सरकारी नलकूपों पर लाखों की राशि बह गई। फिर भी नलकूप से पानी नहीं निकल रहा है। जिससे सिंचाई का टोटा है। ठप पड़े नलकूप को चालू कराने की कवायद फ्लॉप साबित हो रही है। लिहाजा किसानों को नलकूप योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। जिले में 612 सरकारी नलकूप विभागीय फाइल में संचालित हो रहे हैं। इसमें यांत्रिक दोष से 80, संयुक्त दोष से 177 व अन्य दोष से 57 सहित कुल 314 नलकूप ठप हैं। यदि ये नलकूप ठीक होते तो करीब 16000 एकड़ में भूमि की सिंचाई हो पाती। चैनल भी ध्वस्त हो चुके हैं। नए नाला का निर्माण अभी ठंडे बस्ते में है। लघु जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता ई मिथिलेश कुमार ने बताया कि 139 पंचायतों को राशि उपलब्ध करा दी गई है ताकि नलकूपों को चालू किया जा सके। नए नाला निर्माण के लिए एस्टीमेट बनाया जा रहा है।

 स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य विभागीय स्तर पर शुरू अवर प्रमंडल विद्युत कार्यालय रक्सौल के सहायक अभियंता सुनील रंजन कुमार का कहना है विभागीय निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। जिसे शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। यह कार्य निशुल्क किया जा रहा है। इसको लेकर विभागीय स्तर पर पूरी तैयारी कर ली गयी थी।

पीपराकोठी सूर्यपुर के झखरा सरेह से एक अधेड़ का शव बरामद हुआ। उसके चेहरे पर मारपीट के जख्म का निशान पाया गया है। वहीं शरीर पर तेजाब डालने जैसा निशान मिला है। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है। मृतक झखरा का अमेरिका राय(50) बताया जाता है। पुलिस ने परिजनों के निशानदेही पर दो को पकड़ पूछताछ कर रही है।

चम्पारण के किसानों के लिए अच्छी खबर है। धान की नई किस्म राजेन्द्र सरस्वती की खुशबू से चम्पारण की फिजां गमकेगी। राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने धान की नई प्रजाति राजेंद्र सरस्वती विकसित की है। इस सुगंधित प्रजाति से किसान अच्छी पैदावार के साथ बढ़िया मुनाफा भी कमा सकते हैं। विज्ञानियों ने धान की नई प्रजाति राजेंद्र सरस्वती विकसित कर प्रदेश के किसानों को एक नया उपहार दिया है। इस प्रजाति को केंद्रीय शोध संस्थान ने भी किसानों के लिए जारी कर दिया है। अब बिहार राज्य बीज निगम इसका बीज किसानों को मुहैया कराएगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। इसका बीज केविके ने किसानों को इस मौसम में खेती के लिए उपलब्ध कराया है। केविके प्रमुख डा.अरबिंद कुमार सिंह का कहना कि राजेंद्र सरस्वती मध्यम दर्जे के खेतों के लिए है। इसकी खेती पूरे प्रदेश में की जा सकती है। वही चम्पारण की जलवायु इसके लिए काफी उपयोगी है। यह 110 से 115 दिनों में तैयार होने वाली प्रजाति है। 45 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है उपज बताया कि राजेंद्र सरस्वती एक सुगंधित प्रजाति की किस्म है। हाल के वर्षों में न केवल राज्य में बल्कि देश भर के सुगंधित धान के किस्मों की मांग बढ़ी है। इसी के मद्देनजर विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुगंधित किस्म की नई प्रजाति विकसित की है। इसकी उपज 45 से 55 क्विंटल हो सकती है। किसान इस प्रजाति के धान को ज्यादा जलजमाव वाले खेतों में न लगाएं तो बेहतर होगा। उच्च एवं मध्यम दर्जे के खेतों में इसकी अच्छी पैदावार होती है।

केसरिया सत्तर घाट पथ में रामपुर गांव के समीप तेज गति से जा रही एक गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। गाड़ी में सवार एक युवक की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी है। एक युवक गाड़ी में दब कर बुरी तरह घायल हो गया है। ग्रामीणों के सहयोग से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। डॉक्टर ने मोतिहारी सदर अस्पताल रेफर कर दिया। घटना मंगलवार सुबह की है। मृतक की पहचान लखनऊ के आशीष दीक्षित (35) के रूप में हुई है।

अरेराज मलाही थाना क्षेत्र के रमपुरवा गांव के पास सोमवार की रात अज्ञात वाहन से एक बाइक में ठोकर लग गयी। इस घटना में बाइक सवार व्यक्ति की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी। मृतक सिरनी बाजार का लक्ष्मण साह (55)था। मलाही पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया।

जिले में सिंचाई संकट जस की तस है। खरीफ सीजन में दम तोड़ चुके राजकीय नलकूपोें से सिंचाई करना किसानों के लिए मुश्किल भरा काम होगा। जिले में 612 सरकारी नलकूप हैं। जिसमें बिजली दोष से 13 बंद हैं। बिजली आपूर्ति नहीं होने से नलकूप शो पीस बनकर रह गये हैं। लघु जलसंसाधन विभाग के द्वारा बिजली विभाग को पत्र भी भेजा गया है। लेकिन स्थिति अभी भी जस की तस है। इन तेरह नलकूपों के बंद रहने से करीब 700 एकड़ भूमि में सिंचाई प्रभावित है। बिजली दोष से पुराने 244 राजकीय नलकूपों में 4 जगह बंद है। नाबार्ड फेज 8 में लगे 199 नलकूपों में 7 जगह बंद है। वहीं नाबार्ड फेज 11 में लगे 115 नलकूपों में 2 जगह नलकूप बंद है। जिससे सिंचाई प्रभावित है। बताया जाता है कि पहले इन नलकूपों से किसान अपने फसल की सिंचाई करते थे जो काफी सस्ता होता था। लेकिन नलकूपों के बंद रहने से किसान निजी बोरिंग व पंपसेट से सिंचाई को विवश हैं। कार्यपालक अभियंता ई मिथिलेश कुमार ने बताया कि बिजली दोष से बंद नलकूपों को ठीक कराने के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है।

