मैं देवेंद्र जिला रायबरेली उत्तर प्रदेश बोल रहा हूँ। मैं श्रमिक वाणी से ये पूछना चाहता हूँ कि ईपीएफ फंड क्यों जमा करते हैं और प्राइवेट सरकारी सभी के लिए ईपीएफ का क्या प्रावधान है ?कैसे मिलता है इसका क्या तरीका है ?
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मैं मुन्ना लाल मौर्य। यूडी कार्ड बनवाना है, तो हम इसके लिए कहाँ जाएँ कैसे करें?
उत्तरप्रदेश राज्य के रायबरेली से पंकज ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि रायबरेली में एक रेनकोट की फैक्ट्री में कार्य करते है। लखनऊ से हाउस कीपिंग का 9,892 रूपए आते है लेकिन यहाँ उन्हें 6,500 रूपए मिलते है। कमिशन ले लिया जाता है। कोई एक व्यक्ति आवाज़ उठाते है तो उन्हें निकाल दिया जाता है ,एकजुट होकर कोई आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं रखते है
हमारे एक श्रोता,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि वो ऑटो लाइन में काम करते है। लॉक डाउन में फँस गए। अब ठेकेदार उन्हें वेतन नहीं दे रहे है। माँगने पर तरह तरह के बहाने बनाते है
उत्तर प्रदेश राज्य के रायबरेली से पंकज कुमार पांडेय साझा मंच के माध्यम से बताते हैं कि वे एक कम्पनी में एक साल तक काम किये लेकिन एक साल का पीएफ का पैसा अबक नहीं मिला। इसके लिए क्या करना चाहिए जानकारी दें Pankaj Kumar Pandey shares that he worked in a global company for 12 days after resigning from his previous company. Somehow his PF got stuck. It has been a year and he has not been able to withdraw his PF. How can he withdraw his PF?
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हमारे एक श्रोता ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महँगाई के कारण रोज़मर्रे की जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो गया हैं। सभी लोग महँगाई से बहुत परेशान हैं।
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आपके सवालों से यह पता चल रहा है कि ओवरटाइम करवाया जाता है लेकिन उसका सही भुगतान नहीं होता है। "यदि कंपनी ऐसा कर रही है, तो इसका मतलब है कि उनके पास काम है और श्रमिकों की कमी है। यदि आप यह जानते हैं, तो आप सभी एक साथ मिलकर प्रबंधन पर दबाव बना सकते हैं कि आप सभी को ओवरटाइम के लिए ठीक से भुगतान करें। यदि यह काम नहीं करता है, तो आपको ओवरटाइम के लिए अंडरपेड होने से संबंधित श्रम कार्यालय (मिनी सचिवालय) में शिकायत दर्ज करनी चाहिए। ऐसा करने के लिए, आपको अपने काम के घंटों और अतिरिक्त घंटों (उपस्थिति रजिस्टर आदि) का भुगतान न करने के प्रमाण की आवश्यकता होगी। )। यदि आपको कंपनी ज़बरदस्ती कर रही है तो यह एक आपराधिक अपराध है, इसलिए आप अपने साथ प्रमाण ले जाते समय पुलिस की मदद ले सकते हैं। साथ ही आपको श्रम कार्यालय में शिकायत दर्ज करनी चाहिए।
Dec. 3, 2019, 3:26 p.m. | Tags: govt entitlements int-PAJ workplace entitlements
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लगातार बीमार पड़ना कर्मचारी का बर्खास्तगी का आधार हो सकता है। हालांकि, नियोक्ता सभी श्रमिकों चाहे वह आकस्मिक हो चाहे अनुबंध चाहे नियमित सभी की ओर से ईएसआई योजना में योगदान करने के लिए है। क्या आपके पास ईएसआई नंबर है (यह आपकी वेतन पर्ची पर होना चाहिए या आपको अलग से दिया जाना चाहिए)? यदि आपके पास यह संख्या नहीं है, तो आप स्थानीय ईएसआई कार्यालय (ग्रेटर नोएडा , सूरजपुर में है) शिकायत कर सकते हैं। यदि ईएसआई आपकी कंपनी पर लागू नहीं होता है (उदाहरण के लिए, यदि यह मुख्य औद्योगिक क्षेत्र से दूर है या यदि कोई ईएसआई सुविधाएं सुलभ नहीं हैं), तो - कामगार मुआवजा अधिनियम के तहत - आप तब भी मुआवजे का दावा कर सकते हैं यदि आपकी बीमारी से संबंधित है आपका काम (यानी व्यावसायिक रोग)। यह दावा करने के लिए आपको अपने रोजगार के प्रमाण के साथ श्रम आयुक्त के कार्यालय में जाना चाहिए और कुछ सबूत हैं जो उनके कब्जे के कारण बीमारी के लिए श्रमिकों को खारिज किया जा रहा ।
Nov. 18, 2019, 4:58 p.m. | Tags: govt entitlements int-PAJ health facilities workplace entitlements
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हम आपसे जानना चाहते हैं कि क्या आपकी कंपनी लॉकडाउन से पहले की तनख्वाह ठीक तरीके से दे रही थी ? या फिर आप अभी लॉकडाउन के दौरान तनख्वाह ना देने की बात कह रहे हैं। यदि आप लॉकडाउ से पहले की बात कर रहे हैं तो आप अपने यूनियन या खुद भी लेबर ऑफिस में एक लिखित शिकायत दे सकते हैं और इस शिकायत के साथ अपनी कंपनी के द्वारा दी गई आई.डी कार्ड, सैलरी स्लिप, अप्वाइंटमेंट लेटर का जेरोक्स अटैच करें। लॉकडाउन के दौरान सैलरी की बात करें तो ग्रह मंत्रालय ने अपनी 29 मार्च की अधिसूचना में घोषणा की है कि लॉकडाउन अवधि को ऑन-ड्यूटी माना जाएगा, और नियोक्ता को लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को भुगतान करना होगा। लेकिन एसोसिएशन ऑफ़ इंडस्ट्रियल एम्प्लॉयर्स ने एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें सरकार को लॉकडाउन के दौरान पूर्ण वेतन देने के निर्देश को चुनौती दी गई थी, इस सब के बीच सरकार ने 17 मई को एक और अधिसूचना की घोषणा की, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी 29 मार्च की अधिसूचना समाप्त हो गई है। दूसरी ओर एक और जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें कर्मचारियों की समाप्ति और वेतन कटौती से सुरक्षा की मांग की गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट 12 जून को अपना फैसला सुना सकती है, तब तक नियोक्ता दंडनीय नहीं है, लेकिन आप अभी भी 29 मार्च से 17 मई तक अपना वेतन मांग सकते हैं। इसलिए श्रमिक को जागरूक होना होगा, संगठन बनाना होगा यह नियोक्ता के खिलाफ खड़े होने का एकमात्र तरीका है।
Oct. 19, 2020, 5:43 p.m. | Tags: lockdown governance int-DT coronavirus govt entitlements int-PAJ wages workplace entitlements