मध्यप्रदेश राज्य के ग्वालियर ज़िला से मुकुंद कुमार नायक ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहा कि कंपनी द्वारा मज़दूरों का बहुत शोषण किया जा रहा है।मई के महीने में मज़दूरों को कंपनी में अतिरिक्त काम भी कराया गया ,बकाया वेतन भी नहीं दिया गया मज़दूरों द्वारा ही कंपनी खड़ी की गई परन्तु उसी कंपनी में उन्ही का शोषण ,प्रबंधन व ठेकेदार द्वारा होते जा रहा है। सरकार भी मजदूरों के लिए इतना दावा करती है पर इसका असर कुछ दिखाई नहीं पड़ता
मध्यप्रदेश राज्य के ग्वालियर ज़िला से मुकुंद यादव ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि जिन गुरुओं ने उच्चाधिकारी,अधिकारी को शिक्षा दे कर ऊँचे स्थान में पहुँचाया वही आज अच्छाई से भटक कर मज़दूरों का शोषण करते नज़र आ रहे है
मध्यप्रदेश राज्य के ग्वालियर ज़िला से मुकुंद यादव ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि गुरुओं का सम्मान करना बहुत जरूरी है। गुरुओं का आनंदर कभी भी होने न दें
मध्यप्रदेश राज्य के ग्वालियर ज़िला से पवन पाल,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से यूडीआईडी कार्ड की विस्तृत जानकारी चाहते है
मध्यप्रदेश राज्य के ग्वालियर ज़िला से पवन पाल,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से यूडीआईडी कार्ड का टोलफ्री नंबर की जानकारी चाहते है
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आपको बताना चाहते हैं कि यूडीआइडी कार्ड हेल्पलाइन नम्बर 1800-110-708 है।
Aug. 27, 2020, 7:32 p.m. | Tags: int-PAJ disability
मध्य प्रदेश राज्य ग्वालियर जिला से मुकुंद यादव साझा मंच मोबाइल वाणी के माधयम से बताते हैं कि ग्रामीण शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं और गाँवों को नगरों में तब्दील कर दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में हो रहे बदलाव के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इससे पर्यावरण को भी काफ़ी नुकसान होगा। शहरों में लोगों की आबादी 40 फीसदी रखने की बात से कहीं ना कहीं शहर और गांव का अस्तित्व कम हो जायेगा। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
मध्य प्रदेश राज्य ग्वालियर जिला से मुकुंद यादव साझा मंच मोबाइल वाणी के माधयम से लीगल चर्चा कार्यक्रम के तहत एडवोकेट पदम् जी से जानना चाहते हैं कि कंपनी में यदि किसी कर्मचारी ,मजदुर को काम के दौरान चोट लग जाती है ,या मजदुर दुर्घटना के कारण दिव्यांग या अपांग हो जाता है तो क्या कंपनी उन्हें किसी प्रकार की मदद देती है ? सरकार द्वारा इस पर क्या परवधन निकाला गया है ?जानकारी दें
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वर्कमेन कम्पन्सेशन एक्ट के तहत आपको कंपनी की तरफ से मेडिकल और डिसेबिलिटी बेनिफिट मिलता है, लेकिन अगर आपकी कंपनी में 10 या उसे अधिक मजदुर काम करते हैं तो आपकी कंपनी को अपने मजदूरों को ईएसआई के नियमों के अंतर्गत ईएसआई में रजिस्टर करना होगा। कंपनी के लिए काम करते वक्त अस्थाई या स्थाई रूप से विकलांग हो जाते हैं, तो आपको इसका क्लेम करने के लिए अपनी कंपनी की तरफ से अस्थाई विकलांगता केलिए फॉर्म 9 और स्थाई विकलांगता फॉर्म 14 के साथ-साथ फॉर्म 16 एक्सीडेंट रिपोर्ट जरूर चाहिए होगी जोकि कंपनी दुवारा ऑनलाइन भी भरी जाती है, तभी आप ईएसआई ऑफिस में विकलांगता लाभ को क्लेम कर पाएंगे। मगर बहुत सी कंपनियां एक्सीडेंट रिपोर्ट नहीं देती, क्योंकि इससे उन्हें यह बात सामने आने का डर रहता है कि कंपनी की मशीनें, कंपनी की बिल्डिंग, मजदूरों के सेफ्टी इक्विपमेंट्स, काम करने लायक नहीं है और उनका निरंतर मेंटेनेंस नहीं होता। अस्थायी और स्थायी विकलांगता लाभ दोनों ही नौकरी के पहले दिन से शुरू हो जाती है, और जब तक मजदूर की विकलांगता का इलाज चल रहा होता है या वह काम करने के लिए फिट नहीं हो जाता, तब तक इलाज के दौरान