रक्सौल प्रखंड के सभी वार्डों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति की जिम्मेवारी अब पीएचईडी विभाग के जिम्मे होगी। इसके लिए विभागीय स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है। पंचायती राज विभाग ने हर घर जल नल योजना को पीएचईडी विभाग को टेक ओवर करने के लिए आगे की करवाई भी आरंभ कर दी है। फिलहाल प्रखंड के तेरह पंचायतों में189 योजनाएं जो पंचायती राज व्यवस्था के तहत संचालित थी, वह सारी योजनाएं पूर्ण और कार्यरत है। जबकि 201 हर घर जल नल योजनाएं पूर्ण है। लेकिन कार्यरत नहीं है। वहीं 7 योजनाएं अभी भी अपूर्ण है।वैसी योजनाएं जो पूर्ण व कार्यरत है,उसको टेक ओवर किया जा रहा है। 189 योजनाएं हैं चालू प्रखंड के तेरह पंचायतों के 192 वार्डों में 201 योजनाओं में 189 वार्डो में हर घर जल नल योजना चालू है। इनमें भेलाही पंचायत में वार्ड 01 से 15 तक, पुरेंद्रा में वार्ड 1 सके 17 तक, परसौना तपसी में वार्ड 2 से 20 तक, लौकरिया में वार्ड 01 से 13 तक, पलनवा जगधर में 16 वार्ड में 14 वार्ड में, लक्ष्मीपुर लछुमनवा में वार्ड 1 से 13 तक योजना चालू है।

सुखाड़ को अब आकस्मिक खेती पस्त करेगी। मौसम की बेरुखी के कारण किसान चिंतित हैं। और खेती नहीं कर पाए हैं। ऐसे में किसानों के लिए वैज्ञानिकों ने सलाह जारी करते हुए कहा है कि किसान खेती के लिए फसलों की उन किस्मों का चयन करें, जिसकी पैदावार काफी कम समय में होती है। साथ ही कहा है कि नुकसान से बचने के लिए वैकल्पिक खेती करें।  वैज्ञानिकों की टीम ने गहन विचार किया। वैज्ञानिक डॉ.एके सिंह ने बताया कि वर्तमान के मौसम को देखते हुए किसान अच्छे से खेती कर सकते हैं और अच्छा उत्पादन हासिल कर सकते हैं। किसानों के लिए सलाह दी कि किसान अपनी उपरी जमीन पर अरहर, उड़द, मूंग, मडुआ, तिल और ज्वार की बुवाई कर सकते हैं। इसके अलावा जिन किसानों ने बुवाई कर दी है और अंकुरण सामान्य तरीके से नहीं हो पाया है वह फिर से खेत में बुवाई कर दें। वहीं कम अवधि के उन्नत धान के बीज की सीधी बुआई बेहतर विकल्प है।

जिले में को -ऑपरेटिव विभाग से दूसरी सब्जी मंडी चालू कर दी गयी है। यह सब्जी मंडी अरेराज प्रखंड मुख्यालय में खुली है। मंडी चालू होने से प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारिता समिति (पीवीसीएस) अरेराज से जुड़े करीब 400 निबंधित किसानों को सीधा लाभ होगा। इस सब्जी मंडी के खुलने से यहां के किसान अपने खेत में उत्पादित सब्जी को सीधे लाकर मंडी में बेच सकेंगे। सब्जी मंडी खुलने से बिचौलियों की नहीं चलेगी। किसान चाहें तो वहां बने प्लेटफॉर्म पर भी अपनी सब्जी बेच सकेंगे। सब्जी मंडी खुलने से किसानों को अपनी सब्जी औने पौने दाम पर बेचने से छुटकारा मिलेगा। इस सब्जी मंडी से करीब 200 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। 39.60 लाख की लागत से बनकर तैयार हुई सब्जी मंडी अरेराज स्थित सब्जी मंडी 30.60 लाख की लागत से बनकर तैयार हुई है। यहां 10 मीट्रिक टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज का निर्माण किया गया है। कोल्ड स्टोरेज में हरी सब्जी रखने की सुविधा किसानों को मिलेगी। समिति के माध्यम से खरीदी गयी सब्जी को यहां भंडारित कर बाहर आपूर्ति की जाएगी। सब्जी बेचने के लिए प्लेटफॉर्म का निर्माण किया गया है। प्लेटफॉर्म के साथ शेड भी बना है जहां सब्जी रखकर किसान बेच सकेंगे। किसानों के लिए पेयजल,शौचालय आदि की व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा किसानों की सुविधा के लिए अन्य कई व्यवस्था की गयी है। सब्जी की ग्रेडिंग,शॉटिंग व क्लीनिंग की है व्यवस्था सब्जी मंडी में किसानों के द्वारा लायी गयी सब्जियों के ग्रेडिंग,शॉर्टिंग व क्लीनिंग की व्यवस्था की गयी है। किसानों की सब्जी की ऑन डिमांड बाहर भी आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए यहां सब्जी की अनलोडिंग व लोडिंग की पुख्ता व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी है।