चेवाड़ा समेकित बाल विकास परियोजना कार्यालय में आंगनबाड़ी सेविका के साथ किया गया बैठक का आयोजन दिया गया कई निर्देश.इस बात की जानकारी देते हुए सीडीपीओ अमृता रंजन ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से 30 तारीख एवं 1 तारीख को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत कैंप का आयोजन किया जाएगा जिससे कन्या उत्थान योजना के जो छुटे हुए लाभार्थी है उनका आवेदन आंगनबाड़ी सेविका के द्वारा कलेक्ट कर प्रखंड कार्यालय में जमा दिया जाएगा जिससे सभी लाभार्थी को इसका लाभ मिल सके.
संतकबीरनगर: जनपद में डीएपी खाद पिछले वर्ष की तुलना में अधिक आई, लेकिन अभी भी किल्लत बरकरार है। किसान समितियों का चक्कर लगा रहे हैं। बाजार में प्राइवेट दुकानों पर डीएपी की उपलब्धता है, लेकिन महंगी होने के कारण किसान समितियों पर खाद आने का इंतजार कर रहे हैं। गेहूं की बुआई अंतिम दौर में है। इस कारण किसान और परेशान हैं। विकास खण्ड सेमरियावां क्षेत्र के सालेहपुर साधन सहकारी समिति ,बेलहर क्षेत्र के मनैतापुर, भगौसा ,लोहरौली ठकुराई मेंहदावल क्षेत्र के तुलसी पुर नन्दौर अनेक गांवों में बने समितियों पर लटक रहा ताला । जबकि इन दिनों फसल बोने का समय है। किसान आलू, मटर, चना, गेहूं आदि की फसल बोने की तैयारी में हैं। हालांकि दिक्कत ज्यादा किसानों को नही है काफी किसान बुवाई कर चुके हैं कुछ ही किसान बचे हैं । इस बारे में पूछे जाने पर विभाग के जिम्मेदारों ने बताया कि जनपद में डीएपी खाद की रैक जल्द लग जाएगी। इसके बाद डीएपी की समस्या दूर हो जाएगी। जैसे रैक आ जायेगा सभी जगहों पर रवाना किया जाएगा
मीरगंज में बस डिपो के लिए जमीन चिह्नित करते हुए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। चिह्नित हुई जमीन इसके लिए सबसे उपयुक्त है। जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी। इसके बाद इसके स्थापना का कार्य शुरू होगा। -महेन्द्र सिंह तंवर, डीएम, संतकबीरनगर मीरगंज में हाईवे के किनारे ही चिह्नित की गई है डिपो की जमीन डीएम ने उक्त भूमि पर मिलने वाली सुविधा के बारे में दी जानकारी बस डिपो न होने से यात्री होते हैं परेशान जनपद में बस डीपो न होने से यात्रियों को काफी समस्या होती है। खुले आसमान के नीचे खड़े होकर बस का इंतजार करते हैं। इसके अलावा ज्यादातर बसें ऊपर से ही निकल जाती हैं। कुछ ही बसें ही बाईपास बस स्टेशन पर पहुंचती हैं। डीपो बनने से यात्री सुविधाएं बढ़ जाएंगी। एसी बसें भी जिले में मिलने लगेंगी। संतकबीरनगर। जनपद में बस डिपो की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। तमाम झंझावतों के बाद जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर ने आखिरकार डिपो की स्थापना के लिए जमीन चिन्हित कराते हुए उसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया। बुधवार को जिलाधिकारी ने प्रमुख सचिव परिवहन निगम को प्रस्ताव भेज दिया। कुल 1.503 हेक्टयेर क्षेत्र में बस डिपो स्थापित होगा। डीएम ने प्रमुख सचिव को भेजे प्रस्ताव में कहा है कि जनपद में बस डीपो नहीं है, इस कारण तमाम बसें बिना रुके ही ओवरब्रिज से होकर निकल जाती हैं। कुछ बसें ओवरब्रिज से नीचे मुख्य मार्ग पर रुकती हैं। जिससे वहां आवागमन प्रभावित होता है, वहीं अक्सर दुर्घटनाएं भी होती है। ऐसे में जनपद में बस अड्डा स्थापित किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पूर्व में 20 फरवरी 2023 को तत्कालीन जिलाधिकारी ने सरयू कैनाल कॉलोनी की सिंचाई विभाग के नाम से आवंटित भूखंड को पुराना बस अड्डा में स्थानांतरित करते हुए नया बस अड्डा बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन इस प्रस्ताव की समीक्षा में स्थान उचित नहीं