मनोहरपुरा से हीना बात कर रही है की उनकी बस्ती में कचरे की गाड़ी नहीं आरहा है, कृपया कचरे की गाड़ी भेजे |

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उत्तरप्रदेश राज्य के मिर्ज़ापुर ज़िला से 27 वर्षीय मुकेश ,उद्यमी वाणी के माध्यम से कहते है कि ये खेती बाड़ी करते है। मौसम के अनुसार खेती होता है। अगर बरसात समय से नहीं होता है तो पानी की समस्या बनी रहती है। खेती बाड़ी से लाभ नहीं होता है। इनके पास गाय भैंस है। दूध का व्यापार करते है। दूध जल्दी ख़राब हो जाता है इसलिए कभी कभी घाटा भी होता है। बाकि दूध का व्यापार अच्छा चलता है।

कहते हैं कि पूंजीवाद केवल एक आर्थिक व्यवस्था नहीं, बल्कि एक सोच है — एक ऐसा दृष्टिकोण जो इंसान को इंसान से तोड़कर उसे केवल उपभोक्ता के रूप में देखना चाहता है। इस व्यवस्था का मूल स्वभाव ही इतना व्यक्तिकेंद्रित होता है कि वह हर स्तर पर 'फूट डालो, राज करो' की नीति को आत्मसात कर लेता है। यह नीति अब केवल सत्ता की राजनीति, सरकारों की रणनीति या कॉरपोरेट दिग्गजों के एजेंडे तक सीमित नहीं रही। अब यह हमारे सबसे निजी, सबसे मानवीय दायरे — हमारे घरों, मोहल्लों और सोसाइटीज़ तक पहुँच चुकी है। कभी जो मोहल्ले आपसी सहयोग और सामाजिकता के केंद्र हुआ करते थे, आज वहाँ अपार्टमेंट की दीवारें केवल ईंट-पत्थर की नहीं, बल्कि मन की दूरियों की बाड़ बन चुकी हैं। आज पड़ोसी एक-दूसरे के नाम नहीं जानते, और सोसाइटी मीटिंग्स में मुद्दे कम और मतभेद ज़्यादा दिखाई देते हैं। पूंजीवादी व्यवस्था ने न सिर्फ ज़रूरतों को बाज़ार बना दिया, बल्कि रिश्तों को भी एक सौदे में तब्दील कर दिया। और इस पूरे बदलाव की जड़ में है — वही पुरानी, आजमाई हुई नीति: फूट डालो, राज करो। इस लेख में हम एक ग़ाज़िआबाद जिले की एक प्रतिष्ठित हाउसिंग सोसायटी 'दिव्यांश ओनिक्स' की कहानी के बहाने इस सच्चाई से रूबरू होने की कोशिश करेंगे — कि कैसे एक आर्थिक सोच ने हमारे सामाजिक ताने-बाने को चुपचाप छिन्न-भिन्न कर दिया है। पढ़िए और सोचिए — क्या हम अब भी एक समाज हैं, या केवल साथ खड़े मगर अलग-थलग लोग?

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उत्तरप्रदेश राज्य से टुनटुन ,उद्यमी वाणी के माध्यम से कहते है कि इनका आटा चक्की का दूकान है।आटा चक्की में अच्छी कमाई है। थोड़ा बिजली का समस्या होती है। इससे कस्टमर को समय से आटा पीस कर नहीं दे पाते है। कस्टमर की यही शिकायत रहता है। बिजली का व्यवस्था हो जाएगा तो ऐसी समस्या नहीं होगी।

उत्तर प्रदेश राज्य के हरदोई जिला के टड़ियावां प्रखंड के पूरा बहादुर ग्राम सभा के भगवती पुरवा से श्रोता ने मेरी योजना मेरा अधिकार के माध्यम से बताया कि इनके इलाके में नाली की व्यवस्था बहुत खराब है।मकान के आस - पास पानी भरा है। बरसात और नाली का पानी भरा हुआ है और पानी में मच्छर पनप रहे हैं।बीमारी फैल रही है।कई बार प्रधान से शिकायत की है लेकिन प्रधान द्वारा सुनवाई नहीं हो रही है।

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