कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

सीतामढ़ी से दीपक पटेल की रिपोर्ट जानकारी के मुताबिक आपको बताते चलें सुप्पी प्रखंड के नरहा पंचायत अंतर्गत आवास योजना से सैकड़ो घर बांचित है

एडीआर संस्था ने अपनी एक और रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में राजनीतिक पार्टियों की कमाई और खर्च का उल्लेख है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे राजनीतिक पार्टियां अपने विस्तार और सत्ता में बने रहने के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करती हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे बड़े सत्ता धारी दल ने बीते वित्तीय वर्ष में बेहिसाब कमाई की और इसी तरह खर्च भी किया। इस रिपोर्ट में 6 पार्टियों की आय और व्यय के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई एम और बीएसपी और एनपीईपी शामिल हैं। दोस्तों, *---- आपको क्या लगता है, कि चुनाव लडने पर केवल राजनीतिक दलों की महत्ता कितनी जरूरी है, या फिर आम आदमी की भूमिका भी इसमें होनी चाहिए? *---- चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई खर्च की सीमा के दायेंरें में राजनीतिक दलों को भी लाना चाहिए? *---- सक्रिय लोकतंत्र में आम जनता को केवल वोट देने तक ही क्यों महदूद रखा जाए?

Transcript Unavailable.

तमाम गैर सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी की दर अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं सरकारें हर छोटी मोटी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र देने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी आमंत्रित कर रही हैं, जिससे की बताया जा सके कि युवाओं को रोजगार उनकी पार्टी की सरकार होने की वजह से मिल रहा है।

बिसवां कस्बे में सड़कों पर सड़क हादसे हुआ करते हैं इसको लेकर सड़क पर डिवाइडर निर्माण की लोगो ने मांग की है ताकि सड़क पर होने वाली अनहोनी से बचा जा सके

नालीकरण अधूरा पड़ा है जिसके चलते रोड पर पानी का हुआ जल जमाव विद्यार्थियों एव पब्लिक पुजारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा

बक्सर जिला के ब्रह्मपुर प्रखंड के पूछरी गांव विधालय का रास्ता हुआ खराब आने जाने में परेशानी बक्सर जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड के पुजारी गांव में जहां मध्य विद्यालय है बच्चों के पढ़ने के लिए प्राथमिक विद्यालय के पास रास्ता खराब होने के चलते दलित बस्ती के सारे जल निकास नहीं होने पर दलित बस्ती का सारा पानी वहीं पर जल जमा होता है जिसकी वजह से बच्चों को स्कूल में आने-जाने में बहुत सारा परेशानी हो रही है लेकिन सरकार की कोई ध्यान नहीं है बच्चों को कोई ध्यान नहीं है सरकार जो दावा करती हो सर दावा फेल है वहां के विधायक स्थानीय विधायक शंभू यादव भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं यह खबरें आप बक्सर मोबाइल बनी पर सुन रहे हैं और देख रहे हैं धन्यवाद

जगह जगह पर गड्ढे होने की वजह से आने जाने वालों को बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

Transcript Unavailable.