2024 के आम चुनाव के लिए भी पक्ष-विपक्ष और सहयोगी विरोधी लगभग सभी प्रकार के दलों ने अपने घोषणा पत्र जारी कर दिये हैं। सत्ता पक्ष के घोषणा पत्र के अलावा लगभग सभी दलों ने युवाओं, कामगारों, और रोजगार की बात की है। कोई बेरोजगारी भत्ते की घोषणा कर रहा है तो कोई एक करोड़ नौकरियों का वादा कर रहा है, इसके उलट दस साल से सत्ता पर काबिज राजनीतिक दल रोजगार पर बात ही नहीं कर रहा है, जबकि पहले चुनाव में वह बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर ही सत्ता तक पहुंचा था, सवाल उठता है कि जब सत्ताधारी दल गरीबी रोजगार, मंहगाई जैसे विषयों को अपने घोषणापत्र का हिस्सा नहीं बना रहा है तो फिर वह चुनाव किन मुद्दों पर लड़ रहा है।

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

नमस्कार दोस्तों, मोबाइल वाणी पर आपका स्वागत है। तेज़ रफ्तार वक्त और इस मशीनी युग में जब हर वस्तु और सेवा ऑनलाइन जा रही हो उस समय हमारे समाज के पारंपरिक सदस्य जैसे पिछड़ और कई बार बिछड़ जाते हैं। ये सदस्य हैं हमारे बढ़ई, मिस्त्री, शिल्पकार और कारीगर। जिन्हें आजकल जीवन यापन करने में बहुत परेशानी हो रही है। ऐसे में भारत सरकार इन नागरिकों के लिए एक अहम योजना लेकर आई है ताकि ये अपने हुनर को और तराश सकें, अपने काम के लिए इस्तेमाल होने वाले ज़रूरी सामान और औजार ले सकें। आज हम आपको भारत सरकार की विश्वकर्मा योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। तो हमें बताइए कि आपको कैसी लगी ये योजना और क्या आप इसका लाभ उठाना चाहते हैं। मोबाइल वाणी पर आकर कहिए अगर आप इस बारे में कोई और जानकारी भी चाहते हैं। हम आपका मार्गदर्शन जरूर करेंगे। ऐसी ही और जानकारियों के लिए सुनते रहिए मोबाइल वाणी,

राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 की आदर्श आचार संहिता 16 मार्च 2024 से प्रभावशील होने के कारण आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान जनसुनवाई कार्यक्रम स्थगित रखने के आदेश जारी किये गये हैं ।

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राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 की आदर्श आचार संहिता 16 मार्च 2024 से प्रभावशील होने के कारण आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान जनसुनवाई कार्यक्रम स्थगित रखने के आदेश जारी किये गये हैं । इस आदेश के परिपालन में कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं ।

मतदाताओं की जागरूकता के लिये इंडियन बैंक और पोस्ट ऑफिस के साथ हुये समझौते के अनुसार कार्यवाही की जाना सुनिश्चित करने के निर्देश ==================================================== भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी म.प्र. द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री के.सी.बोपचे द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं नोडल अधिकारी (स्वीप) और जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र एवं सहायक नोडल अधिकारी (स्वीप) को निर्देश दिये गये हैं कि मतदाताओं की जागरूकता के लिये इंडियन बैंक और पोस्ट ऑफिस के साथ हुये समझौते के अनुसार कार्यवाही की जाना सुनिश्चित करें । साथ ही आयोग द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों के अनुसार भी कार्यवाही की जाना सुनिश्चित करें।

पेट्रोल और डीजल के दाम में मामूली कटौती पर छिंदवाड़ा सांसद नकुल नाथ ने कहा सरकार का यह चुनावी हथकंडा है