32 दिनों तक चलने वाली विश्व विख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला का समापन पूर्व के तय तिथि से मंगलवार के शाम होना तय है। वही इसके दो दिन पूर्व पंचायती राज विभाग के मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला पहुँचकर आनन फानन में स्टेट बैंक सोनपुर के पास पंचायती राज विभाग के प्रदर्शनी का शुभारंभ रविवार के देर शाम किया । हालांकि विभागीय पदाधिकारी इसे मंत्री के द्वारा प्रदर्शनी स्टॉल का निरीक्षण किए जाने की बात कह रहे है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागीय उपेक्षाओं को लेकर मेले में इस प्रदर्शनी का उद्घाटन अभी तक नहीं हुआ था। ऐसा मेले के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि मेला समापन के 2 दिन पूर्व प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। लोगों का कहना है कि प्रदर्शनी स्टॉल लगाने में विभाग के लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। फिर मेला समापन के दो दिन पूर्व प्रदर्शनी का शुभारंभ कर सिर्फ विभाग खनापूर्ती की है । पंचायती राज विभाग की योजनाओं की जानकारी लेने से लाखों मेलार्थी समयानुसार नही होने से लाभ लेने से वंचित हो गए । पंचायती राज विभाग के विधिवत उद्घाटन के लिए मेलार्थी से लेकर स्थानीय लोग, पदाधिकारी व कर्मी भी प्रदर्शनी लगाने की बाट मेला उद्घाटन के उपरांत जोहते रह गए। मेलार्थी और जनप्रतिनिधियों ने कहा कि जिस तरह से पंचायती विभाग में कागज पर विकास ज्यादा होती है ठीक उसी तरह से इस मेले में स्टॉल का खोलने से यह सिद्ध कर दिया है कि किस तरह से विभाग में कार्य होती है । मेला के समापन के 2 दिन पूर्व पंचायती राज विभाग के स्टॉल का शुभारंभ क्षेत्र और मेलार्थी की बीच चर्चा का विषय बन गया । वही मिली जानकारी के अनुसार मंत्री सपरिवार यहां सोनपुर मेला पहुंचे हुए थे। पर्यटन विभाग के मुख्य मंच पर संस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लेकर वे पुनः वापस लौट गए।

बिहार राज्य के सोनपुर जिले के सोनपुर मेले में पुलिस प्रदर्शनी में पटना मुख्यालय से आई दर्जनों श्वान दस्ता के डॉग ने अपनी कलाओं का प्रदर्शन कर मेलार्थियों को हैरान कर दिया। पटना से आए लेब्राडोर शेरु , रिंगो, प्वजी, सिमया ,लियो, हीरा जैसे आधे दर्जन से ऊपर स्वान दस्ते के डॉग ने आतंकवादी उग्रवादी हमले को रोकने के अलावे संदिग्ध वस्तुओं की खोज करने सहित अपराधियों द्वारा अपराध की घटना के अंजाम देने के बाद किस तरह से प्रशिक्षण ग्रहण प्राप्त डॉग उस घटना तक पहुंच कर अपराधियों को पकड़ने या संदिग्ध वस्तुओं को खोजती है इसकी भी जानकारी डॉग ने मेलार्थी को दी । डॉग ने अनेक बैग में रखें में से एक बैग से शास्त्र को पहचान की । वही दूसरी ओर मालवे में दबे एक व्यक्ति को डॉग ने किस तरह से खोज कर पुलिस को बताती हैं यह भी मेलार्थी ने देखा । यह कोई मामूली डॉग नहीं बल्कि प्रशासन के द्वारा प्रशिक्षण दी गई डॉग होते हैं जो अपराधी कितना भी बड़ा क्यों ना हो या छुपाए गए कोई भी सामान क्यों ना कहीं से उसे खोज कर निकालने में डॉग कामयाब हो जाते हैं । डॉग पुलिस पदाधिकारी को उस कांड का उद्वेदन करने में सहयोग करते हैं। अपराध प्रवृति के वैसे लोग कितनी भी काली करतूतें कर ले लेकिन उनकी पर्दाफाश पुलिस किसी ने किसी के सहयोग से उसके काले करतूत के पर्दाफाश करने में कोई कसर नहीं छोड़ती है बशर्ते नेक पुलिस पदाधिकारी हो ।

सोनपुर मेले में पुलिस प्रदर्शनी के कार्य प्रणाली व शस्त्र व कानून की दी जाती जानकारी सोनपुर । विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल की प्रदर्शनी लगाई गई है। जहां बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल के डीजी अमरेंद्र कुमार अंबेडकर ने इसका विधिवत उद्घाटन करते हुए कहा कि पुलिस प्रदर्शनी मेले में लगाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ाने और पुलिस के कार्य प्रणाली और विभिन्न प्रकार के शास्त्र की जानकारी और अपराधी घटनाओं के अलावा बम ,पिस्तौल ,गोली, बारूद के अलावा साइबर क्राइम से बचने के उपाय और एटीएस और एसटीएफ के कार्य प्रणाली की जानकारी मेलार्थी को देना साथ ही एटीएस के टीम द्वारा एक-47 ,एसास ,एमपीडी, पिस्टल ,मैगजीन अलग-अलग शास्त्र के गोली को जानने और आंख बंद या एक हाथ से कैसे शस्त्र चलाना या विखरे शास्त्र को ठीक करना सहित अन्य पुलिस के कार्य प्रणाली की जानकारी देते हुए अपराधियों को कानून का भय व पुलिस प्रशासन की कार्य प्रणाली को दिखाया गया है इसके अलावा आपराधिक घटना को पुलिस किस तरह से अनुसंधान करती है इन सारी बातों को जानकारी दी जाती है । पुलिस को आध्यात्मिक हथियार, उपकरण आवश्यक संसाधन मुहैया करने के साथ गहन प्रशिक्षण देकर बिहार पुलिस को स्मार्ट हाईटेक कन्वेंशन बनाए जाने के अलावा अपराधियों को दबोचने तथा अपराधी मामलों को अनुसंधान करने की भी जानकारी दी जाती है । कोई भी कानून के उल्लंघन करने या अपराधी घटना के अंजाम देता है तो उसे कानून जरूर दंड देगी । कानून से कोई नहीं बच सकता है इसकी भी जानकारी मेलार्थी को दी जा रही है। जिससे अपराधी प्रवृत्ति के लोग अपराध न करें और सुख चैन अमन के साथ रहे इसकी भी जानकारी दी जा रही है।

