मध्य प्रदेश राज्य के छिंदवाड़ा जिले से योगेश मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि ,जिले में लम्पी डिजिट के चार संदिग्ध पशुओं के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। अब तक लम्पी वायरस की पुष्टि नहीं हो पाए हैं। लेकिन ग्रामीण इलाकों में लम्पी डिजिट को लेकर लोगो खासे दहशत में नजर आ रहे हैं ।वहीं पशुओं में फैली लम्पीवायरस की दस्तक कि जिले में कोई भी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन पशु चिकित्सा विभाग ने बीमार पशु में से चार के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। लम्पी वायरस से बचाव के साथ-साथ उनके रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर गाइडलाइन जारी की जा रही है। साथ ही इन 4 पशुओं में जो सैंपल लिए हैं ।उन्हें जांच में भेजने के बाद ही उन पशुओं को कोरेन्टीन कर दिया गया है। और लोगों को लेकर जानकारी दी गई है। क्लिक कर ऑडियो सुन सकते है।

छिंदवाड़ा जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के पशुओं में भी लम्पी वायरस जैसे लक्षणों की दिखाई दिए हैं। इसकी पुष्टि के लिए लिए सैंपल भोपाल भेजी गयी है। यह वायरस अन्य प्रदेशों के गायों में भी देखा जा रहा है

मध्य प्रदेश राज्य के छिंदवाड़ा जिले से योगेश मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि, जिले के सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश राज्य के बैतूल जिले में पशुओं में लंबी डिजिट संक्रमण की पुष्टि हुई है ।लगातार फैल रही इस बीमारियों को देखते हुए जिला कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन ने पशुओं में लंबी स्कीम डिजिट फैलने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र राज्य और बैतूल जिले से छिंदवाड़ा जिले में पशुओं के आवागमन पर आगामी आदेश तक पूर्ण तरीके से प्रतिबंध लगा दिया है ।यह प्रतिबंध सभी हाट/ बाजारो और पशु मेलों पर भी लागू रहेगा। क्लिक कर ऑडियो सुन सकते हैं।

जिले में पशुओं मे लम्पी स्किन डिजीज से बचाव के लिए जिले के पशु चिकित्सालय को अलर्ट जारी कर दिया है। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवा डॉ एस जी एस पक्षवार ने जिले के पशुपालकों से अपील की है कि, वे लम्पी स्किन डिजीज के लक्षण किसी भी पशु में दिखने पर तत्काल नजदीकी पशु चिकित्सालय में सूचित करें ।वर्तमान स्थिति को देखते हुए पशुओं के परिवहन से बचे। पक्षवार ने कहा कि गोवंश  और भैंसवंश से पशुपालकों के लिए यह फैलने वाली लम्पी स्किन डिजीज विषाणु जनित रोग है।

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हरियाणा सरकार ने 16 सितंबर 2021 को राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से मजदूरी वेतन (हरियाणा) नियम, 2021 मसौदा कोड प्रकाशित किया। ये नियम साप्ताहिक अवकाश, अधिकतम काम के घंटे, ओवरटाइम वेतन, यात्रा भत्ता, और अन्य चीजों के साथ न्यूनतम वेतन निर्धारित करते हैं । नियमों में प्रावधान किया गया है कि जहां कर्मचारियों को एक ठेकेदार के माध्यम से काम पर रखा जाता है, वहां वेतन भुगतान की तारीख से पहले, जो व्यक्ति प्रतिष्ठान का मालिक है, वह ठेकेदार को उनके वेतन का भुगतान करेगा। यानी एक प्रकार से इस मसौदे के अनुसार ठेकेदारी प्रथा को कानूनी प्रमाणिकता दिए जाने की वकालत है जो एक बड़ा बदलाव है ,कम्पनियाँ अधिक संख्या में ठेकदारों के जरिये ही श्रमिक से काम कारने के इक्षुक होंगे ऐसा प्रतीत होता है . तो श्रमिक साथियों आप को क्या लगता है की इस मसौदे का आपके जीवन पर कैसा प्रभाव परेगा , वेतन में कटौती, न्यूनतम वेतम , काम की पहचान के लिए वेतन स्लिप क्या प्रभावी तरीके से सरकार की निगरानी में होता है , इसका लाभ पहले आप उठा पा रहे थे , सरकारी नियमों का उलंघन होने पर आपने कार्य अस्थल पर क्या पाया , क्या सरकारी अधिकारी श्रमिकों की मदद के लिए आगे आगे आते हैं या फिर वो नियोक्ता ही मदद करते हैं, आने वाले दिनों में इस मजदूरी की कमी को कैसे दूर किया जाए आपके सुझाव बहोत लाभकारी हो सकते हैं , आप अपने सभी सुझाव हमारे साथ साझा करें , आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी , आपके अहम् सुझाव और चुनौती से हम श्रमिक मंत्रालयों को अवगत कराएँगे , अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए अभी अपने फ़ोन से दबाएँ नंबर ३ और रिकॉर्ड करें अपनी बात .

श्री बसन्त चौबे जी ने कोरोना काल से अब तक आंगनबाड़ी केंद्रो की सुविधाओं के साथ टीकाकरण तथा पेंशनर्स को पेंशन दिलवाने सम्बन्धी कार्यो में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।

बीते 10 माह से दिल्ली में किसान तीन कृषि कानूनों को लेकर विरोध में है। और आज किसान आंदोलन को 10 माह पूर्ण होने पर किसान संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है। इसको लेकर साथ ही किसानों की समस्या व सरकार के इस आंदोलन को लेकर क्या रवैया है। इसको लेकर जानकारी साझा की।

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