राजधानी दिल्ली कापासेड़ा से नंद किशोर प्रसाद साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से दिनांक 28-07-20 को बताया कि साझा मंच मोबाइल वाणी पर कुछ दिनों पहले एक खबर प्रसारित की गयी थी। खबर में जानकारी दी गयी थी कि 22 जुलाई को दिल्ली एनसीआर के क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश होने से बसेरा गांव के आठ नंबर गली के कई मकानों में पानी घुस गया था। स्थानीय लोगों ने बताया कि बारिश जोरदार होने के कारण लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ा रहा था। इस खबर को व्हाट्सएप के जरिए आला अधिकारी निगम प्रशासन को भेजा गया । इसके तत्पश्चात ही आला अधिकारी द्वारा भेजे गए कर्मचारियों ने उक्त स्थान की सफाई की ।इस कार्य हेतु स्थानीय लोगों ने खुशी ज़ाहिर की और साझा मंच मोबाइल वाणी को धन्यवाद भी दिया।
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चीन का अड़ियल रवैया
रोजगार का संकट
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गुरुग्राम, दिल्ली रोड से नंदकिशोर साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि देश में तेज़ी से बढ़ते कोरोना-संक्रमण के मामलों को देखते हुए स्थिति चिंताजनक होती जा रहे है और हमारे अमेरिका और ब्राज़ील के बाद तीसरे स्थान पर पहुँचने की सम्भावना हो गयी है। सरकार के साथ जब तक आम आदमी सतर्क नहीं होगा, तबतक इसपर रोक लगा पाना मुश्किल है। आम आदमी की लापरवाही कोरोना-संक्रमण पर क़ाबू पाने की सरकार की कोशिश पर पानी फेर रही है। कोरोना-संक्रमित मरीज़ों के स्वस्थ होने का औसत संतोषजनक है।
गुरुग्राम से नंद किशोर साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लॉक डाउन के दौरान उन्हें मुफ़्त दिए जानेवाले राशन को बाँटने में भी राज्य सरकारें टाल-मटोल कर रही हैं। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री राम बिलास पासवान को तो यहाँ तक कहना पड़ा कि आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना आदि कुछ राज्य प्रवासी कामगारों को वितरित किए जाने वाले राशन को लेने से भी मना कर रहे हैं। इससे साफ़ होता है कि इन राज्यों को गरीब मज़दूरों के कष्ट से कोई मतलाब नहीं है। प्रधानमंत्री जी द्वारा इस योजना को नवम्बर तक विस्तारित किए जाने पर इस योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वित होने पर भी संशय के बादल छाए हुए हैं। कई राज्य अनाज उठाने के बाद भी उसे वितरित करने में सक्रियता और दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। अगर प्रधानमंत्री अन्न योजना सही तरीक़े से लागू हो जाय, तो शायद फिर मज़दूरों का पलायन नहीं होगा।
गुरुग्राम से नंद किशोर साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लगातार वैश्विक बाज़ार में पेट्रो-उतापड़ों के मूल्यों में लगातार हो रही कमी के बावजूद भारत में हो रही पेट्रो-उत्पादों की मूल्यवृद्धि से आम जनता परेशान और आश्चर्यचकित है। इस मूल्यवृद्धि से महंगाई बहुत बढ़ जाएगी, जिसका बोझ आख़िरकार आम आदमी को ही उठाना होगा। सरकार को राजस्व-उगाही के दूसरे श्रोत भी तलाशने होंगे। इस राजस्व का हिस्सा केंद्र-राज्य सरकारों में बंटता है। कुछ राज्य तो पेट्रो-उत्पादों से मिलने वाले राजस्व से ही अपने कर्मचारियों के वेतन देते हैं।
बढ़ो डिजिटल इंडिया की ओर
दिल्ली, गुरुग्राम से नंद किशोर साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि अगले विधान सभा चुनावों को लेकर बिहार के छोटे दलों में इस समय बहुत अधिक चिंता और बेचैनी का आलम है। वे गठबंधन और गठबंधन की शर्तों के साथ विलय के विकल्पों में से किसी पर भी अंतिम निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। आनेवाले कुछ समय में बिहार में राजनीतिक उथलपुथल हमें ज़रूर देखने को मिलेगी।