महाशिवरात्रि के मौके पर लगने वाले सूफी मदार मेला आरम्भ हो चुका है। मेले में धर्मों के बीच का अंतर मिट सा जाता है। सूफी मत से जुड़े होने के कारण इसमें हिंदू व मुस्लिम दोनों धर्मों के लोग भारी संख्या में जुटते हैं। बताया जाता है कि मदार बाबा अर्थात बहिउद्दीन कुतबुल शाह अफगानिस्तान के रहने वाले थे। मदार शाह दो सदी पूर्व यहां पहाड़ियों में साधना करने आए थे। उन दिनों नेपाल में राजा पाल्पालिसेन का शासन था। जमींदार माधव पंजियार व शेर बहादुर अमात्य ने उनकी भक्ति भावना से प्रभावित होकर साधनास्थली के लिए भूमि दान दी थी। बाबा के वर्तमान शिष्य मौलाना अमिरूल्लाह अंसारी बताते हैं कि मदार बाबा साधनाकाल में मदार अर्थात अकवन के दूध का ही सेवन करते थे। संभवत इसी वजह से उन्हें मदार बाबा कहा जाने लगा। मेला आयोजन समिति सह दरगाह कमेटी के कोषाध्यक्ष रेयाजुल अंसारी ने बताया कि मदार मेला अपनी भव्यता के साथ आरंभ हो गई है। मेले में आने वाले धर्मावलंबियों के खाने-पीने व रहने की व्यवस्था महलवारी स्थित मजार पर दरगाह कमेटी की तरफ से की जाएगी। मेला फाल्गुन मास की पंचमी तिथि से त्रयोदशी तक रहता है। सात पहाड़ियों को करना पड़ता है पार: भारत-नेपाल सीमा पर गंडक बराज फाटक बांध से लगभग तीन किलोमीटर दूर महलवारी क्षेत्र में उर्स ए मदार साहब बाबा का भव्य मेला हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आठ से 18 फरवरी तक लगेगा। महलवारी स्थित मस्जिद से यात्रा शुरू होती है। छोटी-छोटी सात पहाड़ियों को पार करने के क्रम में गुजर बाबा के दर्शन के पश्चात नकदहरवा पहाड़ को पार करते हुए श्रद्धालुओं की यात्रा पुरातन मजार पर खत्म होती है। आज भी होता है यहां गुरु-शिष्य परंपरा का निर्वहन मदार बाबा स्थान पर आज भी पुरातन गुरु शिष्य परंपरा जीवंत है। अब तक बाबा के पांच शिष्य इस परंपरा का निर्वाह करते रहे हैं। इनमें गननी शाह, बहार शाह, कुर्बान अली, मोहम्मद अली शाह व वसीर अली शाह शामिल हैं। माना जाता है कि महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर उनकी साधना संपन्न हुई। देवाधि देव महादेव ने उन्हें दर्शन देकर दीन दुखियों को कृतार्थ करने का वरदान दिया। बाबा ने भगवान शिव के दिए वरदान को अक्षरश निभाते हुए मानवता के उद्धार में अपना जीवन लगा दिया। बाबा की परंपरा आज भी कायम है। मार्ग दुरुह पर मन्नतें होती हैं पूरी पिछले पांच साल से मदार बाबा के मेले में जाने वाले शंकर महतो ने कहा कि मेरी पत्नी काफी दिनों तक बीमार रही थी। गांव के ही एक आदमी ने कहा कि मदार बाबा का प्रसाद लाकर खिलाओ, ठीक हो जाएगी। वहीं मैंने किया और लाभ हुआ। तब से हर साल दोनों व्यक्ति मेला जाते हैं। मो कुदरुस ने कहा कि मैं दस साल से अधिक समय से मदार बाबा के मेले में जाता हूं। मेरे घर की बरक्कत मदार बाबा की देन है।

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आज_14/01/2023 का मकर सक्रांति के दिन लोगो का नजारा , चहल -पहल जिला-रोहतास ,प्रखंड- चेनारी के रेड़िया हाई स्कूल फिल्ड मे मेला लगा था ।

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[डब्लू पंडित] बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग की ओर से जमुई के श्रीकृष्ण सिंह स्टेडियम में रोजगार मेला का आयोजन किया गया। विस्तारपूर्वक खबरों को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें । धन्यवाद

जमुई में 08 दिसंबर को एक दिवसीय रोजगार मेला का आयोजन किया जा रहा है। विस्तारपूर्वक खबरों को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें ।

2 वर्ष बाद सोनपुर मेला लगने के बाद लोगों में काफी उत्साह दिख रहा है जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग भी मनोरंजन के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित की हैं और यह सब दृश्य और मेले के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए सोनपुर मेला ऐप से विस्तृत जानकारी मिल सकेगी .विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।