तमिलनाडु तिरुपुर से रेशमा साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रमिक से वार्ता कर रही हैं। जहाँ श्रमिक ने बताया कि उन्हें लॉक डाउन के दौरान सरकार द्वारा खाद्य सामग्री नहीं मिली। श्रमिक बताते हैं कि उन्हें पीस रेट या शिफ्ट में से किसी में भी काम करने का मौका मिलता है तो वे कर लेते हैं
तमिलनाडु तिरुपुर से रेशमा साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रमिक से वार्ता कर रही हैं। जहाँ श्रमिक ने बताया कि उन्हें लॉक डाउन के दौरान सरकार द्वारा खाद्य सामग्री नहीं मिली।
तमिलनाडु तिरुपुर से रेशमा साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से 15 साल से तिरुपुर में काम करने वाले एक श्रमिक से बात कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पीस रेट में काम करने पर काम की कमी के कारण उन्हें ठीक से पैसे नहीं मिलते थे ।
तमिलनाडु राज्य तिरुप्पुर जिला अविनाशी से अजय कुमार साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि ठेकेदार श्रमिकों को वेतन सही से नहीं देते और कंपनी भी इस पर कोई कदम नहीं उठाती ।
तमिलनाडु के तिरुपुर ज़िला से मीना कुमारी की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से संजय जेना से हुई। संजय बताते है कि वो 10 सालों से तिरुपुर में रह रहे है और वो अभी पीस रेट में कार्य करते है। पहले की तुलना है अभी पीस रेट कम दिया जा रहा है। इनके अनुसार शिफ्ट में कार्य करना अच्छा है क्योंकि इसमें सुविधाएँ भी मिलती है
तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला से मीना कुमारी की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रमिक से हुई। श्रमिक ने बताया कि उनका आधार कार्ड नहीं है जिस कारण वो कंपनी शिफ्ट में कार्य नहीं कर सकते है। वो अभी पीस रेट पर ही कार्य कर रहे है और पहले की तुलना में पीस रेट में कोई बदलाव नहीं आया है। ये कंपनी शिफ्ट में कार्य करना चाहते है। वैसे इन्हे पीस रेट में कार्य करने पर ठेकेदार द्वारा समय पर वेतन मिल जाता है। अगर पीस रेट बढ़वाने की बात की जाए तो ठेकेदार बात को ज़ल्दी नहीं मानते है।
तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला से हमारी संवाददाता की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से सागर टोप्पो से हुई। सागर ने बताया कि लॉक डाउन के बाद भी काम के पीस रेट वही है जो पहले थे। उनके अनुसार कंपनी शिफ्ट में काम करना भी फायदेमंद है। कंपनी शिफ्ट में काम रहे या न रहे पर वेतन जरूर मिलता है एवं पीएफ ईएसआई की सुविधा भी मिलती है । परन्तु कंपनी शिफ्ट में समय निर्धारित रहता है जो समस्या बनती है वही पीस रेट वाले काम में समय नहीं देखा जाता है
Transcript Unavailable.
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तमिलनाडु तिरुपुर से मीना कुमारी साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कंपनियों में शिफ्ट कम हो जाने की वजह से श्रमिक पीस रेट में काम करना पसंद कर रहे हैं। एक श्रमिक भाई से वार्ता के दौरान कहना था कि शिफ्ट में श्रमिक किता भी काम कर ले उसे उतने ही पैसे मिलते हैं जो निर्धारित है लेकिन पीस रेट में ऐसा नहीं है