नये जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने पदभार गह्रण किया। प्रभार लेने से पुर्व उन्होंने कहा डीलर अपनी कार्य प्रणाली में सुधार लायें। जिससे लोगों को समय पर राशन उपलब्ध हो सके। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

मुस्लिम समुदाय से डीजीपी झारखंड की अपील कहा घर में पढ़ें ईद की नमाज

ईद पर सीएम हेमंत सोरेन का तोहफा। 21 मई से सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा वेतन

बाहर से आ रहे श्रमिकों के जत्थे को भेजा गया उनके गृह जिलों के लिए नैंसी सहाय उपायुक्त देवघर

श्रमिक देश के मुख्य स्तंभ हैं इनकी सेवा व सुरक्षा हम सभी का कर्तव्य है हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री झारखंड

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के पेटरवार प्रखंड के तेनुघाट से सुषमा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं, कि समुदाय स्तर में लोग ठण्ड से बचने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। कभी-कभी लोगों द्वारा अपनाए गए कई तरीके घर को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ ज़हरीली गैस का भी निर्माण करते हैं इससे पर्यावरण पूरी तरह से दूषित हो जाता है। ठण्ड से बचने के लिए लोग लकड़ियों को जला कर सकते हैं। साथ ही सुबह में सूर्य की रौशनी लेते हैं, और गर्म कपडे पहते हैं।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के जरीडीह प्रखंड से सुरेंदर महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि अक्सर बरसात के मौसम में बीमारियां हो जाती है जिससे बचने के लिए घरेलु उपाय किये जा सकते है जैसे की सर्दी होने पर तेल में लहसन को पकाकर शरीर पर लगाया जा सकता है।साथ ही खांसी और सर्दी ज्यादा होने पर डॉक्टर से संपर्क कर दवा लेना चाहिए। इसके आलावा अगर शरीर में गिला कपड़ा पहने हुए हो तो उससे तु्रन्त बदल कर सूखा कपडा पहन लेना चाहिए, ताकि जिससे किसी भी प्रकार के होने वाली बीमारियों से बचा जा सके।

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झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो से जे एम् रंगीला जी साथ में किसान सह मुखिया दिलीप कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से किसानो की स्थिति पर कहते है की सरकार की ओर से किसानों के लिए घोषणाएं जरूर हुई पर व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है।डुमरी के जिस पैक्स को धान खरीद के लिए केंद्र बनाया गया है उनके पास जब धान लेकर जाते है , तो कहते कि अभी पैसे नहीं ,और ना ही वह पर खरीदार के लिए कोई आदमी है ,कहते है आज आइये कल आइये तो इस परिस्थिति में किसानों को धान को लेकर चक्कर लगाना पड़ता है। बताते है की विगत वर्ष कुछ धान इन्होने बिक्री की थी जिसका पैसा एक वर्ष बाद आया।किसानो की स्थिति बहुत दयनीय है इतना ही नहीं फसलों का समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है।किसानो को संगठित होने की जरुरत है तभी उनके आंदोलन सफल हो सकते है।

झारखंड राज्य के ज़िला धनबाद प्रखंड नावाडीह से जे.एम रंगीला ने नवाडीह के मुखिया दिलीप कुमार ,जो खुद कृषि कार्य से जुड़े हुए हैं और किसान के स्थिति के बारे में बता रहे है कि देश की आज़ादी के 70 वर्ष हो जाने के बावजुद देश के किसान की हालत में कोई सुधार नहीं आई है ,क्योंकि देश में कई सरकारें बनी साथ ही कई नेता देश के प्रधानमंत्री भी बने। पद ग्रहण करते दौरान सभी नेता देश के किसानों के हित से जुड़े कई वादें किये। परन्तु वह वादा आज तक पूरा नहीं हो सका।जिससे कारण आज देश के किसान की स्थिति काफी ख़राब हो गई है। आज किसान मज़बूरी में बस कृषि कार्य से जुड़े हुए हैं। सरकार ने किसान की स्थिति पर आज तक ध्यान नहीं दिया।राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने किसानों से यह वादा भी किया था, कि किसानों की आय दो वर्ष में दुगनी कर दी जाएगी परन्तु सरकार के पास किसानों की आमदनी का कोई डाटा नहीं है ,आज देश के किसानों की सबसे बड़ी समस्या है, पानी है। क्योंकि अगर वर्षा नहीं होती है तो किसान को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि आज धरातल पर जल का श्रोत काफी नीचे चला गया है।