मजदूर को 90% वेतन मिलता रहता है, और ईएसआई के मेडिकल विकलांगता का कैलकुलेशन करके इंशुरेड़ पर्सन को मुवाब्ज़ा भी देता है।। मजदूर इन सब का लाभ इसलिए नहीं ले पाता क्योंकि उन्हेंं जानकारी का अभाव रहता है, मजदूरों के बीच एकता नहीं होती, मजदूर यूनियनों के साथ नहीं जुड़ते, और अपनेे ऊपर हो रहे अत्याचारों का विरोध नहीं करते। अगर मजदूरोंं को अपने हक चाहिए, तो उन्हें खुद ही एकजुट होकर अपने हकों को मांगना होगा। नहींं तो जिस तरह कंपनियां अपने मजदूरों का शोषण कर रही थी उसी तरह आगेे भी चलकर मजदूरों का शोषण करती रहेंगी। आप किसी यूनियन के साथ जुड़कर लेबर ऑफिस और ईएसआई ऑफिस में इसकी एक लिखित शिकायत भी दें और उसके साथ अपने सभी दस्तावेज जैसे कंपनी आई.डी कार्ड, अपॉइंटमेंट लेटर, सैलरी स्लिप का ज़ेरॉक्स भी अटैच करें, और इसे डॉक दुवारा भेजें ताकि आगे कि कार्रवाहियों केलिए आपके पास सबूत के तौर पर डॉक कि पर्ची आपके पास हो।
Aug. 25, 2020, 5:12 p.m. | Tags: industrial work health facilities collective action labour govt entitlements int-PAJ workplace entitlements
मध्यप्रदेश राज्य के ग्वालियर ज़िला से मुकुंद नायक ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि भ्रष्टाचार ,थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोगों में जो बेरोज़गारी है वो केवल भ्रष्टाचार के कारण ही है। कंपनी वाले,ठेकेदार मज़दूरों के साथ छलावा कर रहे है
Transcript Unavailable.
मध्यप्रदेश राज्य के ग्वालियर से मुकुंद यादव ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि हमें मजदूरों के हक़ के बारे में सोचने की जरुरत है
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आपको बताना चाहते हैं कि सरकार ने स्वावलम्बन योजना के तहत दिव्यांगों के लिए यूडीआईडी यानी यूनिक डिसएबिलटी आईिडंटिफिकेशन कार्ड जारी किया है। इसे बनवाने के लिए आप जनसेवा केंद्र के माध्यम से या खुद भारत सरकार के पोर्टल http://www.swavlambancard.gov.in/ पर लॉगिन करडिसेबलिटी सर्टिफिकेट एंड यूडीआईडी कार्ड पर क्लिक करें, फिर आपका आवेदन पत्र खुल जाएगा। इसमें माँगे गए सारे विवरणों को भरने और सम्बन्धित प्रमाण पत्रों को संलग्न करते हुए अपना आवेदन सबमिट कर दें। इस कार्ड के लिए आवेदन करते समय लागने वाले आवश्यक प्रमाण पत्र हैं- आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, निवास प्रमाण पत्र और चालीस प्रतिशत से अधिक विकलांगता का प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार की फ़ोटो। यदि आपको ऑनलाइन आवेदन करने में कोई समस्या हो रही हो। तो आप इसके लिए ऑफलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। तब आपको यूनिक डिसेबिलिटी आईडी फॉर्म पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड करना होगा। फिर सम्बन्धित दस्तावेजों की फोटोकॉपी संलग्न कर भरा हुआ आवेदन पत्र सीएमओ कार्यालय/ चिकित्सा प्राधिकरण में जमा करवाना होगा। आपके द्वारा दी गयी सभी जानकारियों के प्रमाणित होते ही आपका यूडीआईडी कार्ड आपके घर के पते पर भेज दिया जाएगा। इस कार्ड के माध्यम से आपको सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए चलायी जा रही सभी योजनाओं की जानकारी और उसका लाभ प्राप्त करने में सहूलियत हो जाएगी। इस बहुद्देशीय कार्ड की चिप में आपकी सभी जानकारी सुरक्षित रहेंगी और आपको कई सारे प्रमाण पत्रों को साथ लेकर घूमने की परेशानी से छुटकारा दिलाएगी। यह कार्ड आपके सत्यापन और पहचान का एक एकल दस्तावेज होगा और भविष्य में आपके लिए कई लाभ प्राप्त करेगा। यूडीआईडी कार्ड कार्यान्वयन के पदानुक्रम के सभी स्तरों– गाँव, ब्लॉक, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर लाभार्थी की शारीरिक और वित्तीय प्रगति की ट्रैकिंग में भी मदद करेगा।
Aug. 28, 2020, 1:27 p.m. | Tags: int-PAJ disability