इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?

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इस कार्यक्रम में हम जानेंगे जल संरक्षण और ऊर्जा बचत से जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में। साथ ही, यह कार्यक्रम बताएगा कि आप इन योजनाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं और अपने गाँव के विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। स्वच्छ पानी और सतत ऊर्जा के महत्व को समझते हुए, हम एक बेहतर कल की ओर कदम बढ़ाएंगे। क्या जल सरंक्षण की योजनाओं के बारे में आपने भी सुना है, क्या आप इन योजनाओं का लाभ आपने भी उठाया है, क्या आपके गाँव में जल सरंक्षण की कोई प्रेरणादायी कहानी है ?

रामाकोना -शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामाकोना में राष्ट्रीय सेवा योजना के नवागत स्वयं सेवकों का एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम सोमवार को आयोजित हुआ।कार्यक्रम समन्वयक डॉ. शोभाराम मेहरा ,रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर एवं जिला संगठक डॉ.रविन्द्र नाफडे के निर्देशन में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रेरणा पुरुष स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र पर माल्यार्पण से हुई। तत्पश्चात नवागत स्वयंसेवकों का, वरिष्ठ स्वयंसेवकों ने तिलक एवं बैज लगाकर रासेयो परिवार में शामिल होने पर स्वागत किया।

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जुड़ी श्रोताओं के विचार

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जुड़ी जानकारी

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे सरकारी बीमा योजना से जुड़ी जानकारी

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे स्वास्थ्य बीमा के बारे में

किसी भी समाज को बदलने का सबसे आसान तरीका है कि राजनीति को बदला जाए, मानव भारत जैसे देश में जहां आज भी महिलाओं को घर और परिवार संभालने की प्रमुख इकाई के तौर पर देखा जाता है, वहां यह सवाल कम से कम एक सदी आगे का है। हक और अधिकारों की लड़ाई समय, देश, काल और परिस्थितियों से इतर होती है? ऐसे में इस एक सवाल के सहारे इस पर वोट मांगना बड़ा और साहसिक लेकिन जरूरी सवाल है, क्योंकि देश की आबादी में आधा हिस्सा महिलाओं का है। इस मसले पर बहनबॉक्स की तान्याराणा ने कई महिलाओँ से बात की जिसमें से एक महिला ने तान्या को बताया कि कामकाजी माँओं के रूप में, उन्हें खाली जगह की भी ज़रूरत महसूस होती है पर अब उन्हें वह समय नहीं मिलता है. महिलाओं को उनके काम का हिस्सा देने और उन्हें उनकी पहचान देने के मसले पर आप क्या सोचते हैं? इस विषय पर राय रिकॉर्ड करें

मध्यप्रदेश राज्य के जिला छिंदवाड़ा से हमारे श्रोता , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह पूछना चाहते है कि राशन कार्ड धारकों को ऋण कैसे मिलेगा?