मिला। आबादी के बीच स्थित सिंचाई विभाग के इस भूखंड में बस अड्डा बन जाने से जाम और आवागमन की समस्या बढ़ जाएगी। इसके अलावा सरयू कैनाल कॉलोनी में स्थित सरकारी आवास में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को भी समस्या होगी। ऐसे में बस डीपो के लिए नए स्थान की तलाश की गई है। सबसे उपयुक्त जगह मीरगंज में चिन्हित की गई है। प्रस्ताव में उल्लेख किया गया बस डीपो के लिए मीरगंज की गाटा संख्या 89, 90, 91, 93 का कुल रकबा 1.503 हेक्टेयर है। इसे चिन्हांकित कर लिया गया है। यह भूमि मुख्य मार्ग पर है। यहां बस डीपो की स्थापना से बसों के आवागमन और रुकने में कोई कठिनाई नहीं होगी। बस डीपो की काफी दिनों से उठ रही थी मांग जनपद में बस डीपो का इंतजार 25 वर्षों से हो रहा है। जनपद बनने के बाद से ही इसकी मांग उठ रही है। लेकिन जमीन न मिलने के कारण मामला अधर में अभी तक लटका है। विधायक और सांसद के स्तर से प्रयास किए गए, लेकिन जो भी जमीन चिन्हित हुई उसकी कीमत अधिक होने के कारण परिवहन निगम के जिम्मेदार हाथ खड़े कर दे रहे थे। पिछले दिनों संसाद प्रवीण निषाद ने इसको लेकर ठोस प्रयास शुरू किया तो कार्य में तेजी आई। सिंचाई विभाग की जमीन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया, लेकिन उसमें भी बाधा उत्पन्न हो गई।
देशभर में गरीबों को मुफ्त राशन और पांच साल तक देने पर मोहर महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन मिलेंगे 15 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन देने पर भी मुहर लगी। ये ड्रोन कृषि कार्य, उर्वरकों के छिड़काव में उपयोग होंगे। 10-15 गांव का क्लस्टर बनाकर ड्रोन दिया जाएगा। एक महिला को ड्रोन सखी होगी और ड्रोन पायलट को 15 हजार प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। दिल्ली: तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से ठीक एक दिन पहले केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना (पीएमजीकेएवाई) को अगले पांच वर्षों से लिए बढ़ा दिया है। सरकार करीब 81.35 करोड़ लाभार्थियों को निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि एमजीकेएवाई को एक जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के बढ़ाया गया है। मंत्री ने बताया कि अगले पांच वर्षों में योजना पर करीब 11.8 लाख करोड़ का खर्च आएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल में छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुफ्त अनाज योजना को पांच वर्ष के लिए बढ़ाने का ऐलान किया था।
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संतकबीरनगर: जिला जेल में आधुनिक और सभी सुविधाओं से सुसज्जित गौशाला स्थापित कराई जा रही है। इससे जहां जेल में गौपालन को बढ़ावा मिलेगा वहीं कैदियों को रोजगार भी मिलेगा। गौशाला का कार्य जल्द से जल्द शुरू करा दिया जाएगा। महेन्द्र सिंह तंवर,डीएम, संतकबीरनगर मनरेगा से तैयार हुआ 45 लाख का स्टीमेट गौशाला निर्माण में 45 लाख का स्टीमेट मनरेगा से तैयार हुआ है। यह कार्य ग्राम पंचायत कराएगी। जेल बनकटिया ग्राम पंचायत में है इस कारण उसका कार्य वहीं से कराया जाएगा। वहीं इसके बाद के जो कार्य हैं उसमें कुछ कार्य जिला पंचायत कराएगी तो कुछ कार्य जिलाधिकारी के क्रिटिकल गैप की धनराशि से कराए जाएंगे। गोशाला में पशुओं के रहने की अच्छी व्यव्थ की जा सके। इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। खाद से जेल के खेतों में उगाई जाएगी ऑर्गेनिक फसल जेल में गौशाला संचालित होने के बाद गायों के गोबर से खाद तैयार कराई जाएगी। इसके लिए कंपोस्ट यूनिट भी स्थापित होगी। खाद का उपयोग जेल के खेतों में किया जाएगा। जिससे ऑर्गेनिक