छह किवंटल चना बीज का वितरण किया।पंजीकृत दर्जनों किसानों को ब्लाकचेन तकनीकी के माध्यम से चना बीज का वितरण किया गया।
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अखिल विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री सूरज कुमार के नेतृत्व में शिकारीपाड़ा महाविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया गया विभिन्न मांगों को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया हर साल सरकारी अनुदान के अलावा छात्र छात्राओं से विकास शुल्क लिया जाता है परंतु बुनियादी आवश्यकता का अभी तक पूरा नहीं किया गया है शिकारीपाड़ा प्रखंड शिक्षा के क्षेत्र में अत्यंत पिछड़ा हुआ है शिक्षा के बिना क्षेत्र की विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं शिकारीपाड़ा महाविद्यालय के शिक्षा में सुधार हेतु अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छात्र छात्राओं ने कई बार शिकारीपाड़ा महाविद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं सिद्धू कानू विश्वविद्यालय में भी आवेदन दिया परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई 1) शिकारीपाड़ा महाविद्यालय शासी निकाय (GB) के निष्क्रियता एवं उदासीनता के वजह से आज तक हमारे शिकारीपाड़ा महाविद्यालय का नैक नहीं हो सका हैं प्राचार्य महोदय त्यागपत्र दे 2) शिकारीपाड़ा महाविद्यालय शौचालय की नियमित रूप से साफ सफाई नहीं की जाती है 3)पिछले 5 साल की सरकारी अनुदान एवं छात्र-छात्राओं द्वारा लिए गए विकास शुल्क की जांच की जाए 4) कॉलेज का खुद का जरनेटर नहीं है बिजली चले जाने पर काफी छात्र-छात्राओं को समस्या का सामना करना पड़ता है 5) कॉलेज आपने बैकयार्ड की जमीन की घेराबंदी करें 6) कॉलेज के आसपास जंगली घास उगे हुए हैं जिनकी साफ सफाई नहीं की जा रही है 7) कई बार छात्रों के द्वारा वाटर फिल्टर की व्यवस्था की मांग की गई परंतु वाटर फिल्टर की व्यवस्था नहीं की गई 8) कॉलेज के प्रत्येक कक्षाओं के बाहर बाहर स्ट्रीट लाइट लगाया जाए 9)सभी विभागों का कमरा सुनिश्चित किया जाए शिकारीपाड़ा डिग्री कॉलेज में कमरों का घोर अभाव है मैन बिल्डिंग के ऊपर कमरा बनाया जाए 10)छात्र-छात्राओं को खेलकूद का किट उपलब्ध कराया जाए 11)कॉलेज प्रशासन वर्ष में में किसी प्रकार का खेलकूद प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाता हैं 12) शिक्षक छात्रों को पढ़ाने के बजाय आपस में लड़ते झगड़ते रहते हैं 13) महाविद्यालय में ड्रेस कोड लागू है कॉलेज में अनुशासन नहीं होने के कारण हैं ड्रेस कोड का पालन नहीं हो रहा है 14) सभी पेड़ नीचे बैठने के लिए सेठ बनाया जाए 15) हैवी इन्वर्टर लगाया जाए 16) बेंच डेक्स का रंग रोगन सही ढंग से नहीं किया गया सिर्फ प्राइमर मार कर छोड़ दिया गया है पर्याप्त बेंच की व्यवस्था की जाए 17)ऑनलाइन संबंधित कार्य शिक्षा महाविद्यालय में व्यवस्था की जाए 18)शिकारीपाड़ा महाविद्यालय की शिक्षा सुधार हेतु आज तक छात्रों के अभिभावक के साथ जनप्रतिनिधियों के साथ एवं गणमान्य के साथ बैठक कभी नहीं हुई 19)पुस्तकालय में पर्याप्त पुस्तक एवं प्रयोगशाला में पर्याप्त सामग्री उपलब्ध कराई जाए 20) बायोमेट्रिक से कॉलेज कर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य किया जाए 21) छात्र छात्राओं का वर्ष में एक दो बार शैक्षणिक भ्रमण होना चाहिए 22) महाविद्यालय के देखरेख में निगरानी हेतु अभिभावकों की समिति बनाया जाए 23)सभी प्रकार के नगद लेनदेन बंद कराए जाएं 24)गरीब छात्रों के लिए विशेष आर्थिक छूट दी जाए इस धरना प्रदर्शन में छात्रों ने नारा लगाया प्रधानाध्यापक इस्तीफा दो, कॉलेज में घोटाला बंद करो, अवैध वसूली बंद करो, डेवलपमेंट के पैसा से घर चलाना बंद करो, छात्रों का अत्याचार करना बंद करो, इस धरना प्रदर्शन मे शिवम भगत, जिला संयोजक झंन्टु पाल,कुनाल कुमार, विकाश भगत ,सोम सोरेन, देवाशीष मंडल,दूलू राणा, पलूट गोस्वामी, संयूब अंसारी,रंजन भगत,धीरज कुमार,अमर कुमार, सुनम पाल,अनिमेष कुमार, प्रकाश पंडित, प्रशांत भगत, वीरेंद्र भगत, रवि रंजन ,सौरभ कुमार,अमर कुमार,
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झारखण्ड राज्य के जिला दुमका से बाबूराम मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के अंतर्गत सभी किसानो को जिन्होंने खरीफ फसल की बुआई नहीं की उन्हें 3500 रूपये दिए जाएंगे। इसके लिए अपनी पंचायत केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए कुछ दस्तावेज जैसे आधार कार्ड ,बैंक पास बुक ,जमीन की रसीद ,वंशावली और मोबाइल का होना आवश्यक है। भूमिहीन किसान को वोटर कार्ड ,बैंक पास बुक ,राशन कार्ड और मोबाइल के साथ आवेदन करना है। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवम्बर निश्चित की गयी है
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काठीकुंड प्रखंड अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काठीकुंड में आज सेंट्रल कमिटी की टीम आई हुई थी। स्वास्थ्य कर्मियों ने आगंतुकों का माला पहनाकर और गीत गाकर स्वागत किया। जब ग्रामीणों को पदाधिकारी के आने की सूचना मिली तो दर्जनों लोगों ने स्वास्थ्य पदाधिकारियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की कमियों को बताया । ग्रामीणों द्वारा बताई गई की यहां समय पर डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मि आते नही है ,बाहर से दवा लिख दी जाती है। ये अस्पताल मात्र रेफर के लिए हैं।जब पेशेंट अस्पताल पहुंचते हैं, उन्हें कोई उपचार नहीं की जाती है, अपितु उन्हें बाहर रेफर लिख दिया जाता है। लोग मायूस होकर इस करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए सरकारी अस्पताल ना जाकर वो कल्याण विभाग द्वारा संचालित सनमत स्वास्थ्य केंद्र नयाडीह चले जाते हैं। यदि इस तरह की स्तिथि सब दिन बनी रहे तो फिर लोगों को सरकारी अस्पताल से विस्वास समाप्त हो जाएगा।
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