मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

बनो नई सोच ,बुनो हिंसा मुक्त रिश्ते की आज की कड़ी में हम सुनेंगे महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और हिंसा के बारे में।

*समस्तीपुर की दो बेटियों को मिला राज्य स्तरीय सम्मान, किया नाम रौशन बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का हिस्सा बनकर* जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र, क्राई-चाइल्ड राइट्स एंड यू, बचपन बचाओ आंदोलन और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के प्रयास से सरायरंजन प्रखंड के अख्तियारपुर गांव की अंजना कुमारी और उजियारपुर प्रखंड के चांदचौर रामनगर की प्रियंका कुमारी को महिला एवं बाल विकास निगम, समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार द्वारा बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री माननीय मदन सहनी के हाथों किया गया सम्मानित। मौका था राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बिहार सरकार के द्वारा बाल विवाह से मुक्त होकर स्कूल जानें वाले बच्चों का हौंसला बढ़ाने के लिए आयोजित सम्मान समारोह का। अख्तियारपुर गांव की अंजना कुमारी और चांदचौर रामनगर गांव की प्रियंका कुमारी बनी ब्रांड एम्बेसडर जिन्होंने अपनीं पढ़ाई पुरी करनें के लिए बड़ी बहादुरी का परिचय देते हुए कम उम्र में होनें वाली शादी को नकार दिया। महिला और बाल विकास निगम, समाज कल्याण विभाग, बचपन बचाओ आंदोलन के द्वारा समझ में बिहार के ऐसे आयोजित राज्यस्तरीय सम्मान समारोह में बिहार के ऐसे 9 लड़कियों और 2 लड़कों को सम्मानित किया गया। मौके पर उपस्थित समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार के माननीय मंत्री मदन सहनी, महिला एवं बाल विकास निगम की प्रबंध निदेशक वंदना प्रेयसी, कार्यपालक निदेशक अलंकृता पाण्डेय, निदेशक राजीव शर्मा, समाज कल्याण विभाग के सचिव प्रेम सिंह मीणा, बचपन बचाओ आंदोलन के स्टेट हेड डॉ संतोष कुमार दूबे, स्टेट कार्डिनेटर अरजित अधिकारी, स्टेट कन्वेनर मुख्तारुल हक, यूनिसेफ, पटना के बंकु सरकार और जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र की ओर से पप्पू यादव, वीभा कुमारी, सुवंश कुमार ठाकुर, सुनयना कुमारी तथा दोनों बहादुर बेटियों के माता-पिता अर्जून पासवान, कमली देवी, कारो देवी व रघुवीर दास उपस्थित थे। अंजना कुमारी नें समारोह को संबोधित करते हुए अपनीं आपबीती सुनाई और कहीं कि जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के अथक प्रयास से हीं हमारे माता-पिता संवेदनशील हुए और मेरी कम उम्र में जब मैं नौंवी कक्षा में पढ़ाई कर रही थी तब मेरी शादी होने वाली थी, आज हमारी मां गांव की दूसरे बेटियों को भी बाल विवाह के कुप्रभावों के बारें में बताकर उन्हें जागरूक करती हैं। कमली देवी नें बताया कि उनकी शादी भी बहुत हीं छोटी उम्र में हो गई थी, कम उम्र की शादी का दर्द और परिणाम की खुद हीं भुक्तभोगी रहीं। फिर भी समाज में गहराई से व्याप्त अशिक्षा, गैर-बराबरी और गरीब वंचित परिवार की लड़कियों के प्रति बड़े लोगों की नजरिया हम गरीब परिवारों को बाल विवाह के लिए मजबूर कर देती है। बेटियों के साथ अक्सर होनें वाली हिंसा, किसी अनहोनी के भय से हम बेटियों को कम उम्र में शादी कर देते हैं। लेकिन जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र जैसी खुशहाल बचपन के लिए काम करने वाली संस्था नें हम सबका हौसला बढ़ाया है, हमारी बेटियां भी संस्था के विभिन्न गतिविधियों में शामिल होती रही है और आज जब हमारी जैसी अन्य बहादुर बेटियों को सरकार नें बाल विवाह से खुद को बचाने के लिए सम्मानित किया है इसे देखकर हमें काफी गर्व महसूस हो रहा है। कारो देवी नें बताया कि जिस दिन संस्था वालों के साथ उजियारपुर थाना और प्रखंड से साहब लोग आकर हमारी बेटी का शादी रूकवाया था, उस दिन हम सभी परिवार के लोग काफी देर तक रोते रहे, बहुत बुरा लगा था हमें, लेकिन आज पटना आकर अपनीं बेटी का सम्मान देखकर महसूस हुआ कि हमारे साथ अच्छा हुआ और मेरी बेटी भी अब अफ़सर बनेगी। उसका भी सपना साकार होगा।