खेती हो सके। इसके अलावा अधिक उत्पादन होने पर उसकी बिक्री भी होगी, जिससे जेल को आय भी हो सके। संतकबीरनगर, हिसं। जिला कारागार में गौशाला बनेगी। जेल में निरुद्ध कैदी गौ सेवा का पुण्य भी प्राप्त करेंगे। इसके अलावा कई को यहीं पर रोजगार भी मिल जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर ने जेल के भीतर स्थान चिन्हित कराते हुए उसकी कार्ययोजना भी तैयार करवा दिया है। जल्द ही विधिवत कार्य प्रारंभ हो जाएगा। गौशाला की स्थापना मनरेगा योजना के साथ ही जिला पंचायत और जिलाधिकारी के क्रिटिकल गैप की धनराशि से होगी। इस पर करीब 60 से 65 लाख रुपए की धनराशि व्यय होनी है। सीडीओ संत कुमार ने बताया कि जिला कारागार में 100 पशुओं की क्षमता की गौशाला का निर्माण कराया जाएगा। सभी सुविधाओं से लैश इस गौशाला में तीन अलग-अलग शेड बनाए जाएंगे। दो शेड नाद के साथ बनाए जाएंगे, जहां पर पशु चारा खाएंगे। वहीं एक शेड उनके बैठने के लिए बनाया जाएगा। इसके अलावा गार्ड रूम, शौचालय, नाली, बाउंड्री बनाई जाएगी। बोरिंग कराते हुए पंप भी स्थापित किया जाएगा। पशुओं के नहाने और उनके बैठने की बेहतर व्यवस्था दी जाएगी। इसके अलावा कंपोस्ट फिट भी बनाया जाएगा। जिससे इनके गोबर और मूत्र का निस्तारण करते हुए खाद भी बनाई जा सके। इसके अलावा पशुओं का चारा रखने के लिए अलग कक्ष बनाया जाएगा। गर्मी के दिनों के लिए पंखा, कूलर लगवाए जाएंगे। तो ठंड से बचाव के भी पूरे इंतेजाम किए जाएंगे। ताकि गोशाला में रहने वाले पशुओं को किसी प्रकार की समस्या न हो। चारे की उचित व्यवस्था की जायेगी।
चीन में बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर, एलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग पीआईसीयू वार्ड का सीएमएस ने किया निरीक्षण संतकबीरनगर: चीन में इन दिनों छोटे बच्चे निमोनिया के चपेट में अधिक आ रहे हैं। इससे वहां के अस्पतालों में बीमार बच्चों से बेड भर चुके हैं। छोटे बच्चों में सर्दी , खांसी, जुकाम व बुखार समेत अन्य समस्याएं आ रही हैं। इन रोग से पीड़ित बच्चे यदि अस्पताल में अधिक मात्रा में आए तो इसके लिए सीएमएस ने तैयारी प्रारंभ कर दी है। सोमवार को पीआईसीयू वार्ड का उन्होंने निरीक्षण किया। वैसे तो अस्पताल में छोटे बच्चों के उपचार के लिए दस बेड का पीआईसीयू वार्ड संचालित है। इसके अलावा एसएनसीयू व तीस बेड का अलग से एक अस्पताल संचालित हो रहा रहा है। इसमें बीमार बच्चों को भर्ती कर उपचार किया जाता है। जो गंभीर रूप से बीमार बच्चे रहते हैं उन्हे चिकित्सक पीआईसीयू वार्ड में भर्ती कर उपचार करते हैं। इस वार्ड में दस बेड पर वेंटिलेटर भी लगे हैं ताकि यदि मरीज गंभीर हो जाएं तो चिकित्सक उनका बेहतर उपचार कर सकें। वैसे अब ठंडक ने दस्तक देना शुरू कर दिया है, ऐसे में खर्दी,खांसी, बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या अब बढ़ती जाएगी। जिसको लेकर अस्पताल प्रशासन चौकन्ना हो गया है। बाल रोग विशेषज्ञ की 24 घंटे रहती है तैनाती पीआईसीयू वार्ड में 24 घंटे बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती रहती है। इसके अलावा टेक्नीशियन, वार्ड ब्वाय, स्टाफ नर्स के अलावा अन्य कर्मी तैनात रहते हैं। इन कर्मियों की शिफ्ट के तहत डियूटी लगाई जाती है, ताकि मरीज को परेशानी न हो। इन वार्ड में दवाओं की भरपूर उपलब्धता रहती है । वैसे तो हमारे वहां बच्चों को भर्ती कर उपचार करने के लिए भरपूर बेड व वेंटिलेटर है। पोर्टेवल वेंटिलेटर भी हमारे पास हैं। मरीजों की संख्या बढ़ती है तो सब तैयार हैं। -डॉ भवनाथ पांडेय, सीएमएस
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जोगबनी : देव दीपावली पर महाआरती का आयोजन,जले 21 हजार दीप
गौतम कुमार प्रीतम