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झारखंड राज्य ज़िला बोकारो के नावाडीह प्रखंड से सुमंत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताते हैं कि राज्य और केंद्र सरकार के द्वारा जो भी विकास कार्य किया जाता है, और जो भी निरीक्षण समय -समय पर होता है । वह पंचायती राज के चुनौतियों के कारण गाँव के लोगों को नहीं मिला पाता है। यदि कोई सरकारी कर्मचारी इस योजना का सही तरीके से निर्वाहन करते है, तो देश के राजनैतिक लोग उस ईमानदार कर्मचारी पर बहुत दबवा डालते है, जिसके कारण कर्मचारी विकास कार्य नहीं कर पाते है।और योजना का पूरा लाभ भ्रष्ट अधिकारी लोग उठाते हैं। भ्रष्टाचार के रास्ते में आ कर देश के ईमानदार अधिकारियों को डरा -धमका कर विकास कार्य में अव्रुद्धा डालते है।अगर विकास कार्य को आगे बढ़ाना है, तो सरकार को इस भ्रष्ट अधिकारीयों के ऊपर कड़ी से कड़ी करवाई करनी चाहिए। क्योंकि प्रशासनिक अधिकारी की आपसी ईर्ष्या के कारण ग्रामीणों को सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। पंचायती राज और ज़िला नियोजन परिसद में सरकार की ओर से जो विकास कार्य के लिए राशि दी जाती है. उसमें से अधिकांश राशि को अधिकारी अपने -अपने जेब में रख लेते है।जो 15 %राशि बचती है उसे विकास कार्य में लगाया जाता है। जिससे की विकास कार्य अवरुद्ध हो जाता है। ग्रामीण लोगों का विकस नहीं हो पता है वे अशिक्षित रह जाते है।
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झारखण्ड मोबाइल वाणी का कृषि कार्यक्रम का असर कृषि क्षेत्रो में देख जा रहा है. धनबाद मोबाइल वाणी के प्रभारी जेएम रंगीला जी ने हमे जानकरी दी की कृषि क्षेत्रों में झारखण्ड मोबाइल वाणी का असर देख जा रहा है.इस कर्यक्रम को लगातर चलाते रहना चहिये। ये कहना है किसानों का और उन्होंने कहा की गाँव के लोग और किसान भई इस कार्यक्रम को सुनते है, और इस कार्यक्रम माध्यम से किसानो को उन्नत खेती की जानकारी मिलती है। जो की झारखण्ड मोबाइल वाणी का एक अच्छा कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम को सुनाने से उन्हें खेती कैसे की जाती है ,और कौन -कौन से खाद्य खेतों में डाला जये ये सब जानकारी इस कर्यक्रमके माध्य्म किसानो को मिला पा रहा है।
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झारखण्ड राज्य के बोकारो जिले से सुमंत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है यहां की ज्यादातर जनसँख्या मुख्यतः कृषि कार्य से जुड़े हुए हैं। भारत में गांवों के विकास का आधार मुख्यतः कृषि ही है। क्योंकि कृषि के बिना विकास सम्भव नहीं है। भारत आजाद होने के साथ ही बेरोजगारी को समूल रूप से समाप्त करने के प्रयास जुटी और इसके लिए सरकार ने पंचवर्षीय योजना को प्रारम्भ किया। लेकिन सरकार विकास के स्तर तक नहीं पहुंच सकी। इस विफलता का मुख्य कारण यह है कि सरकार के कथनी और करनी में काफी अंतर् हैं। जैसा की सभी जानते हैं कि भारत में ग्रामीण जनता रहती है। गांव के विकास के बिना शहरों की निर्माण की कल्पना नहीं की जा सकती क्योंकि केवल सरकारी नौकरी,उधोग, व्यपार से भारत उन्नति नहीं कर सकता है। वे कहते हैं कि लोगों की भूख केवल पैसे से नहीं मिटती बल्कि इसके लिए खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है, जो मूलतः गांवों में ही मिलती है। सरकार ने गांवों के विकास हेतु जो योजनाएं चलाई वो केवल कागजों पर ही सिमट कर रह गई है। जिसका प्रमाण पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गाँधी के भाषण से ज्ञात होता है कि गांव के विकास हेतु सरकार एक रूपए उपलब्ध कराती है , तो उनमें से केवल पांच पैसे ही जनता तक पहुंच पाती है। इस प्रकार से ना तो सरकार गांव का विकास कर सकती है और ना ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा एवं चिकित्सा सुविधा प्रदान कर सकती है
झारखण्ड के बोकारो जिला के चन्द्रपुरा प्रखण्ड से नरेश महतो जी झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम बता रहे है कि झारखण्ड राज्य के विभिन्न जिलों से दूसरे राज्यों में अपनी जीविका चलाने, रोजगार पाने तथा अपनी बदहाल जीवन से तंग आकर लोग पलायन कर रहे है।और हमारा संविधान भी इससे सहमत है।परन्तु बहुत से पलायन करने वाले व्यक्ति सुरक्षित पलायन नहीं करते है। पलायन करने वाले व्यक्ति का किसी प्रकार का घटना या दुर्धटना होने पर, उस व्यक्ति के परिवार वालों को मुवाबजा मिल सके। इनका कहना है की ऐसे तो हमारा राज्य अनेक प्रकार की खनिज सम्पदाओं से भरा पड़ा है। फिर भी यहाँ की जनता बदहाल जीवन जीने को मजबूर है।इसलिए पलायन करने वाले मजदूरों को श्रम नियोजन कार्यालय में जाकर निबंधन करा लेना चाहिए।इससे पलायन करने वाले व्यक्ति तथा उसके आश्रितों को क्षतिपूर्ति का मुवाबजा मिल सके।बहुत से लोग पलायन कर रहे है।लोगों को काम दिलवाने का झांसा देकर उनसे जोखिम भरा काम करवाया जाता है।ऐसी परिस्थियों में उन्हें अपनी जान भी गंवानी पड़ती है।और दूसरे प्रांतो से सिर्फ उनकी लाशें वापस आती है।ऐसे में समय-समय पर जनप्रतिनिधियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों को जन सभा का आयोजन कर श्रम नियोजन के कार्यालय में निबंधन करवाने हेतुः जागरूकता लाने की जरुरत है।तभी लोग सुरक्षित पलायन कर सकते है।
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