Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

जिला गोड्डा से सुरेंद्र सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि मनरेगा में मजदूरों से काम कराने के बाद उन्हें 150 रुपया ही दिया जाता है जिसमे 35 से 40 % कमीशन के रूप से मुखिया ले लेते हैं।जिसके कारण कोई भी मजदुर इस योजना में कार्य करने के इच्छुक नहीं रहते हैं

Transcript Unavailable.

गोड्डा जिले से सुरेंदर सिंह जी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि देश में पश्चिमी सभ्यता का अनुकरण ज्यादा किया जा रहा है ,इस वजह से बड़े -बुजुर्गों और माता -पिता के सम्मान में कमी आई है।युवा पीढ़ी की सोच में पाश्चात्य संस्कृति की झलक मिलती है ,जिसमें माँ -पिता के रहने या नही रहने से कोई फर्क नही पड़ता है।साथ ही टी वी ,मोबाइल और इंटरनेट का अचानक से समाज में बढ़ते प्रभाव के कारण ,युवा -पीढ़ी बुजुर्गो को महत्व नहीं दे रही है।भारतीय सभ्यता और संस्कृति को सभी भूल गए हैं।पाश्चात्य संस्कृति का ऐसा ही प्रभाव जारी रहा तो ,भारत का पतन निश्चित है

गोड्डा जिला से सुरेंदर सिंह ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि जब तक प्राइवेट या निजी स्कूलों को बंद नही किया जायेगा,तब -तक शिक्षा के स्तर में सुधार नही किया जा सकता है।प्राथमिक शिक्षा का स्तर गिरने के पीछे एक बड़ा कारण है स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी होना। शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों पर शिक्षक पूरा ध्यान नही दे पाते हैं और बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।साथ ही सरकार के तरफ से स्कूलों में "मिड-डे -मील" की व्यवस्था की गई है।जिसमें बच्चों को दोपहर का भोजन कराया जाता है।इस "मिड-डे -मील" कार्यक्रम के कारण बच्चों का मन पढाई में नहीं लगता है ,उनका पूरा ध्यान खाने के ऊपर रहता है पढ़ाई में अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं।और एक बात गौर वाली यह भी है कि वर्तमान में समृद्ध घरों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जाते हैं और गरीब एवं असहाय परिवार के बच्चे सरकारी स्कूल जाते हैं।सरकार की लापरवाही और सरकार की उदासीन नीतियों के कारण ही शिक्षा का स्तर बहुत गिर गया है।अब तो ऐसा लगता है ,इसे सुधारना बहुत ही मुश्किल है।अत: वे कहते हैं कि स्कूलों में संचालित मध्यान भोजन कार्यक्रम को अगर बंद कर दिया जाये ,तो बच्चे अपना ध्यान खाने में नहीं बल्कि पढाई पर केन्द्रीत कर सकेंगे।साथ ही उनका मानना है कि स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों पर भी नजर रखने की भी आवश्यकता है ताकि यह पता चल पाए कि शिक्षक अपना दायित्व ठीक से निभा पा रहे हैं या नही।

गोड्डा जिले से श्रवण कुमार गुप्ता जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि हर एक पंचायत में पंचायत स्वयं सेवक का बहाली हुआ है और यह बहाली अनुबंध के आधार पर किया गया है। जिन लोगो का बहाली हुआ है उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि उन्हें इसके लिए वेतन दिया भी जयेगा या नहीं। वे चिंतित इस बात से है कि क्या इसपर अपना समय व्यतीत करना सही है या नहीं और ये भी सोच रहे है कि वे अपने आगे के भविष्य के बारे में सोचे।इनलोगो का कहना है कि पंचायत सेवक के लिए बहाली तो हो गए है लेकिन सरकार का इस पर क्या फैसला होगा, उन्हें सरकार की ओर से वेतन दिया जायेगा या फिर उन्हें अनुबंध के आधार पर रख लिया जायेगा और उनके समक्ष एक परेशानी यह भी है कि काम खत्म हो जाने पर कही उन्हें हटा तो नहीं दिया जायेगा? जो लोग इसको लेकर तैयारी कर रहे है और जो पंचायत स्वयं सेवक के लिए समर्पित है, उन्हें ही इस कार्य के लिए बहाली किया जाये। लोगो का कहना है कि सरकार को पंचायत स्वयं सेवको की बहाली अनुबंध के आधार पर नहीं बल्कि सरकारी कर्मचारी के आधार पर किया जाये।

Transcript Unavailable.

जिला गोड्ड़ा, से सुरेंदर सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है की मलेरिया के लिए सरकार के तरफ से बचाव के लिए काफी सारी सामग्रियाँ आती है।जिसे अधिकारी लोग आपस में बाँट लेते है और गरीबो तक नहीं पहुँचने देते है।सरकार जब तक इन सारी सामग्रीयों को गरीब तक नहीं पहुंचाएगी तबतक मलेरिया खत्म नहीं होगी।सरकार को इसकी जाँच करनी चाहिए और मलेरिया पर खर्च करने के लिए जो भी राशि है उसे खर्च करे तब ही मलेरिया खत्म होगी।

Transcript Unavailable.