Transcript Unavailable.

12 नंबर गली में कापसहेड़ा सफाई नहीं हो रही है

नमस्ते दोस्तों , श्रमिक मणि में आपका स्वागत है , मैं मावनेश्वर से बात कर रहा हूँ , मैं दृष्टिबाधित हूँ , मैं वेदर डिस्ट्रिक्ट टिक से फोन कर रहा हूँ क्योंकि दोस्तों , मेरे पास एक अजीब है । ऐसा हो रहा है कि हमारे कर्नाटक में मैं बी . एस . पी . कल्याण चालुक्य ग्राम मंथल जिला लीधार से बात कर रहा हूं , वार्ड संख्या सात से मैं मंथल ग्राम से बात कर रहा हूं जो मेरे जैसे मुहम्मद दिखते हैं । मैं श्रमिक वाणी से कहना चाहता हूं कि मेरे पास रहने के लिए घर नहीं है और अगर मैं सरकार से रहने के लिए घर मांगता हूं , तो सरकार मेरे साथ जवाब नहीं देती कि हमारा कर्नाटक है । मेरे पास इतनी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं कि मुझे एक हजार चार सौ पेंशन मिलती है जिसके लिए मेरे पास जीने के लिए कुछ नहीं है । मेरी माँ मेरी माँ हैं और मेरे तीन भाई हैं । मैं किराए पर रहता हूँ , छह सौ रुपये वह किराया है जो मुझे नहीं मिलता है क्योंकि अगर मेरा अपना घर है , तो कोई नहीं आएगा और मुझे मजदूर कहेगा । एक तरफ से एक मदद यह है कि मुझे दर्शकों को बताना चाहिए कि अगर मेरे पास रहने के लिए घर नहीं है और मैं किराए पर रहता हूं तो सरकार को भी मेरे बारे में थोड़ा सा दिखाना चाहिए । मुझे देखने दो कि क्या करना है या अगर मैं सरकार से कुछ भी मांगता हूं , तो भी सरकार नहीं देती है । कम से कम दो हजार ग्यारह से दो हजार चौबीस में , मैं बहुत कुछ पूछ रहा हूँ ।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

E block s

Transcript Unavailable.

दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से रीना परवीन की बातचीत कोमल से हुई कोमल बताती हैं में खिलौना फैक्ट्री में काम करती हूं हमें 2 महीने से हमारी सैलरी नहीं मिल रहा है सैलरी नहीं मिलने की वजह से हमारे घर में बहुत दिक्कत हो रही है अब तो खर्च के भी लाले पड़ रहे हैं इस वजह से बहुत ज्यादा समस्या हो रही है जबकि हमें हर महीने सैलरी मिलती थी मगर फैक्ट्री मालिक 2 महीने से शैली नहीं दे रहे इसकी वजह से बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही है

मीना कुमारी तमितनाडु के तिरुपुर सिडको से बता रही हैं कि सिडको में काम करने वालों प्रवासी मज़दूरों से रात में फैक्ट्री काम में जाते दौरान होती है लूट उनसे मोबाईल पैसे छीन लिए जाते हैं जिससे प्रवासी मज़दूरों हैं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से रीना परवीन बातचीत जोनी से हुई जोनी बताते हैं मैं शीतल कंपनी में काम करता हूं हमारी कंपनी में चूड़ी बनती हैं और हम मशीनों पर काम करते हैं हमारे फैक्ट्री में हमें ग्लव्स नहीं दिए जाते क्योंकि हमारी फैक्ट्री में गरम-गरम मशीनों द्वारा डाई में से हाथ से चूड़ी निकालने पड़ती है और हमारा कई बार तो हमारे हाथ भी जल जाते हैं 3 महीने से रुका हुआ पिएफ भी नहीं मिल रहा है हमने अपने एचआर से कई बार मांग की है कि हमारा रुका हुआ पीएफ दिलवाया जाए मगर एचआर हमारा पीएफ नहीं दिलवा रहे हैं