दिल्ली एनसीआर श्रीराम कॉलोनी वार्ड नंबर 246 ई ब्लॉक गली नंबर 10 में खंबे की लाइट खराब होने की वजह से पूरी गली में अंधेरा है कई बार हम बिजली विभाग के टोल फ्री नंबर पर कंप्लेंट कर चुके हैं मगर स्टेट लाइट ठीक नहीं कराई जा रही है जिसका फोल नंबर 212 है
उत्तर प्रदेश राज्य के इटावा से नौमान अब्बासी साझा मंच के माध्यम से कह रहें हैं की सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनिया है की यदि कंजूमर को फ़ोन में नेटवर्क की समस्या होती है तो वो अपनी शिकायत कंजूमर फोरम में दर्ज करवा सकता है.
उत्तर प्रदेश राज्य के इटावा से नौमान अब्बासी साझा मंच के माध्यम से जानकारी दे रहें हैं की भारतीय रेलवे ने लॉक डाउन के बाद फिर से सभी रेलों में जेनरल कोच की शुरुआत कर दी है. इन कोच को लॉक डाउन के समय बंद कर दिया गया था और सिर्फ रिज़र्वेशन ही चालु थी लेकिन अब फिर से जेनरल कोच की सुविधा को जारी कर दिया गया है.
हरियाणा राज्य के बहादुरगढ़ से कश्यप साझा मंच के माध्यम से जानकारी दे रहें हैं, मुख्यमंत्री के घोषणा के अनुसारी सफाई कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होगी।
हरियाणा राज्य के बहादुरगढ़ से सतरोहन लाल कश्यप ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि अभी कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते है अनेकों सावधानियाँ बरतने की आवश्यकता है। सरकार अपने स्तर से प्रयास कर ही रही है परन्तु जागरूकता के साथ जनता को भी सतर्क रहना है
साझा मंच मोबाईल वाणी के श्रोता ये शिकायत कर रहे हैं कि कोई भी ज़रूरतमंद जब मदद के लिए कॉल करके अपनी बात कहनी शुरू ही करता है कि उसकी कॉल एक मिनट में ही काट जाती है। आपको इस समस्या को सुधारने की ज़रूरत है।
ये राहुल यादव उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले से साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से कहना चाहते हैं कि इस महामारी के दौर में भी कुछ देश अपनी सुरक्षा कड़ी करने में लगे हुए हैं। सोमवार शाम 4:00 बजे भारत और चीन के साथ सीमा पर हुई झड़प से आपको समझ आ गया होगा।हमारे प्रधानमंत्री को सीमा के साथ-साथ देश के हालात को भी सम्भालना है। इसीलिए सारे देश अपनी सुरक्षा और ताकत बढ़ाने में लगे हुए हैं। आज ये घटना भारत के साथ हुई, अगली बार किसके साथ होगी कोई नहीं जानता। भारत कितने शहीद हुए जवानों को इनके और इनके परिवार की तरफ़ से श्रद्धांजलि।
ये दिल्ली के बुराड़ी क्षेत्र से महेश कुमार स्वामी साझा मंच मोबाईल वाणी को बता रहे हैं कि मिल मालिक और मजदूर दोनों को बराबर का नुक़सान सहना चाहिए था। आर्थिक मंदी के कारण दोनों का नुक़सान हुआ है, लेकिन मजदूरों को ज्यादा है। तो स्वाभाविक सी बात है कि इस स्थिति में अगर कुछ मिल मालिक उनकी मदद कर देते, तो उन्हें इतनी बड़ी समस्या का शिकार नहीं होना पड़ता। कामसे काम वो अपना जीवन यापन तो कर लेते! हमारे यहाँ ऊपर से नीचे तक सिस्टम में सुधार करने की जरूरत है, क्योंकि न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका का समन्वय नहीं बनने की स्थिति में कई बार इस तरह की दिक्कत देखने को मिलती हैं।
दिल्ली के बुराड़ी क्षेत्र से महेश कुमार सोनी साझा मंच मोबाईल वाणी को बता रहे हैं कि कुछ दिन पहले केंद्र सरकार के फ़ैक्ट्री-मालिकों को अपने कामगारों को पूरा वेतन देने के निर्देश देने की बाद उं फ़ैक्ट्री-मालिकों के द्वारा उच्चतम न्यायालय में दाखिल की गयी याचिका पर न्यायालय ने ये आदेश दिया कि लॉक डाउन की वजह से काम बंद होने की स्थिति में, जब आमदनी ही न हो, तो कंपनिया कहाँ से वेतन देंगीं! लेकिन व्यक्तिगत रूप से इनका मानना है कि अगर कम्पनी-मालिक चाहते तो अपनी बचत से अपने कामगारों को आधा ही सही वेतन दे सकते थे, जिससे उनकी परेशानी कुछ कम हो जाती।
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