गुजरात से मुकेश मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि स्वच्छता अभियान शुरू होने से अब घरों में मच्छर कम आते हैं और बीमारियाँ भी नहीं होती है

कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

उत्तरप्रदेश राज्य से अनुज कुमार मोबाइल वाणी से बता रहे हैं कि मच्छरों से बचाव के लिए दवाई का छिड़काव नहीं किया जा रहा है

चिंकी गौतम श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रही है की उनके क्षेत्र में टीवी की दवा की कमी से बढ़ रही है मरीजों की मुश्किलें

मौसम बदलाव होने के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

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हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है।सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

नमस्कार दोस्तों जैसा की आपको पता ही है कि हर साल दुनियाभर में 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मकसद है लोगों को कैंसर बीमारी के प्रति जागरूक कर, इस बीमारी को मात देना है। हर साल कैंसर डे पर नई थीम जारी की जाती है। जिसका उद्देश्य हैं, कैंसर के लक्षण और बचाव के लिए लोगों को जानकारी देना। हर साल की तरह इस साल भी वर्ल्ड कैंसर डे की थीम "कैंसर केयर गैप को कम करें" है. हम जानते हैं कि हममें से हर एक में बदलाव लाने की क्षमता है, चाहे बड़ा हो या छोटा, साथ मिलकर हम कैंसर के वैश्विक प्रभाव को कम करने में कामयाबी हासिल कर सकते हैं. इस 4 फरवरी को हम आपसे, चाहे आप कहीं भी हों, कैंसर मुक्त दुनिया बनाने में अपनी भूमिका निभाने का आह्वान करते हैं. आशा करते है कि आप सब कैंसर दिवस पर सभी के साथ हौसला बढ़ाएंगे और कैंसर के खिलाफ हमारी लड़ाई को और भी मजबूत करेंगे।इसी उम्मीद के साथ मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी को विश्व कैंसर दिवस की शुभकामनाये।