दिल्ली एनसीआर के कापसहेड़ा से नन्द किशोर की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से ट्रक ड्राइवर संदीप से हुई। संदीप कहते है कि लम्बी दूरी तक सफर करने पर चालान का दिक्कत होती है। हाईवे में चालान ,स्पीड का कोई व्यवस्था नहीं है लेकिन फिर भी पुलिस द्वारा चालान वसूला जाता है। ड्राइवरों का भी यूनियन होना चाहिए। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी साक्षात्कार..

दिल्ली एनसीआर के कापसहेड़ा से संवाददाता रफ़ी की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कापसहेड़ा के पूर्व पार्षद अनिल यादव से हुई। अनिल यादव ने बताया कि पहले से ही कापसहेड़ा में अतिक्रमण हटाने की बात चल रही थी। दुकानें जो आगे बढ़ कर छज़्ज़ा बढ़ाए हुए थे ,वो मुख्य समस्या आम लोगों की भी थी। इस पर पहले ही हटाने की बात हुई थी ,जिसे कुछ लोगों ने कार्य किया पर जिनका छूट गया था उसे ही हटाया जा रहा है। रेहड़ी पटरी वाले कहीं भी अपने रेहड़ी लगा सकते है ,उनका रोज़गार छीनने का कोई इरादा नहीं है।

दिल्ली एनसीआर के कापसहेड़ा से नन्द किशोर की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से संतोष भगत से हुई।बजट को लेकर संतोष बताते है कि जनता के हित में बजट पास होती है लेकिन आम नागरिकों को इसका सीधा फ़ायदा नहीं होता है। बजट पास होती है तो वो बिचौलियों और नेताओं के जेब में चले जाती है। सरकार अच्छा काम कर रही है लेकिन इसमें सुधार की आवश्यकता है। कंपनियों में काम कर रहे है ,पीएफ व ईएसआई का लाभ नहीं मिल रहा है। दो चार महीने काम में रख कर फिर श्रमिकों को भगा दिया जाता है।श्रमिकों की स्थिति ख़राब है।महँगाई बढ़ने से कोई समस्या नहीं ,पर अगर महँगाई बढ़ रही है तो आमदनी भी बढ़नी चाहिए। लोगों को बजट का फ़ायदा ही नहीं होता है

दिल्ली सके कापासेड़ा क्षेत्र से राम करण साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लता मंगेशकर जी के मौत के बाद उन्हें पूरा देश हमेशा याद रखेगा

दिल्ली एनसीआर के कापसहेड़ा से नन्द किशोर की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से अस्फाक से हुई। अस्फाक कहते है कि अभी के समय दिहाड़ी का कार्य सही ही चल रहा है। रोज़ाना काम मिल जाता है। ठकेदार के तरफ से काम करते है। उन्हें 600 रूपए दिहाड़ी मिलती है,जो 15 दिनों में मिलती है । उन्हें कार्यक्षेत्र में ठेकेदार द्वारा सुरक्षा के प्रबंधन नहीं मिलते है। बेलदारी का काम झारखण्ड में मिलता है लेकिन रेट सही नहीं रहती है इसलिए वहाँ पर काम नहीं करते है

दिल्ली से सांझा मंच के संवादाता रामशरण ने वहां से मजदूरों से बात की। उन्होंने बताया कि उनको काम कभी मिलता है कभी नहीं मिलता है। कभी ओवरटाइम भी करना पड़ता है। कभी पैसा मिलता है कभी नहीं मिलता है। कभी मिलता भी है तो हल्ला गुल्ला करना पड़ता है आमदनी कम है और खर्च ज्यादा है

दिल्ली के कापासेढा से नंदकिशोर ने बिनय कुमार से बात की। उन्होंने बताया की एक दिन काम मिल रहा है और तीन दिन खाली बैठना पड़ रहा है। लोगों को खाने पीने की समस्या है। सुबह 6 बजे लेबर चौक जाना पड़ता है। दिहाड़ी कभी कभी रोक देते है ठेकेदार लोग

Transcript Unavailable.

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दिल्ली एनसीआर से हमारे संवाददाता की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से एक व्यक्ति से हुई।वो कहते है कि कंपनी में सिंगल रेट पर ओवरटाइम का पैसा मिलता है। इससे श्रमिकों को नुकसान है और कंपनी वालों का फ़ायदा है। श्रमिकों को डबल रेट में ओवरटाइम का पैसा मिलना चाहिए ,इससे घर का खर्चा निकल सकता है