विद्यापतिनगर। प्रखंड परियोजना क्रियान्वयन इकाई जीविका के तत्वावधान में पंचायत समिति सभागार में जीविका सखियों की बैठक आयोजित की गई। प्रखंड विकास पदाधिकारी महताब अंसारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लैंगिक हिंसा, लैंगिक समानता, लिंग आधारित हिंसा, बाल- विवाह, दहेज उन्मूलन, घरेलू हिंसा पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया। समाज कल्याण विभाग और जीविका द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। मौके पर बीपीएम जीविका अनिल कुमार चौधरी, एलएस शिप्रा कुमारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में जीविका और आंगनवाड़ी दीदियों से पंचायत, गॉव स्तर पर लिंग आधारित हिंसा को रोकने के मुद्दों पर वार्ता की गयी। जीविका बीपीएम अनिल कुमार चौधरी ने विशेषकर किशोरी के अधिकार के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा किए। उन्होंने कहा कि बिना शिक्षा के अधिकार नहीं मिल सकता है। इसलिए पढ़िए शिक्षित होइए, तब आपके अधिकार हक से कोई आपको वंचित नहीं कर पाएगा। मौके पर

यह कहानी एक लड़की की साहस और संघर्ष की है, जिसने अत्याचार को मात दिया और नये जीवन की धारा चलाई। मायके का साथ बना उसका सहारा, बेटे को बड़ा किया सच्चाई की पुकार से। उमा ने सिखाया, हिंसा से ना डरो, आगे बढ़ो, सपनों को हकीकत में बदलो। आपको लगता है कि उमा ने अपने जीवन में सही निर्णय लिया था, जब वह अपने परिवार के खिलाफ खड़ी हुई थी? उमा की कहानी आपको कैसे प्रेरित करती है और आपके विचारों में समाज में इस तरह की स्थितियों पर सहायता और बदलाव कैसे लाया जा सकता है?

समस्तीपुर जवाहर ज्योति बाल विकास केंद्र और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में बाल विवाह मुक्त बिहार अभियान का किया गया आयोजन।एक अभिनव पहल जो बाल विवाह के खात्मे में जमीनी स्तर पर अहम भूमिका निभा सकती है, के तहत् बिहार राज्य के समस्तीपुर में 515 गांवों नें अपनें पंचायत और पूरे जिले को *बाल विवाह से मुक्त* बनाने के लिए बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली। जिले में तमाम ग्राम पंचायतों और गांवों नें बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया और इस दौरान सभी उम्र, जाति-बिरादरी और धर्मों के स्त्री-पुरुषों को शपथ दिलाई कि वे अपनें गांव में बाल विवाह जैसे कृत्य में किसी भी तरह से सहभागी नहीं बनेंगे और उनका लक्ष्य अंतत: पूरे प्रदेश को बाल विवाह मुक्त बनाना है।ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

समस्तीपुर जिले के पटोरी शहर के बहादुरपुर पटोरी में जवाहर ज्योति बाल विकास केंद्र के बैनर तले नेहा कुमारी के नेतृत्व में राजकीय मध्य विद्यालय बहादुरपुर पटोरी के सैंकड़ों स्कुली बच्चों ने बाल विवाह बिहार मुक्त जागरूकता अभियान चलाया गया ।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के अख्तियारपुर कार्यालय के सभागार में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत् जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन की ओर से बैठक की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ ग्राम पंचायत राज अख्तियारपुर बलभद्र की सम्मानित पंचायत समिति सदस्य सह सरायरंजन प्रखंड प्रमुख वीणा कुमारी, जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के अध्यक्ष गौरीशंकर चौरसिया, सचिव सुरेन्द्र कुमार, कोषाध्यक्ष वीणा कुमारी सहित अन्य अतिथियों नें संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र से जुड़े कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के जिला कार्यक्रम समन्वयक दीप्ति कुमारी और अनिल कुमार नें कहा कि पूरे समस्तीपुर जिला में इस अभियान के तहत् 150 गांव को बाल विवाह मुक्त बनानें का संकल्प लिया गया है। प्रखंड प्रमुख वीणा कुमारी नें कहा कि बाल विवाह समाज के लिए अभिशाप और कानूनन अपराध है, इसे रोकना हम सभी की जिम्मेवारी है। गौरीशंकर चौरसिया नें कहा कि बाल विवाह को रोकने के इस महत्वपूर्ण कार्य में सभी का सहयोग जरूरी है। सुरेन्द्र कुमार नें कहा कि बाल विवाह हमारे समाज में जड़ तक फैला हुआ सामाजिक बुराई, कुरीति और कोढ़ है, इससे बच्चों को बचाना है। बच्चों के संरक्षण व अधिकारों की सुरक्षा के लिए बाल संरक्षण समिति के कार्यो की जानकारी जन-जन तक पहुंचानें की आवश्यकता है। किरण कुमारी नें बताया कि बाल विवाह की सूचना मिले तो तत्काल इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन एवं संबंधित संस्था, बचपन बचाओ आंदोलन व चाइल्ड लाइन को दें। मौके पर उपस्थित कौशल कुमार, सपोर्ट पर्सन नें चाइल्ड लाइन की नि:शुल्क राष्ट्रीय फोन सेवा 1098 की भी जानकारी लोगों को दी। इस एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला सह मासिक बैठक में रविन्द्र पासवान, बलराम चौरसिया, वीणा कुमारी, दिनेश प्रसाद चौरसिया, नवनीत कुमार, ललिता कुमारी, कम्यूनिटी सोशल वर्कर्स अमृता प्रीतम, काजल कुमारी, नेहा कुमारी, बीभा कुमारी, कौशल्या कुमारी, सुवंश कुमार ठाकुर, रामा कुमार, रश्मि कुमारी, रीता कुमारी, प्रेम कुमार महतो, मुकेश कुमार सभी नें समस्तीपुर जिला के दस प्रखंड के 150 गांव को एक साल के अंदर बाल विवाह मुक्त गांव बनानें का संकल्प लिया और साथ हीं सब मिलकर इन गांवों से बाल श्रम, बाल यौन शोषण और बाल व्यापार की घटनाओं पर भी स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों, बाल संरक्षण समिति, बाल पंचायत व किशोरी पंचायत की मदद से रोक लगायेंगे। बाल श्रम, बाल दूर्व्यापार, बाल विवाह और बाल यौन हिंसा से बचाव के लिए भारतीय संविधान के अंतर्गत बनाईं गई लोकतांत्रिक संस्थानों को भी संवेदनशील और मजबूत बनाकर जबाबदेह बनायेगें। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के लिए 150 गांवों में कार्यरत 15 कम्यूनिटी सोशल वर्कर्स के द्वारा पीड़ित बच्चों को त्वरित न्याय दिलाने हेतु डिजिटल रूप से लैश करते हुए कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन - यूएस की मदद से स्मार्टफोन (मोबाईल) उपलब्ध कराया गया, जिसका वितरण माननीय प्रखंड प्रमुख एवं अध्यक्ष जी के कर कमलों से किया गया।

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